स्तोत्र 22:12-21
अनेक सांड़ मुझे घेरे हुए हैं;
बाशान के सशक्त सांड़ों ने मुझे घेर रखा है.
उन्होंने अपने मुंह ऐसे फाड़ रखे हैं
जैसे गरजनेवाले हिंसक सिंह अपने शिकार को देख मुख फाड़ते हैं.
मुझे जल के समान उंडेल दिया गया है,
मेरी हड्डियां जोड़ों से उखड़ गई हैं.
मेरा हृदय मोम समान हो चुका है;
वह भी मेरे भीतर ही भीतर पिघल चुका है.
मेरा मुंह ठीकरे जैसा शुष्क हो चुका है,
मेरी जीभ तालू से चिपक गई है;
आपने मुझे मृत्यु की मिट्टी में छोड़ दिया है.
कुत्ते मुझे घेरकर खड़े हुए हैं,
दुष्टों का समूह मेरे चारों ओर खड़ा हुआ है;
उन्होंने मेरे हाथ और पांव छेद दिए हैं.
अब मैं अपनी एक-एक हड्डी गिन सकता हूं;
लोग मुझे ताकते हुए मुझ पर कुदृष्टि डालते हैं.
उन्होंने मेरा बाहरी कपड़ा आपस में बांट लिया,
और मेरे अंदर के वस्त्र के लिए पासा फेंका.
किंतु, याहवेह, आप मुझसे दूर न रहें.
आप मेरी शक्ति के स्रोत हैं; मेरी सहायता के लिए देर मत लगाइए.
तलवार के प्रहार से तथा कुत्तों के आक्रमण से,
मेरे जीवन की रक्षा करें.
सिंहों के मुंह से तथा वन्य सांड़ों के सीगों से,
मेरी रक्षा करें.