सूक्ति संग्रह 15:21-30
समझ रहित व्यक्ति के लिए मूर्खता ही आनन्दप्रदायी मनोरंजन है,
किंतु विवेकशील व्यक्ति धर्मी के मार्ग पर सीधा आगे बढ़ता जाता है.
उपयुक्त परामर्श के अभाव में योजनाएं विफल हो जाती हैं,
किंतु अनेक परामर्शक उसे विफल नहीं होने देते.
अवसर के अनुकूल दिया गया उपयुक्त उत्तर हर्ष का विषय होता है.
कैसा मनोहर होता है, अवसर के अनुकूल दिया गया सुसंगत शब्द!
बुद्धिमान और विवेकी व्यक्ति का जीवन मार्ग ऊपर की तरफ जाता है,
कि वह नीचे, अधोलोक-उन्मुख मृत्यु के मार्ग से बच सके.
याहवेह अहंकारी के घर को चिथड़े-चिथड़े कर देते हैं,
किंतु वह विधवा की सीमाएं सुरक्षित रखते हैं.
दुष्ट का विचार मंडल ही याहवेह के लिए घृणित है,
किंतु करुणामय बातें उन्हें सुखद लगती हैं.
लालची अपने ही परिवार में विपत्ति ले आता है.
किंतु वह, जो घूस से घृणा करता है, जीवित रहता है.
उत्तर देने के पूर्व धर्मी अपने हृदय में अच्छी रीति से विचार कर लेता है,
किंतु दुष्ट के मुख से मात्र दुर्वचन ही निकलते हैं.
याहवेह धर्मी की प्रार्थना का उत्तर अवश्य देते हैं,
किंतु वह दुष्टों से दूरी बनाए रखते हैं.
संदेशवाहक की नेत्रों में चमक सभी के हृदय में आनंद का संचार करती है,
तथा शुभ संदेश अस्थियों तक में नवस्फूर्ति ले आता है.