स्तोत्र 9:13-20
हे याहवेह, मुझ पर कृपादृष्टि कीजिए! मेरी पीड़ा पर दृष्टि कीजिए.
आप ही हैं, जो मुझे मृत्यु-द्वार के निकट से झपटकर उठा सकते हैं,
कि मैं ज़ियोन की पुत्री के द्वारों
के भीतर आपके हर एक गुण का वर्णन करूं,
कि मैं आपके द्वारा किए उद्धार में उल्लसित होऊं.
अन्य जनता उसी गड्ढे में जा गिरे, जिसे स्वयं उन्हीं ने खोदा था;
उनके पैर उसी जाल में जा फंसे, जिसे उन्होंने बिछाया था.
याहवेह ने स्वयं को प्रकट किया, उन्होंने न्याय सम्पन्न किया;
दुष्ट अपने ही फंदे में उलझ कर रह गए.
दुष्ट अधोलोक में लौट जाएंगे, यही नियति है उन सभी राष्ट्रों की भी,
जिन्होंने परमेश्वर की उपेक्षा की है.
दीन दरिद्र सदा भुला नहीं दिए जाएंगे;
पीड़ितों की आशा सदा के लिए चूर नहीं होगी.
याहवेह, आप उठ जाएं, कि कोई मनुष्य प्रबल न हो जाए;
जनताओं का न्याय आपके सामने हो.
याहवेह, आप उन्हें भयभीत कर दें;
जनताओं को यह बोध हो जाए कि वे मात्र मनुष्य हैं.