但以理书 1 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

但以理书 1:1-21

但以理被掳到巴比伦

1犹大约雅敬执政第三年,巴比伦尼布甲尼撒前来围攻耶路撒冷2主将犹大约雅敬及上帝殿中的部分器具交在他手中。他把器具掳到巴比伦1:2 巴比伦”希伯来文是“示拿”,巴比伦的别称。的神庙,放在他神明的库房里。

3王吩咐太监长亚施毗拿以色列的王室贵族中选一些人, 4即毫无残疾、相貌英俊、学问渊博、知识丰富、聪慧善学、能在王宫服侍的青年,教他们迦勒底的语言和文字。 5王安排他们每日享用一份御用的膳食和酒。他们要受教养三年,期满后好在王身边供职。 6被选的人中有犹大族的但以理哈拿尼雅米沙利亚撒利雅7太监长给他们起了名字:称但以理伯提沙撒哈拿尼雅沙得拉米沙利米煞亚撒利雅亚伯尼歌

8然而,但以理决心不用王的膳食和酒,以免玷污自己。他请求太监长准许他不玷污自己。 9上帝使但以理得到太监长的恩待和同情。 10不过,太监长对但以理说:“我惧怕我主我王,因为这是他安排给你们的饮食。如果他看见你们比同龄的青年瘦弱,如何是好?你们会使我在王面前人头难保。” 11但以理便对太监长派来监管他、哈拿尼雅米沙利亚撒利雅的人说: 12“求你试试看,十天内只让仆人们吃素菜、喝清水, 13然后比较一下我们的面貌和那些用御膳的青年的面貌,看了之后再作决定。” 14监管同意试他们十天。 15十天后,但以理和他三个朋友看上去比那些用御膳的青年更俊美健康。 16于是,监管撤去了安排给他们的膳食和酒,只给他们素菜。

17上帝使这四个青年精通各样学问和知识。但以理能明白各种异象和梦兆。 18到了尼布甲尼撒王规定青年们进宫的日子,太监长便带他们去见王。 19王与他们谈话,发现无人比得上但以理哈拿尼雅米沙利亚撒利雅,便把他们留在身边供职。 20王询问他们各样的事,发现他们的智慧和聪明比全国的术士和巫师高十倍。 21直到塞鲁士王元年,但以理仍在那里供职。

Hindi Contemporary Version

दानिएल 1:1-21

बाबेल में दानिएल का प्रशिक्षण

1यहूदिया के राजा यहोइयाकिम के शासन के तीसरे वर्ष में, बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र ने आकर येरूशलेम को घेर लिया. 2और प्रभु ने यहूदिया के राजा यहोइयाकिम को परमेश्वर के मंदिर के कुछ पात्रों सहित नबूकदनेज्ज़र के अधीन कर दिया. इन चीज़ों को वह शीनार देश में अपने देवता के मंदिर में ले आया और वह उन्हें अपने देवता के कोषागार में रख दिया.

3तब राजा ने अपने दरबार के अधिकारियों के प्रधान ऐशपेनाज को आदेश दिया कि राजपरिवार और कुलीन वर्ग के कुछ इस्राएलियों को राजा की सेवा में लाया जाय— 4ये ऐसे जवान हों, जिनमें किसी प्रकार का शारीरिक खोट न हो, सुंदर हों, हर प्रकार की बात सीखने की सामर्थ्य हो, अच्छे जानकार हों, तुरंत समझनेवाले हों, और राजा के महल में सेवा करने की योग्यता हो. राजा ने प्रधान को आदेश दिया कि इन्हें बाबेलवासियों की भाषा और साहित्य की शिक्षा दे. 5राजा ने अपने स्वयं के भोजन पदार्थों में से उन्हें प्रतिदिन का भोजन और दाखमधु देने की आज्ञा दी. राजा ने यह भी कहा कि उन्हें तीन वर्ष तक प्रशिक्षित किया जाए, और उसके बाद उन्हें राजा के सेवा में लाया जाय.

6जो चुने गये थे, उनमें से कुछ यहूदाह के वंश के थे: दानिएल, हननियाह, मिषाएल तथा अज़रियाह. 7प्रधान अधिकारी ने उन्हें नये नाम दिये: दानिएल को बैलशत्सर, हननियाह को शद्रख, मिषाएल को मेशेख तथा अज़रियाह को अबेद-नगो.

8पर दानिएल ने यह निश्चय कर लिया कि वह शाही भोजन और दाखमधु सेवन करने के द्वारा स्वयं को अशुद्ध नहीं करेगा और इस प्रकार से अपने आपको अशुद्ध न करने के लिये उसने प्रधान अधिकारी से अनुमति मांगी. 9परमेश्वर ने अधिकारी के मन में यह बात डाल दी कि वह दानिएल के प्रति कृपादृष्टि एवं दया दिखाये, 10पर अधिकारी ने दानिएल से कहा, “मुझे अपने प्रभु राजा का भय है, जिन्होंने तुम्हारे खाने-पीने की वस्तुओं का निर्धारण किया है. कहीं ऐसा न हो कि वह तुम्हें तुम्हारे उम्र के दूसरे जवानों से कमजोर देखे? और तब तुम्हारे कारण, राजा मुझे मार डाले.”

11तब दानिएल ने उस पहरेदार से कहा, जिसे प्रधान अधिकारी ने दानिएल, हननियाह, मिषाएल तथा अज़रियाह के देखभाल के लिए ठहराया था, 12“कृपा कर आप दस दिन तक अपने सेवकों को परखकर देखें: खाने के लिये हमें सिर्फ साग-पात और पीने के लिये सिर्फ पानी दिया जाए. 13तब हमारे शरीर से उन जवानों की तुलना किया जाए, जो शाही भोजन खाते हैं, और उसके बाद आपको जैसा दिखे उसके अनुसार आप अपने सेवकों से व्यवहार करें.” 14पहरेदार ने उसकी बात मान ली और दस दिन तक उन्हें परखकर देखा.

15दस दिन के बाद वे उन जवानों से ज्यादा स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट दिखे, जो शाही भोजन करते थे. 16इसलिये पहरेदार ने उनके लिए ठहराए उत्तम भोजन और दाखमधु को हटाकर उन्हें बदले में साग-पात देने लगा.

17इन चारों जवानों को परमेश्वर ने सब प्रकार के साहित्य और विद्या का ज्ञान और समझ दी. और दानिएल सब प्रकार के दर्शनों तथा स्वप्नों को भी समझ लेता था.

18तब जितने दिन बाद राजा ने उन जवानों को अपनी सेवा में लाने के लिये कहा था, उतने दिनों के पूरे होने पर प्रधान अधिकारी उन्हें नबूकदनेज्ज़र के सामने ले गया. 19राजा ने सब जवानों से बातें की और उसकी नजर में दानिएल, हननियाह, मिषाएल और अज़रियाह के बराबर कोई अन्य जवान न ठहरा; इसलिये वे राजा की सेवा में चुन लिये गए. 20बुद्धि और समझ के बारे में राजा ने उनसे जितने भी प्रश्न किए, वे राजा के सारे राज्य के सब ज्योतिषियों एवं तांत्रिकों से दस गुणा उत्तम पाये गए.

21और दानिएल राजा कोरेश के शासनकाल के पहले साल तक वहां सेवा करता रहा.