स्तोत्र 119:1-8 HCV

स्तोत्र 119:1-8

स्तोत्र 119119:0 यह एक अक्षरबद्ध कविता है जिसकी पंक्तियां हिब्री वर्णमाला के क्रमिक अक्षरों से आरंभ होती हैं

א आलेफ़

कैसे धन्य हैं वे, जिनका आचार-व्यवहार निर्दोष है,

जिनका आचरण याहवेह की शिक्षाओं के अनुरूप है.

कैसे धन्य हैं वे, जो उनके अधिनियमों का पालन करते हैं

तथा जो पूर्ण मन से उनके खोजी हैं.

वे याहवेह के मार्गों में चलते हैं,

और उनसे कोई अन्याय नहीं होता.

आपने ये आदेश इसलिये दिए हैं,

कि हम इनका पूरी तरह पालन करें.

मेरी कामना है कि आपके आदेशों का पालन करने में

मेरा आचरण दृढ़ रहे!

मैं आपके आदेशों पर विचार करता रहूंगा,

तब मुझे कभी लज्जित होना न पड़ेगा.

जब मैं आपकी धर्ममय व्यवस्था का मनन करूंगा,

तब मैं निष्कपट हृदय से आपका स्तवन करूंगा.

मैं आपकी विधियों का पालन करूंगा;

आप मेरा परित्याग कभी न कीजिए.

ב बैथ

Read More of स्तोत्र 119