स्तोत्र 119:161-168 HCV

स्तोत्र 119:161-168

प्रधान मुझे बिना किसी कारण के दुःखित कर रहे हैं,

किंतु आपके वचन का ध्यान कर मेरा हृदय कांप उठता है.

आपकी प्रतिज्ञाओं से मुझे ऐसा उल्लास प्राप्‍त होता है;

जैसा किसी को बड़ी लूट प्राप्‍त हुई है.

झूठ से मुझे घृणा है, बैर है

किंतु मुझे प्रेम है आपकी व्यवस्था से.

आपकी धर्ममय व्यवस्था का

ध्यान कर मैं दिन में सात-सात बार आपका स्तवन करता हूं.

जिन्हें आपकी व्यवस्था से प्रेम है, उनको बड़ी शांति मिलती रहती है,

वे किसी रीति से विचलित नहीं हो सकते.

याहवेह, मैं आपके उद्धार का प्रत्याशी हूं,

मैं आपके आदेशों का पालन करता हूं.

मैं आपके अधिनियमों का पालन करता हूं,

क्योंकि वे मुझे अत्यंत प्रिय हैं.

मैं आपके उपदेशों तथा नियमों का पालन करता हूं,

आपके सामने मेरा संपूर्ण आचरण प्रगट है.

ת ताव

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