सूक्ति संग्रह 6:20-29 HCV

सूक्ति संग्रह 6:20-29

व्यभिचार के विरुद्ध चेतावनी

मेरे पुत्र, अपने पिता के आदेश पालन करते रहना,

अपनी माता की शिक्षा का परित्याग न करना.

ये सदैव तुम्हारे हृदय में स्थापित रहें;

ये सदैव तुम्हारे गले में लटके रहें.

जब तुम आगे बढ़ोगे, ये तुम्हारा मार्गदर्शन करेंगे;

जब तुम विश्राम करोगे, ये तुम्हारे रक्षक होंगे;

और जब तुम जागोगे, तो ये तुमसे बातें करेंगे.

आदेश दीपक एवं शिक्षा प्रकाश है,

तथा ताड़ना सहित अनुशासन जीवन का मार्ग हैं,

कि बुरी स्त्री से तुम्हारी रक्षा की जा सके

व्यभिचारिणी की मीठी-मीठी बातों से.

मन ही मन उसके सौंदर्य की कामना न करना,

उसके जादू से तुम्हें वह अधीन न करने पाए.

वेश्या मात्र एक भोजन के द्वारा मोल ली जा सकती है6:26 या वेश्या तुमको गरीबी में ले जाएगी!,

किंतु दूसरे पुरुष की औरत तुम्हारे खुद के जीवन को लूट लेती है.

क्या यह संभव है कि कोई व्यक्ति अपनी छाती पर आग रखे

और उसके वस्त्र न जलें?

अथवा क्या कोई जलते कोयलों पर चले

और उसके पैर न झुलसें?

यही नियति है उस व्यक्ति की, जो पड़ोसी की पत्नी के साथ यौनाचार करता है;

उसके साथ इस रूप से संबंधित हर एक व्यक्ति का दंड निश्चित है.

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