民数记 4 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

民数记 4:1-49

哥辖子孙的职责

1耶和华对摩西亚伦说: 2“你要按宗族和家系统计利未人中哥辖子孙的人数, 3登记所有可在会幕司职的三十岁到五十岁的男子。 4他们在会幕里的职责是照料至圣之物。

5“拔营出发的时候,亚伦父子们要进会幕解下圣所和至圣所之间的幔子,用它遮盖约柜, 6再在上面依次盖上海狗皮和纯蓝色的布,然后穿上抬约柜的横杠。

7“要在摆放供饼的桌子上铺一块蓝布,把盘、碟及献酒用的杯和瓶摆在上面。桌上要有常供的饼。 8这些东西上面要盖朱红色的布,再盖上海狗皮,然后穿上抬桌子的横杠。

9“要用蓝布把灯台、灯盏、灯剪、灯盘和盛油的器皿全遮盖起来, 10再在上面盖上海狗皮,然后放在抬架上。

11“金坛上面要盖蓝色布,再盖上海狗皮,穿上抬金坛的横杠。

12“圣所里面供职用的一切器皿都要用蓝色布包好,盖上海狗皮,放在抬架上。

13“要清除祭坛上的灰烬,铺上紫色布, 14然后把供职用的火鼎、肉叉、铲、碗等所有的祭坛器具都放在上面,再盖上海狗皮,穿上抬祭坛的横杠。

15“拔营出发时,要等到亚伦父子们把圣所和圣所的所有器具都盖好后,哥辖的子孙才可以来抬。他们负责抬这些会幕的器具,但不可触摸这些圣物,免得死亡。 16亚伦祭司的儿子以利亚撒负责管理整个圣幕,以及里面的灯油、香料、日常献的素祭、膏油及一切器具和物品。”

17耶和华对摩西亚伦说: 18“不可让哥辖宗族在利未人中灭绝。 19他们走近至圣之物以前,亚伦父子们要先进去指派他们做什么、抬什么,以免他们死亡。 20他们不可进去看圣物,一刻都不可,免得死亡。”

革顺子孙的职责

21耶和华对摩西说: 22“你要按宗族和家系统计革顺子孙的人数, 23登记所有可在会幕司职的三十岁到五十岁的男子。 24以下是革顺宗族负责的搬运工作及其他事务:

25“他们要抬圣幕的幔子、会幕、会幕顶盖、顶盖上的海狗皮、会幕门帘、 26围绕圣幕和祭坛的院子的帷幔、院门门帘、绳索及司职用的一切器具,还负责其他相关事务。 27你们要把抬的任务分配给革顺的子孙,他们要遵照亚伦父子们的吩咐司职。 28这是革顺宗族的人在会幕里的职责,他们要按祭司亚伦的儿子以他玛的吩咐司职。

米拉利子孙的职责

29“你要按宗族和家系统计米拉利子孙的人数, 30登记所有可在会幕司职的三十岁到五十岁的男子。 31他们在会幕里负责抬圣幕的木板、横闩、柱子、带凹槽的底座, 32院子四周的柱子及其带凹槽的底座、橛子、绳索和其他相关器具。你们要把当抬的物件一一指派给他们。 33这是米拉利宗族的人在会幕的职责,由祭司亚伦的儿子以他玛监督。”

34于是,摩西亚伦和会众的首领按宗族和家系统计哥辖的子孙, 35登记了所有可在会幕司职的三十岁到五十岁的男子, 36共两千七百五十人。 37这是哥辖宗族在会幕司职的人数,是摩西亚伦照耶和华的吩咐统计的。

38-40按宗族和家系统计,革顺的子孙中三十岁到五十岁、可在会幕司职的共两千六百三十人。 41这是革顺宗族在会幕司职的人数,是摩西亚伦照耶和华的吩咐统计的。

42-44按宗族和家系统计,米拉利的子孙中三十岁到五十岁、可在会幕司职的共三千二百人。 45这是米拉利宗族的人数,是摩西亚伦照耶和华的吩咐统计的。

46摩西亚伦以色列人的首领按宗族和家系统计了利未人的人数, 47-48三十岁到五十岁、可司职和搬运会幕器具的利未人,共八千五百八十人。 49照耶和华对摩西的吩咐,每个人都被统计在内,都有指定的职责和当抬的器具。这样,照耶和华对摩西的吩咐,人口统计完毕。

Hindi Contemporary Version

गणना 4:1-49

कोहाथ के घराने का कार्य

1इसके बाद याहवेह ने मोशेह तथा अहरोन को यह आज्ञा दी: 2“लेवी के घराने में से, परिवारों के अनुसार कोहाथ के घराने की गिनती उनके कुल और परिवारों के अनुसार करो. 3तीस से पचास वर्ष की आयु के सभी पुरुषों की गणना करोगे. ये वे सभी होंगे, जो मिलनवाले तंबू में सेवा करने के लिए चुने जाते हैं.

4“कोहाथ के घराने के लिए मिलनवाले तंबू में परम पवित्र वस्तुओं के उपयोग से संबंधित कार्य यह होगा. 5जब यात्रा के लिए छावनी कूच करने पर हो, तब अहरोन एवं उसके पुत्र भीतर जाकर ढंकने वाले पर्दे को उतारेंगे और साक्षी पत्र के संदूक को इससे ढांक देंगे. 6इसके बाद वे इस पर सूंस की खाल फैला देंगे तथा इस पर वे संपूर्ण नीले रंग के वस्त्र को फैलाकर संदूक के दोनों डंड़े उनके स्थानों में पिरो देंगे.

7“उपस्थिति रोटी की मेज़ पर भी वे एक संपूर्ण नीले रंग का वस्त्र फैला देंगे और इस पर वे बर्तन, बलि के कटोरे तथा पेय बलि की सुराहियां रख देंगे. उस पर वहां सदैव रखी जाने के लिए नियत रोटी भी रखी जाना ज़रूरी है. 8इन सबके ऊपर वे एक लाल रंग का वस्त्र फैला देंगे तथा इसके भी ऊपर होगी सूंस की खाल. इसके बाद वे इसके डंड़े उनके स्थान पर पिरो देंगे.

9“फिर वे एक नीले रंग के वस्त्र से दीवट को इसके दीपों एवं इन्हें बुझाने के उपकरण के साथ ही ढांक देंगे, इसके अलावा इसके साथ उपयोग होनेवाले बर्तन, तेल के बर्तन, जो इसके साथ ही इस्तेमाल किए जाते हैं. 10इन सभी बर्तनों को वे सूंस की खाल से ढांक देंगे तथा इसे वे उठानेवाले डंडों पर रख देंगे.

11“सोने की वेदी पर वे एक नीले रंग का वस्त्र फैला देंगे इसके बाद वे इसे सूंस की खाल से ढांक कर और फिर डंडों को इसमें पिरो देंगे.

12“इसके बाद वे पवित्र स्थान में प्रयोग के लिए ठहराए गए सभी बर्तन लेकर उन्हें एक नीले रंग के वस्त्र में रख देंगे, इसे सूंस की खाल से ढांक देंगे, और तब उठाने के डंड़े इसमें पिरो देंगे.

13“वे वेदी की राख को हटाकर उसे एक बैंगनी वस्त्र से ढांक देंगे. 14वे इसके साथ ही इससे संबंधित सारे बर्तन उस पर रख देंगे: अग्नि पात्र, अंगीठियां, कांटे, फावड़े, चिलमचियां तथा वेदी से संबंधित पात्र तथा इन सब पर वे सूंस की खाल फैला देंगे और तब उठाने के डंड़े उसके स्थान पर पिरो देंगे.

15“जब अहरोन एवं उसके पुत्र पवित्र वस्तुओं तथा पवित्र स्थान के वस्त्रों को ढांक चुकें, और छावनी कूच के लिए तैयार हो, कोहाथ के पुत्र उनको उठाने जाएं, वे यह ध्यान रखें कि किसी भी पवित्र वस्तु से वे छू न जाएं; नहीं तो उनकी मृत्यु तय है. कोहाथ के घराने की यह ज़िम्मेदारी है कि वे मिलनवाले तंबू की इन वस्तुओं को उठाया करें.

16“अहरोन के पुत्र पुरोहित एलिएज़र को, दीपों के लिए उपयोग में लाए जानेवाले तेल, सुगंधधूप, नित्य अन्‍नबलि, अभिषेक के तेल; अर्थात् पूरे साक्षी के तंबू तथा उसमें रखी वस्तुओं, पवित्र स्थान तथा संबंधित वस्तुओं की पूरी ज़िम्मेदारी होगी.”

17इसके बाद याहवेह ने मोशेह तथा अहरोन को यह आज्ञा दी, 18“यह ध्यान रखना कि लेवियों में से कोहाथियों के परिवार नष्ट न हो जाएं. 19किंतु जब वे पवित्र वस्तुओं के निकट जाएं, तो उनके जीवन की सुरक्षा की दृष्टि से यह अवश्य किया जाए: अहरोन तथा उसके पुत्र उनके साथ भीतर जाकर हर एक को उसके लिए ठहराया हुआ कार्य सौंप दें; 20किंतु किसी भी परिस्थिति में, कोहाथियों भीतर जाकर एक क्षण के लिए भी पवित्र वस्तुओं पर दृष्टि करना उनके लिए घातक सिद्ध होगा.”

गेरशोनियों के लिए निर्धारित कर्तव्य

21फिर याहवेह ने मोशेह को यह आज्ञा दी, 22“अब गेरशोन के घराने की गिनती उनके परिवारों एवं कुल के अनुसार करो. 23तीस से पचास वर्ष की आयु के सभी पुरुषों की गिनती करनी है. ये सभी वे होंगे, जो मिलनवाले तंबू में सेवा के लिए चुने जाते हैं.

24“गेरशोनियों के परिवारों के लिए ठहराई हुई सेवा इस प्रकार है: सेवा करना तथा भार उठाना. 25वे साक्षी तंबू, अर्थात् मिलनवाले तंबू के पर्दे एवं ढकने वाले वस्त्र, सूंस के चमड़े का पर्दा, मिलनवाले तंबू के द्वार के लिए पर्दा, 26उस आंगन के पर्दे जो साक्षी तंबू और वेदी के चारों ओर है, उसके द्वार का पर्दा, पर्दों की डोरें तथा काम में आनेवाले सभी सामान तथा वह सब जो सामान्यतः किया जाता है, वे करते रहेंगे. 27गेरशोनियों के लिए जो भी सेवाएं, तथा सामग्री सामान उठाने से संबंधित जवाबदारी ठहराई गई है, उनको वे सिर्फ अहरोन एवं उसके पुत्र के आदेश पर ही किया करेंगे, तथा तुम भार उठाने से संबंधित जवाबदारी उन्हें सौंप दोगे. 28गेरशोनियों का उनके परिवारों के अनुसार मिलनवाले तंबू में किए जाने के कार्यों का विवरण यही है, तथा उनकी सेवाओं के विषय में निर्देश पुरोहित अहरोन के पुत्र इथामार द्वारा प्रदान किए जाएंगे.

मेरारियों के लिए निर्धारित कार्य

29“मेरारी के पुत्रों की गिनती उनके परिवारों के अनुसार उनके पितरों के घराने में करोगे. 30तीस से पचास वर्ष की आयु के सभी पुरुषों की गिनती करनी है. ये वे होंगे, जिन्हें मिलनवाले तंबू में सेवा के लिए भर्ती किया जाता है. 31उनके द्वारा मिलनवाले तंबू की सेवा में उठाने का कार्य इस प्रकार किया जाएगा: साक्षी तंबू के पल्ले, छड़ें, खंभे, तथा आधार, 32आंगन के चारों ओर के खंभे, उनके आधार, उनकी खूंटियां, उनकी डोरियां तथा उनके उपकरण, उनके उपयोग से जुड़ी हर चीज़. तुम हर एक व्यक्ति को उसका नाम लेकर वे वस्तुएं सौंपोगे, जिनका भार वह उठाया करेगा. 33मिलनवाले तंबू में पुरोहित अहरोन के पुत्र इथामार के निर्देश में मेरारी के वंशजों के परिवारों द्वारा की जाने के लिए निर्धारित सेवा यही होगी.”

लेवी के कुलों की गिनती

34फिर मोशेह अहरोन, तथा सारी सभा के प्रधानों ने कोहाथ के घराने के परिवारों के अंतर्गत उनके पितरों और कुलों के अनुसार उनकी गिनती की.

35वे सभी, जो आयु में तीस से पचास वर्ष के पुरुष हैं, जिनकी नियुक्ति मिलनवाले तंबू की सेवा के लिए की गई थी, इसमें गिने गए. 36परिवारों के अनुसार इनकी कुल संख्या 2,750 थी. 37ये सभी कोहाथियों के परिवारों से गिने गए लोग थे; हर एक, जो मिलनवाले तंबू में सेवारत था, जिनकी गिनती मोशेह एवं अहरोन ने मोशेह को याहवेह द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार की थी.

38गेरशोन के परिवारों के अंतर्गत पितरों और कुलों के अनुसार सभी व्यक्तियों की गिनती की गई.

39वे व्यक्ति, जिनकी आयु तीस वर्ष से ऊपर तथा तीस से पचास वर्ष है, हर एक पुरुष, जिसे मिलनवाले तंबू में सेवा के लिए चुना गया, 40परिवारों के अंतर्गत, पितरों और कुलों के अनुसार गिने गए व्यक्तियों की संख्या 2,630 थी. 41ये गेरशोन के घराने के परिवारों के गिने गए समस्त व्यक्ति थे; हर एक, जो मिलनवाले तंबू में सेवा करता था. जिनकी गिनती याहवेह के आदेश के अंतर्गत मोशेह तथा अहरोन ने की.

42मेरारी के घराने की उनके परिवारों के अंतर्गत उनके पितरों और कुलों के अनुसार गिने गए.

43हर एक पुरुष, जिसकी आयु तीस वर्ष से अधिक तथा तीस से पचास वर्ष है, जिसे मिलनवाले तंबू की सेवा के लिए चुना गया था, 44परिवारों के अनुसार उनकी संख्या थी 3,200. 45ये मेरारी के घराने के परिवारों के अनुसार गिने गए समस्त व्यक्ति हैं, जिनकी गिनती मोशेह तथा अहरोन ने याहवेह के मोशेह को दिए आदेश के अंतर्गत की थी.

46मोशेह, अहरोन तथा इस्राएल के प्रधानों द्वारा सभी लेवी पुरुषों की, 47हर एक पुरुष जिनकी आयु तीस से पचास वर्ष है, जो मिलनवाले तंबू में सेवा के लिए उनके परिवारों तथा पितरों और कुलों के अनुसार गिनती की गई. 48उनकी संख्या 8,580 थी. 49यह गिनती मोशेह को याहवेह द्वारा दी गई आज्ञा के अंतर्गत की गई. हर एक व्यक्ति की गिनती की गई, जो सेवा करता था, अथवा भार उठानेवाला था.

इस प्रकार ये सभी गिने गए व्यक्ति थे; मोशेह को याहवेह द्वारा दी गई आज्ञा यही है.