स्तोत्र 84:1-7 HCV

स्तोत्र 84:1-7

स्तोत्र 84

संगीत निर्देशक के लिये. गित्तीथ84:0 शीर्षक: शायद संगीत संबंधित एक शब्द पर आधारित. कोराह के पुत्रों की रचना. एक स्तोत्र.

सर्वशक्तिमान याहवेह,

कैसा मनोरम है आपका निवास स्थान!

मेरे प्राण याहवेह के आंगनों की उत्कट अभिलाषा करते हुए

मूर्छित तक हो जाते हैं;

मेरा हृदय तथा मेरी देह

जीवन्त परमेश्वर का स्तवन करने लगती है.

सर्वशक्तिमान याहवेह, मेरे राजा, मेरे परमेश्वर,

आपकी वेदी के निकट ही गौरैयों को आवास,

तथा अबाबील को अपने बच्चों को रखने के लिए,

घोसले के लिए, स्थान प्राप्‍त हो गया है.

धन्य होते हैं वे, जो आपके आवास में निवास करते हैं;

वे निरंतर आपका स्तवन करते रहते हैं.

धन्य होते हैं वे, जिनकी शक्ति के स्रोत आप हैं,

जिनके हृदय में ज़ियोन का राजमार्ग हैं.

जब वे बाका घाटी84:6 बाका घाटी आंसू की घाटी में से होकर आगे बढ़ते हैं, उसमें झरने फूट पड़ते हैं;

शरदकालीन वर्षा से जलाशय भर जाते हैं.

शरदकालीन वृष्टि उस क्षेत्र को आशीषों से भरपूर कर देती है.

तब तक उनके बल उत्तरोत्तर वृद्धि होती जाती है,

जब तक फिर ज़ियोन पहुंचकर उनमें से हर एक परमेश्वर के सामने उपस्थित हो जायें.

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