स्तोत्र 91:9-16 HCV

स्तोत्र 91:9-16

याहवेह, आप, जिन्होंने सर्वोच्च स्थान को अपना निवास बनाया है,

“मेरे आश्रय हैं.”

कोई भी विपत्ति तुम पर आने न पाएगी

और न कोई विपत्ति ही तुम्हारे मंडप के निकट आएगी.

क्योंकि वह अपने स्वर्गदूतों को तुम्हारी हर एक

गतिविधि में तुम्हारी सुरक्षा का आदेश देंगे;

वे तुम्हें अपने हाथों में उठा लेंगे,

कि कहीं तुम्हारे पांव को पत्थर से ठोकर न लग जाए.

तुम सिंह और नाग को कुचल दोगे;

तुम पुष्ट सिंह और सर्प को रौंद डालोगे.

यह याहवेह का आश्वासन है, “मैं उसे छुड़ाऊंगा, क्योंकि वह मुझसे प्रेम करता है;

मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, क्योंकि उसने मेरी महिमा पहचानी है.

जब वह मुझे पुकारेगा, मैं उसे उत्तर दूंगा;

संकट की स्थिति में मैं उसके साथ रहूंगा,

उसे छुड़ाकर मैं उसका सम्मान बढ़ाऊंगा.

मैं उसे दीर्घायु से तृप्‍त करूंगा

और मैं उसे अपने उद्धार का अनुभव कराऊंगा.”

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