列王纪下 20 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

列王纪下 20:1-21

希西迦的病危与康复

1那些日子,希西迦病危,亚摩斯的儿子以赛亚先知前来对他说:“耶和华说,‘你要交待后事,因为你要死了,你必无法康复。’” 2希西迦把脸转向墙,向耶和华祷告,说: 3“耶和华啊,求你顾念我怎样全心、忠诚地事奉你,做你视为善的事。”希西迦痛哭起来。 4当时,以赛亚还没有走出中院,耶和华对他说: 5“回去告诉我子民的首领希西迦,‘你祖先大卫的上帝耶和华说,我垂听了你的祷告,也看见了你的眼泪。我要医治你,第三天你就可以上耶和华的殿。 6我要使你的寿命增加十五年,我要从亚述王手中拯救你和这城。我要为自己和我仆人大卫的缘故保护这城。’”

7以赛亚说:“拿一块无花果饼来。”他们就拿来贴在王的疮上,他就痊愈了。

8希西迦以赛亚:“有什么兆头证明耶和华要医治我,第三天我可以上耶和华的殿呢?” 9以赛亚说:“耶和华要给你一个兆头,证明祂言出必行。你要日影前进十度还是后退十度呢?” 10希西迦说:“日影前进十度容易,让日影后退十度吧。” 11以赛亚先知向耶和华祈求,耶和华就使亚哈斯日晷上的日影后退了十度。

巴比伦的使者来访

12那时,巴拉但的儿子巴比伦米罗达·巴拉但听说希西迦病了,便派人送来书信和礼物。 13希西迦接见使者,让他们观看国库里的金银、香料、珍贵膏油、所有兵器和一切宝物。希西迦把宫中及国内的一切悉数给他们看。

14以赛亚先知来见希西迦王,问他:“这些人说了些什么?他们从哪里来?”希西迦答道:“他们来自遥远的巴比伦。” 15以赛亚问:“他们在你宫里看到了什么?”希西迦答道:“他们看到了我宫中的一切。我把国库里的一切悉数给他们看了。”

16以赛亚希西迦说:“你要听耶和华的话, 17‘看啊,时候快到了,你宫中的一切和你祖先积攒到现在的一切必被掳到巴比伦,一件不留。这是耶和华说的。 18你自己亲生的子孙中必有人被掳去,在巴比伦王的宫中做太监。’” 19希西迦以赛亚说:“耶和华借你说的话很好。”因为他想:“至少我有生之年将平安稳妥。”

20希西迦其他的事和功业,包括他建造水池和挖沟引水入城的事迹,都记在《犹大列王史》上。 21希西迦与祖先同眠后,他儿子玛拿西继位。

Hindi Contemporary Version

2 राजा 20:1-21

हिज़किय्याह की रोग और मुक्ति

1उन्हीं दिनों में हिज़किय्याह को ऐसा रोग हो गया कि वह मरने पर था. आमोज़ के पुत्र भविष्यद्वक्ता यशायाह उससे मिलने आए. उन्होंने हिज़किय्याह से कहा, “याहवेह का संदेश यह है: अपने परिवार की व्यवस्था कर लीजिए, क्योंकि आपकी मृत्यु होनी ही है, आपका रोग से ठीक हो पाना संभव नहीं.”

2यह सुन हिज़किय्याह ने अपना मुंह दीवार की ओर कर याहवेह से यह प्रार्थना की, 3“याहवेह, कृपा कर याद करें कि मैं पूरे मन से कैसे सच्चाई में आपके सामने आचरण करता रहा हूं. और मैंने वही किया है, जो आपकी दृष्टि में सही है!” तब हिज़किय्याह फूट-फूटकर रोने लगा.

4यशायाह अभी बीच के आंगन के बाहर भी न जा पाए थे, कि उन्हें याहवेह का यह संदेश प्राप्‍त हुआ: 5“लौट जाओ और मेरी प्रजा के प्रधान हिज़किय्याह से जाकर यह कहो: ‘तुम्हारे पूर्वज दावीद के परमेश्वर का संदेश यह है: मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुन ली है. मैंने तुम्हारा आंसू बहाना देखा है. यह देखना कि मैं तुम्हें चंगा कर दूंगा. तीसरे दिन तुम याहवेह के भवन को जाओगे. 6मैं तुम्हारी आयु पन्द्रह साल और बढ़ाता हूं. मैं तुम्हें और इस नगर को अश्शूर के राजा के अधिकार से मुक्त कर दूंगा. मैं अपनी महिमा और अपने सेवक दावीद के निमित्त इस नगर की रक्षा करूंगा.’ ”

7फिर यशायाह ने हिज़किय्याह के सेवकों से यह भी कहा, “सूखे अंजीरों की एक टिकिया ले आओ.” उन्होंने उसे राजा के फोड़े पर रख दिया और राजा चंगा हो गया.

8हिज़किय्याह ने यशायाह से यह प्रश्न किया था: “याहवेह मुझे चंगा कर देंगे और तीसरे दिन मैं याहवेह के भवन को जाऊंगा, इसका क्या चिन्ह होगा?”

9यशायाह ने उत्तर दिया, “याहवेह अपने वचन पूरा करेंगे, इसके लिए याहवेह की ओर से चिन्ह यह होगा: आप यह बताईये, क्या छाया दस कदम आगे जाए या दस कदम पीछे?”

10हिज़किय्याह ने उत्तर दिया, “छाया का दस कदम लंबी हो जाना आसान है. नहीं. ऐसा कीजिए कि छाया दस कदम पीछे लौट जाए.”

11भविष्यद्वक्ता यशायाह ने याहवेह की दोहाई दी और याहवेह ने छाया को दस कदम पीछे हटा दिया, जिससे छाया आहाज़ द्वारा बनवाई गई सोपानों पर दस कदम नीचे उतर चुकी थी.

बाबेल से राजदूत

12उसी समय बाबेल के राजा बलादन के पुत्र मेरोदाख-बालादान ने हिज़किय्याह को पत्र और उपहार भेजे, क्योंकि उसने राजा की बीमारी का समाचार सुन रखा था. 13हिज़किय्याह उनकी बातें ध्यान से सुनता रहा, फिर उनका स्वागत करते हुए उसने उन्हें अपना सारा खजाना, सोना-चांदी और सभी मसाले, कीमती तेल, अपना हथियार घर और अपने भंडार घर की सारी वस्तुएं दिखा दीं; यानी सभी कुछ, जो उसके खजानों में जमा था. उसके घर में या उसके सारी राज्य में ऐसा कुछ न था, जो उसने उन्हें न दिखाया हो.

14यह होने के बाद भविष्यद्वक्ता यशायाह राजा हिज़किय्याह से भेंट करने गए और उनसे कहा, “क्या कह रहे थे ये लोग? ये कहां से आए थे?”

हिज़किय्याह ने उत्तर दिया, “वे एक दूर देश से आए थे; बाबेल से.”

15भविष्यद्वक्ता यशायाह ने राजा से पूछा, “क्या-क्या देखा उन्होंने आपके घर का?”

हिज़किय्याह ने उत्तर दिया, “जो कुछ मेरे घर में है, वे सभी कुछ देख गए हैं, मेरे खजाने में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो उन्होंने न देखा हो.”

16यह सुन यशायाह ने हिज़किय्याह से कहा, “याहवेह का संदेश सुनिए: 17‘यह देख लेना कि वे दिन आ रहे हैं, जब वह सभी कुछ, जो आपके घर में है, वह सब, जो आपके पूर्वजों द्वारा आज तक इकट्ठा किया गया है, बाबेल को ले जाया जाएगा; कुछ भी बाकी न रह जाएगा,’ यह याहवेह का संदेश है. 18तुम्हारे ही अपने पुत्रों में से कुछ को, तुम्हारे ही मांस और रक्त को, बंधुआई में ले जाया जाएगा. वे बाबेल के राजा के राजघराने में नपुंसक बना दिए जाएंगे.”

19तब हिज़किय्याह ने यशायाह से कहा, “याहवेह का वचन जो तुमने कहा वह भला ही है!” फिर कहा, “कम से कम मेरे जीवनकाल में तो शांति एवं सुरक्षा तो बनी रहेगी!”

20हिज़किय्याह द्वारा किए गए बाकी कामों का, उसकी वीरता का, और उसके द्वारा बनाए गए जलाशय और नगर में नहरों द्वारा जल पहुंचने का ब्यौरा यहूदिया के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है. 21हिज़किय्याह हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में जा मिला. उसके स्थान पर उसके पुत्र मनश्शेह ने शासन करना शुरू किया.