यशायाह 3:1-26, यशायाह 4:1-6, यशायाह 5:1-7 HCV

यशायाह 3:1-26

येरूशलेम और यहूदिया पर न्याय

प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह येरूशलेम और यहूदिया से उनका सहारा

और उनके अन्‍न और जल का स्रोत सब दूर कर देगा,

वीर योद्धा तथा सैनिक,

न्यायी तथा भविष्यद्वक्ता,

भावी बोलनेवाले तथा बूढ़े,

मंत्री और प्रतिष्ठित व्यक्ति,

सलाहकार, कारीगर और जादूगर को भी दूर करेंगे.

“मैं लड़कों को शासक बना दूंगा;

और वे उन पर शासन करेंगे.”

लोग एक दूसरे पर अत्याचार करेंगे—

सब अपने साथी, पड़ोसी पर,

और लड़के, बूढ़ों से बुरा व्यवहार करेंगे.

जब एक व्यक्ति अपने पिता के घर में

अपने भाई से ही यह कहने लगे,

“तुम्हारे पास तो अच्छा वस्त्र है, तुम्हें हमारा न्यायी होना चाहिए;

और यह देश जो उजड़ा हुआ है अपने अधीन कर लो!”

उस दिन कहेगा,

“मैं चंगा करनेवाला नहीं हूं.

क्योंकि मेरे घर में न तो भोजन है और न वस्त्र;

ऐसा व्यक्ति प्रजा का शासक नहीं बन सकता.”

येरूशलेम लड़खड़ाया

और यहूदिया गिर गया है;

क्योंकि उनके वचन और उनके काम याहवेह के विरुद्ध हैं,

जो याहवेह के तेजोमय आंखों के सामने बुराई करनेवाले हो गये.

उनका मुंह ही उनके विरुद्ध गवाही देता हैं;

और वे सदोम के समान अपने ही पापों को बताते हैं;

वे उन्हें छिपाते नहीं हाय उन पर.

क्योंकि उन्होंने अपना ही नुकसान किया है.

धर्मियों को यह बताओ कि उनका अच्छा ही होगा,

क्योंकि उन्हें उनके कामों का प्रतिफल मिलेगा.

हाय है दुष्ट पर!

उनके साथ बुरा ही होगा!

क्योंकि उनके बुरे कामों का फल

उन्हें बुरा ही मिलेगा.

मेरे लोगों को बच्‍चे दुःख देते हैं,

और स्त्रियां उन पर अधिकार करती हैं.

हे मेरी प्रजा, जो तुम्हारे मार्ग बताते हैं;

वे ही तुम्हें भटकाते हैं तथा वे तुम्हारे रास्ते को भूला देते हैं.

याहवेह तुम्हें बचाने

और लोगों के न्याय निष्पादन के लिए तैयार हैं.

याहवेह न्याय के लिए शासन करनेवालों

तथा बूढ़ों के साथ मिल गए हैं:

“तुम ही ने खेत से अंगूर खा लिये;

और गरीबों से लूटा गया सामान अपने घर में रखा.

क्यों मेरी प्रजा को परेशान

और दुःखी करते हो?”

प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह कहता है!

याहवेह कहता है, “ज़ियोन की पुत्रियां घमंड करती हैं,

वे सिर ऊंचा कर आंखों को मटकाती,

घुंघरूओं को छमछमाती हुई पायल पहनकर चलती हैं.

इसलिये प्रभु याहवेह ज़ियोन की पुत्रियों के सिर को गंजा कर देंगे;

और उनके तन को विवस्त्र करेंगे.”

उस दिन प्रभु उनकी पायल, ललाट पट्टिका, झूमर, झुमके, कंगन, झीना मुखावरण, सुंदर वस्त्र, भुजबन्द, करधनी, ईत्रदान, कवच, अंगूठी, नथ, मख़मल के वस्त्र, कुरती, बुन्दियों, ओढ़नी; बटूवा, अधोवस्त्र, पगड़ी और ओढ़नी की सुंदरता को हटा देंगे.

और खुशबू की जगह बदबू;

करधनी के स्थान पर रस्सी;

बालों की जगह गंजापन;

बहुमूल्य वस्त्रों के स्थान पर टाट;

और सुंदरता की जगह बदसूरती होगी.

तुम्हारे पुरुष तलवार से,

और तुम्हारे योद्धा युद्ध में मारे जाएंगे.

तुम्हारे फाटक रोएंगे और शोक मनाएंगे;

वह अकेली भूमि पर बैठी रहेगी.

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यशायाह 4:1-6

उस दिन सात स्त्रियां

एक पुरुष को रोक कर

कहेंगी, “हम अपने भोजन

और वस्त्रों की व्यवस्था स्वयं कर लेंगी;

सिर्फ हमें अपना नाम दे दो.

और हमारा तिरस्कार दूर कर दो!”

याहवेह की शाखा

उस दिन याहवेह की मनोहरता भूषण और महिमा ठहरेगी और बचे हुओं के लिए भूमि की उपज गर्व और सम्मान का विषय होगी. ज़ियोन के बचे हुए और येरूशलेम में, वे जो बच गए हैं, वे पवित्र कहलाएंगे, जिनका नाम जीवन की पुस्तक में लिखा गया है. जब प्रभु न्याय और भस्म करनेवाली आत्मा के द्वारा ज़ियोन की पुत्रियों की गंदगी धो देंगे और खून से भरे हुए येरूशलेम को दूर कर देंगे. तब याहवेह ज़ियोन पर्वत और सभी लोगों पर दिन के समय धुएं का बादल तथा रात में तेज आग की रोशनी दिखाएगा और इन सबके ऊपर याहवेह का तेज मंडराता रहेगा. दिन की उष्णता, आंधी, पानी और हवा से बचने के लिये आड़ बनकर सुरक्षित रहे.

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यशायाह 5:1-7

दाख बारी के लिये गीत

अब मैं अपने प्रिय के लिए

और उसकी दाख की बारी के लिये एक गीत गाऊंगी:

एक अच्छी उपजाऊ पहाड़ी पर

मेरे प्रिय की एक दाख की बारी थी.

मिट्टी खोदकर अच्छी सफाई करके

उसमें अंगूर की अच्छी बेल लगाई.

और इसके बीच एक गुम्मट बनाया

और अच्छे फल का इंतजार करने लगा,

लेकिन उसमें से खराब गुच्छा निकला.

“अब येरूशलेम और यहूदिया के लोग,

मेरे और मेरे अंगूर की बारी के बीच फैसला करेंगे.

मैंने अंगूर की बारी में कोई कमी नहीं रखी

और अच्छा फल चाहा तो उसमें खराब फल निकला.

अब मैं तुम्हें बताऊंगा

कि मैं अपनी बारी के चारों ओर बांधे हुए बाड़े को हटा दूंगा,

ताकि पशु आकर उसे खा लें,

और पौधों को नष्ट कर दें.

मैं इसे निर्जन बना दूंगा,

न मैं इसकी छंटाई करूंगा,

न ही सिंचाई! इसमें झाड़ उगेंगे.

और मैं बादलों को भी कहूंगा

कि बारिश न हो.”

क्योंकि इस्राएल वंश

सर्वशक्तिमान याहवेह की दाख की बारी है,

और यहूदिया की प्रजा

उनका प्रिय पौधा.

उन्होंने न्याय मांगा, लेकिन अन्याय मिला;

उन्होंने धर्म चाहा, लेकिन अधर्म मिला.

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