प्रकाशन 19:11-21 HCV

प्रकाशन 19:11-21

घुड़सवार सफ़ेद घोड़े पर

तब मैंने स्वर्ग खुला हुआ देखा. वहां मेरे सामने एक घोड़ा था. उसका रंग सफ़ेद था तथा जो उस पर सवार है, वह विश्वासयोग्य और सत्य कहलाता है. वह धार्मिकता में न्याय और युद्ध करता है. उसकी आंखें अग्नि की ज्वाला हैं, उसके सिर पर अनेक मुकुट हैं तथा उसके शरीर पर एक नाम लिखा है, जो उसके अलावा दूसरे किसी को मालूम नहीं. वह लहू में डुबाया हुआ वस्त्र धारण किए हुए है और उसका नाम है परमेश्वर का शब्द. स्वर्ग की सेनाएं उत्तम मलमल के सफ़ेद तथा स्वच्छ वस्त्रों में सफ़ेद घोड़े पर उसके पीछे-पीछे चल रही थी. उसके मुंह से एक तेज तलवार निकली कि वह उससे राष्ट्रों का विनाश करे. वह लोहे के राजदंड से उन पर राज्य करेगा.19:15 स्तोत्र 2:9 वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के क्रोध की जलजलाहट के दाखरस का रसकुंड रौंदेगा. उसके वस्त्र और उसकी जांघ पर जो नाम लिखा है, वह यह है:

राजाओं का राजा, प्रभुओं का प्रभु.

तब मैंने एक स्वर्गदूत को सूर्य में खड़ा हुआ देखा, जिसने ऊंचे आकाश में उड़ते हुए पक्षियों को संबोधित करते हुए कहा, “आओ, प्रभु के आलीशान भोज के लिए इकट्ठा हो जाओ कि तुम राजाओं, सेनापतियों, शक्तिशाली मनुष्यों, घोड़ों, घुड़सवारों तथा सब मनुष्यों का—स्वतंत्र या दास, साधारण या विशेष, सबका मांस खाओ.”

तब मैंने देखा कि हिंसक पशु तथा पृथ्वी के राजा और उनकी सेनाएं उससे, जो घोड़े पर बैठा है तथा उसकी सेना से युद्ध करने के लिए इकट्ठा हो रही हैं. तब उस हिंसक पशु को पकड़ लिया गया. उसके साथ ही उस झूठे भविष्यवक्ता को भी, जो उस पशु के नाम में चमत्कार चिह्न दिखाकर उन्हें छल रहा था, जिन पर उस हिंसक पशु की मुहर छपी थी तथा जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे. इन दोनों को जीवित ही गंधक से धधकती झील में फेंक दिया गया. शेष का संहार उस घुड़सवार के मुंह से निकली हुई तलवार से कर दिया गया तथा सभी पक्षियों ने ठूंस-ठूंस कर उनका मांस खाया.

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