स्तोत्र 85:8-13 HCV

स्तोत्र 85:8-13

जो कुछ याहवेह परमेश्वर कहेंगे, वह मैं सुनूंगा;

उन्होंने अपनी प्रजा, अपने भक्तों के निमित्त शांति की प्रतिज्ञा की है.

किंतु उपयुक्त यह होगा कि वे पुनः मूर्खता न करें.

इसमें कोई संदेह नहीं कि उनकी ओर से उद्धार उन्हीं के लिए निर्धारित है,

जो उनके श्रद्धालु हैं, कि हमारे देश में उनका तेज भर जाए.

करुणा-प्रेम तथा सच्चाई आपस में मिल गई हैं;

धार्मिकता तथा शांति ने एक दूसरे का चुंबन ले लिया.

पृथ्वी से सच्चाई उगती रही है,

धार्मिकता स्वर्ग से यह देख रही है.

इसमें कोई संदेह नहीं कि याहवेह वही प्रदान करेंगे, जो उत्तम है,

और धरती अपनी उपज देगी.

धार्मिकता आगे-आगे चलेगी

और वही हमारे कदम के लिए मार्ग तैयार करती है.

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