स्तोत्र 57:1-6 HCV

स्तोत्र 57:1-6

स्तोत्र 57

संगीत निर्देशक के लिये. “अलतशख़ेथ” धुन पर आधारित. दावीद की मिकताम57:0 शीर्षक: शायद साहित्यिक या संगीत संबंधित एक शब्द गीत रचना. यह उस घटना का संदर्भ है, जब दावीद शाऊल की उपस्थिति से भागकर कन्दरा में जा छिपे थे.

मुझ पर कृपा कीजिए, हे मेरे परमेश्वर, कृपा कीजिए,

क्योंकि मैंने आपको ही अपना आश्रय-स्थल बनाया है.

मैं आपके पंखों के नीचे आश्रय लिए रहूंगा,

जब तक विनाश मुझ पर से टल न जाए.

मैं सर्वोच्च परमेश्वर को पुकारता हूं,

वही परमेश्वर, जो मुझे निर्दोष ठहराते हैं.

वह स्वर्ग से सहायता भेजकर मेरा उद्धार करेंगे;

जो मुझे कुचलते हैं उनसे उन्हें घृणा है.

परमेश्वर अपना करुणा-प्रेम57:3 करुणा-प्रेम मूल में ख़ेसेद इस हिब्री शब्द के अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये सब शामिल हैं तथा अपना सत्य प्रेषित करेंगे.

मैं सिंहों से घिर गया हूं;

मैं हिंसक पशुओं समान मनुष्यों के मध्य पड़ा हुआ हूं.

उनके दांत भालों और बाणों समान,

तथा जीभें तलवार समान तीक्ष्ण हैं.

परमेश्वर, आप सर्वोच्च स्वर्ग में बसे हैं;

आपका तेज समस्त पृथ्वी को भयभीत करें.

उन्होंने मेरे मार्ग में जाल बिछाया है;

मेरा प्राण डूबा जा रहा था.

उन्होंने मेरे मार्ग में गड्ढा भी खोद रखा था,

किंतु वे स्वयं उसी में जा गिरे हैं.

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