स्तोत्र 147:1-11 HCV

स्तोत्र 147:1-11

स्तोत्र 147

याहवेह का स्तवन करो.

शोभनीय है हमारे परमेश्वर का गुणगान करना,

क्योंकि यह सुखद है और स्तवन गान एक धर्ममय कार्य है!

येरूशलेम के निर्माता याहवेह हैं;

वह इस्राएल में से ठुकराए हुओं को एकत्र करते हैं.

जिनके हृदय भग्न हैं, वह उन्हें चंगा करते हैं,

वह उनके घावों पर पट्टी बांधते हैं.

उन्होंने ही तारों की संख्या निर्धारित की है;

उन्होंने ही हर एक को नाम दिया है.

पराक्रमी हैं हमारे प्रभु और अपार है उनका सामर्थ्य;

बड़ी है उनकी समझ.

याहवेह विनम्रों को ऊंचा उठाते

तथा दुर्जनों को धूल में मिला देते हैं.

धन्यवाद के साथ याहवेह का स्तवन गान करो;

किन्‍नोर की संगत पर परमेश्वर की वंदना करो.

वही आकाश को बादलों से ढांक देते हैं;

वह पृथ्वी के लिए वर्षा की तैयारी करते

और पहाड़ियों पर घास उपजाते हैं.

वही पशुओं के लिए आहार नियोजन

तथा चिल्लाते हुए कौवे के बच्चों के लिए भोजन का प्रबंध करते हैं.

घोड़े के बल में उन्हें कोई रुचि नहीं है,

और न ही किसी मनुष्य के शक्तिशाली पैरों में.

याहवेह को प्रसन्‍न करते हैं वे, जिनमें उनके प्रति श्रद्धा है,

जिन्होंने उनके करुणा-प्रेम को अपनी आशा का आधार बनाया है.

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