स्तोत्र 25:8-15 HCV

स्तोत्र 25:8-15

याहवेह भले एवं सत्य हैं,

तब वह पापियों को अपनी नीतियों की शिक्षा देते हैं.

विनीत को वह धर्ममय मार्ग पर ले चलते हैं,

तथा उसे अपने मार्ग की शिक्षा देते हैं.

जो याहवेह की वाचा एवं व्यवस्था का पालन करते हैं,

उनके सभी मार्ग उनके लिए प्रेमपूर्ण एवं विश्वासयोग्य हैं.

याहवेह, अपनी महिमा के निमित्त,

मेरा अपराध क्षमा करें, यद्यपि मेरा अपराध घोर है.

तब कौन है वह मनुष्य, जो याहवेह से डरता है?

याहवेह उस पर वह मार्ग प्रकट करेंगे, जिस पर उसका चलना भला है.

तब समृद्ध होगा उसका जीवन,

और उसकी सन्तति उस देश पर शासन करेगी.

अपने श्रद्धालुओं पर ही याहवेह अपने रहस्य प्रकाशित करते हैं;

उन्हीं पर वह अपनी वाचा प्रगट करते हैं.

मेरी आंखें एकटक याहवेह को देख रहीं हैं,

क्योंकि वही मेरे पैरों को फंदे से मुक्त करेंगे.

Read More of स्तोत्र 25