योएल 1:1-20, योएल 2:1-17 HCV

योएल 1:1-20

याहवेह का वह वचन जो पथूएल के पुत्र योएल के पास आया.

टिड्डियों का धावा

हे अगुओ, यह बात सुनो;

हे देश में रहनेवाले सब लोगों, मेरी बात सुनो.

क्या तुम्हारे समय में

या तुम्हारे पूर्वजों के समय में ऐसी कोई बात कभी हुई?

अपने बच्चों को यह बात बताओ,

और तुम्हारे बच्‍चे यह बात अपने बच्चों को बताएं,

और वे बच्‍चे उनके अगली पीढ़ी को बताएं.

टिड्डियों के झुंड ने जो छोड़ दिया था

उसे बड़े टिड्डियों ने खा लिया है;

बड़े टिड्डियों ने जो छोड़ दिया था

उसे छोटे टिड्डियों ने खा लिया है;

और छोटे टिड्डियों ने छोड़ दिया था

उसे दूसरे टिड्डियों ने खा लिया है.

हे मतवालो, जागो, और रोओ!

हे सब शराब पीने वालों, विलाप करो;

नई दाखमधु के कारण विलाप करो,

क्योंकि इसे तुम्हारे मुंह से छीन लिया गया है.

मेरे देश पर एक-एक जाति ने आक्रमण कर दिया है,

वह एक शक्तिशाली सेना है और उनकी संख्या अनगिनत है;

उसके दांत सिंह के दांत के समान,

और उसकी दाढ़ें सिंहनी की दाढ़ के समान हैं.

उसने मेरी अंगूर की लताओं को उजाड़ दिया है

और मेरे अंजीर के पेड़ों को नष्ट कर दिया है.

उसने उनकी छाल को छील दिया है,

और उनकी शाखाओं को सफेद छोड़कर

उनकी छाल को फेंक दिया है.

तुम ऐसे विलाप करो, जैसे एक कुंवारी टाट के कपड़े पहिने

अपनी युवावस्था के सगाई के पुरुष के लिये शोक करती है.

याहवेह के भवन में अब

न तो अन्‍नबलि और न ही पेय बलि चढ़ाई जाती है.

याहवेह की सेवा करनेवाले पुरोहित

विलाप कर रहे हैं.

खेत नष्ट हो गये हैं,

ज़मीन सूख गई है;

अनाज नष्ट हो गया है,

नई दाखमधु सूख गई है,

जैतून का तेल समाप्‍त होता है.

हे किसानो, निराश हो,

हे अंगूर की लता लगानेवालो, विलाप करो;

गेहूं और जौ के लिये दुःख मनाओ,

क्योंकि खेत की फसल नाश हो गई है.

अंगूर की लता सूख गई है

और अंजीर का पेड़ मुरझा गया है;

अनार, खजूर तथा सेब के पेड़—

मैदान के सब पेड़—सूख गये हैं.

इसमें संदेह नहीं कि

लोगों का आनंद जाता रहा है.

विलाप करने के लिए आह्वान

हे पुरोहितो, शोक-वस्त्र पहनकर विलाप करो;

तुम जो वेदी पर सेवा करते हो, विलाप करो.

तुम जो मेरे परमेश्वर की सेवा करते हो,

आओ, और शोक-वस्त्र पहनकर रात बिताओ;

क्योंकि तुम्हारे परमेश्वर के भवन में

अन्‍नबलि और पेय बलि चढ़ाना बंद कर दिया गया है.

एक पवित्र उपवास की घोषणा करो;

एक विशेष सभा करो.

अगुओं को और उन सबको

जो देश में रहते हैं

याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के भवन में बुलाओ,

और याहवेह के सामने गिड़गिड़ाकर विनती करो.

उस दिन के लिये हाय!

क्योंकि याहवेह का दिन निकट है;

यह सर्वशक्तिमान की ओर से विनाश का दिन होकर आएगा.

क्या हमारे देखते-देखते

भोजन वस्तुओं की पूर्ति बंद नहीं हुईं—

और इसी प्रकार हमारे परमेश्वर के भवन से

आनंद और खुशी खत्म नहीं हो गई?

मिट्टी के ढेलों के नीचे

बीज झुलस गये हैं.

भण्डारगृह खंडहर हो रहे हैं,

भण्डारगृह ढहा दिये गये हैं,

क्योंकि उपज हुई ही नहीं.

पशु कैसे कराह रहे हैं!

पशुओं के झुंड के झुंड विचलित हो भटक रहे हैं

क्योंकि उनके लिए चरागाह नहीं है;

यहां तक कि भेड़ों के झुंड भी कष्ट में हैं.

हे याहवेह, मैं आपको पुकारता हूं,

क्योंकि सुनसान जगह के चरागाहों को आग ने नष्ट कर दिया है

और आग की ज्वाला ने मैदान के सब पेड़ों को जला डाला है.

और तो और जंगली जानवर आपकी चाह करते हैं;

जल के सोते सूख चुके हैं

और सुनसान जगह के चरागाहों को आग ने नष्ट कर दिया है.

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योएल 2:1-17

टिड्डियों की एक सेना

ज़ियोन में तुरही फूंको;

मेरे पवित्र पहाड़ी पर खतरे की घंटी बजाओ.

देश में रहनेवाले सबके सब कांपे

क्योंकि याहवेह का दिन आ रहा है.

वह निकट आ गया है—

वह अंधकार और धुंधलेपन का दिन है,

वह बादलों से भरा अंधकार का दिन है.

जैसे पहाड़ों पर भोर का उजियाला फैलता है

वैसे ही एक बड़ी और शक्तिशाली सेना चली आती है,

ऐसा जो पूर्वकाल में कभी नहीं हुआ है,

और न ही आनेवाले समय में कभी ऐसा होगा.

उनके सामने आग विनाश करती है,

और उनके पीछे आग की लपटें हैं.

उनके सामने देश एदेन की वाटिका के समान है,

और उनके पीछे, एक उजाड़ मरुस्थल—

किसी का भी उनसे बचना संभव नहीं है.

उनका स्वरूप घोड़ों जैसा है;

और वे घुड़सवार सेना के जैसे सरपट दौड़ते हैं.

उनके आगे बढ़ने की आवाज रथों के समान है,

वे पहाड़ के चोटियों पर से कूद जाती हैं,

धधकती आग के समान वे ठूठों को भस्म करती जाती हैं,

वे युद्ध के लिए तैयार शक्तिशाली सेना के समान हैं.

उनके सामने जाति-जाति के लोग भय से पीड़ित हो जाते हैं;

हर एक का चेहरा डर से पीला पड़ जाता है.

वे योद्धाओं के समान आक्रमण करते हैं;

वे सैनिकों की तरह दीवारों पर चढ़ जाते हैं.

वे सब पंक्तिबद्ध होकर आगे बढ़ते हैं,

और वे अपने क्रम से नहीं हटते हैं.

वे एक दूसरे को धक्का नहीं देते;

हर एक सीधा आगे बढ़ता है.

वे अपने क्रम को बिना तोड़े

समस्याओं से होकर निकल जाते हैं.

वे तेजी से शहर में प्रवेश करते हैं;

वे दीवारों के समानांतर दौड़ते हैं.

वे घरों पर चढ़ते हैं;

और वे चोरों के समान खिड़कियों से अंदर जाते हैं.

उनके सामने पृथ्वी तक कांप उठती है,

आकाश थरथराता है.

सूर्य तथा चंद्रमा धुंधले हो जाते हैं,

और तारे चमकना छोड़ देते हैं.

याहवेह अपनी सेना के आगे होकर

ऊंची आवाज में आदेश देते हैं;

उनकी सेना की संख्या अनगिनत है,

और वह सेना शक्तिशाली है

जो उनके आदेश का पालन करती है.

याहवेह का यह दिन महान है;

यह भयानक है.

उसे कौन सहन कर सकता है?

मन को फाड़ो

“फिर भी अब,” याहवेह का कहना है,

“तुम सारे जन उपवास करते

और रोते और विलाप करते मेरे पास लौट आओ.”

अपने कपड़ों को नहीं,

अपने मन को फाड़ो.

याहवेह, अपने परमेश्वर के पास लौट आओ,

क्योंकि वे अनुग्रहकारी और करुणामय,

क्रोध करने में धीमा और बहुतायत से प्रेम करनेवाले हैं,

विपत्ति भेजने में कोमलता दिखाते हैं.

कौन जाने? वे अपना विचार छोड़कर कोमलता दिखाएं

और अपने पीछे एक आशीष—

याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के लिए

अन्‍नबलि और पेय बलि छोड़ जाएं.

ज़ियोन में तुरही फूंको,

एक पवित्र उपवास की घोषणा करो,

एक पवित्र सभा का आयोजन करो.

लोगों को जमा करो,

सभा को पवित्र करो;

अगुओं को एक साथ लाओ,

बच्चों और दूध पीते छोटे बच्चों को

इकट्ठा करो.

दूल्हा अपने कमरे को

और दुल्हन अपने कक्ष को छोड़कर बाहर आएं.

पुरोहित और याहवेह की सेवा करनेवाले,

मंडप और वेदी के बीच रोएं.

और वे कहें, “हे याहवेह, अपने लोगों पर तरस खाईये.

अपने निज लोगों को जाति-जाति के बीच

उपहास का विषय, एक कहावत मत बनाइए.

वे लोगों के बीच क्यों कहें,

‘कहां है उनका परमेश्वर?’ ”

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