होशेआ 11:1-12, होशेआ 12:1-14, होशेआ 13:1-16, होशेआ 14:1-9 HCV

होशेआ 11:1-12

इस्राएल के प्रति परमेश्वर का प्रेम

“जब इस्राएल बालक था, मैंने उससे प्रेम किया,

और मिस्र देश से मैंने अपने पुत्र को बुलाया.

पर जितना ज्यादा उनको बुलाया गया,

उतना ज्यादा वे मुझसे दूर होते गये.

वे बाल देवताओं के लिये बलि चढ़ाते थे

और उन्होंने मूर्तियों के आगे धूप जलाया है.

वह मैं ही था, जिसने एफ्राईम को

हाथ पकड़कर चलना सिखाया;

परंतु उन्होंने इस बात को न जाना

कि वह मैं ही था, जिसने उन्हें चंगा किया.

मैंने मानवीय दया की डोरी,

और प्रेम के बंधन से उनकी अगुवाई की.

उनके लिये मैं वैसा था जैसे

कोई छोटे बच्‍चे को गाल तक उठाता है,

और मैं झुककर उन्हें खाना खिलाता था.

“क्या वे मिस्र देश नहीं लौटेंगे

और अश्शूर का राजा उन पर शासन नहीं करेगा

क्योंकि वे प्रायश्चित करना नहीं चाहते?

उनके शहरों में एक तलवार चमकेगी;

वह उनके झूठे भविष्यवक्ताओं को मार डालेगी

और उनकी योजनाओं का अंत कर देगी.

मेरे लोग मुझसे दूर जाने का ठान लिये हैं.

यद्यपि वे मुझे सर्वोच्च परमेश्वर कहते हैं,

मैं उनकी किसी भी प्रकार से प्रशंसा नहीं करूंगा.

“हे एफ्राईम, मैं तुम्हें कैसे छोड़ सकता हूं?

हे इस्राएल, मैं तुम्हें किसी और को सौंप दूं?

मैं तुम्हारे साथ अदमाह के जैसे व्यवहार कैसे कर सकता हूं?

मैं तुम्हें ज़ेबोईम के समान कैसे बना सकता हूं?

मेरा हृदय मेरे भीतर बदल गया है;

मेरी सारी करुणा जागृत होती है.

मैं अपने भयंकर क्रोध के अनुसार नहीं करूंगा,

न ही मैं एफ्राईम को फिर से नाश करूंगा.

क्योंकि मैं परमेश्वर हूं, मनुष्य नहीं—

तुम्हारे बीच एक पवित्र जन.

मैं उनके शहरों के विरुद्ध नहीं आऊंगा.

वे याहवेह के पीछे चलेंगे;

याहवेह एक-एक सिंह के समान गरजेंगे.

जब वह गरजेंगे,

तो उनकी संतान कांपती हुई पश्चिम दिशा से आएंगी.

वे मिस्र देश से,

गौरेया पक्षी की तरह कांपती हुई,

और अश्शूर देश से पंड़की की तरह पंख फड़फड़ाते हुए आएंगी.

मैं उन्हें उनके घरों में बसाऊंगा,”

याहवेह घोषणा करते हैं.

इस्राएल का पाप

एफ्राईम ने मेरे चारों ओर झूठ का,

और इस्राएल ने छल का ढेर लगा दिया है.

और यहूदाह उद्दंडता से परमेश्वर के विरुद्ध है,

और तो और वह विश्वासयोग्य पवित्र जन के विरुद्ध है.

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होशेआ 12:1-14

एफ्राईम हवा को अपना भोजन बनाता है;

वह सारा दिन पूर्वी वायु का पीछा करता है

और अपने झूठ और हिंसा को बढ़ाता रहता है.

वह अश्शूर देश से संधि करता है

और मिस्र देश को जैतून का तेल भेजता है.

यहूदिया के विरुद्ध भी याहवेह का आरोप है;

वह याकोब12:2 याकोब अर्थ वह एड़ी पकड़ता है अर्थात् वह धोखा देता है को उसके चालचलन के अनुसार दंड देंगे

और उसके कार्यों के अनुरूप उसको बदला देंगे.

जब याकोब ने अपने मां के कोख से ही अपने भाई की एड़ी जकड़ ली थी;

एक मनुष्य के रूप में उसने परमेश्वर से संघर्ष किया.

उसने स्वर्गदूत से संघर्ष किया और उस पर प्रबल हुआ;

वह रोया और उससे कृपादृष्टि के लिये विनती की.

बेथेल में वह परमेश्वर से मिला

और वहां उसने उनसे बातें की—

याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर,

याहवेह उनका नाम है!

पर अवश्य है कि तुम अपने परमेश्वर के पास लौटो;

प्रेम और न्याय के काम में बने रहो,

और हमेशा अपने परमेश्वर पर निर्भर रहो.

व्यापारी गलत नाप का उपयोग करता है

और छल करना उसको अच्छा लगता है,

एफ्राईम घमंड करता है,

“मैं बहुत धनवान हूं; मैं धनी हो गया हूं.

मेरी सारी संपत्ति सहित वे मुझमें

कोई अपराध या पाप नहीं पाएंगे.”

“जब से तुम मिस्र देश से निकलकर आये,

मैं याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं;

मैं फिर तुम्हें तंबुओं में निवास कराऊंगा,

जैसे कि तुम्हारे ठहराए त्योहार के दिनों में हुआ करता था.

मैंने भविष्यवक्ताओं से बात किया,

उन्हें कई दर्शन दिखाये

और उनके माध्यम से अनेक दृष्टांत बताये.”

क्या गिलआद दुष्ट है?

इसके लोग बेकार हैं!

क्या वे गिलगाल में बैलों का बलिदान करते हैं?

उनकी वेदियां जोते गये खेत में

पत्थरों के ढेर के समान होंगी.

याकोब तो अराम देश को भाग गया;

इस्राएल ने एक पत्नी पाने के लिये सेवा की,

और उसका दाम चुकाने के लिये उसने भेड़ें चराई.

याहवेह ने मिस्र से इस्राएल को निकालने के लिये एक भविष्यवक्ता का उपयोग किया,

एक भविष्यवक्ता के द्वारा उसने उसका ध्यान रखा.

पर एफ्राईम ने याहवेह के क्रोध को बहुत भड़काया है;

उसका प्रभु उसके द्वारा किए गये खून का दोष उसी पर रहने देगा

और उसके अनादर के लिये उसको बदला चुकाएगा.

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होशेआ 13:1-16

इस्राएल के विरुद्ध परमेश्वर का क्रोध

जब एफ्राईम बोलता था तो लोग कांप उठते थे;

वह इस्राएल में बड़ा आदमी था.

पर वह बाल देवता की आराधना का दोषी हुआ और मर गया.

अब वे और अधिक पाप करते हैं;

वे अपनी चांदी से स्वयं के लिये मूर्तियां बनाते हैं,

जिनमें बुद्धिमानी से कारीगरी की गई है,

और ये सब शिल्पकारों का काम है.

इन लोगों के बारे में कहा जाता है,

“वे मानव बलि चढ़ाते हैं!

वे बछड़े की मूर्तियों को चूमते हैं!”

इसलिये वे सुबह के कोहरे,

सुबह के ओस के समान हैं जो गायब हो जाती है,

वे खलिहान की भूसी के समान हैं जो घूमते हुए उड़ जाती है,

या वे खिड़की से बाहर आते धुएं के समान हैं.

“परंतु मैं तब से याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं,

जब से तुम मिस्र देश से निकलकर आये.

तुम मेरे सिवाय किसी और को परमेश्वर करके न मानना,

मेरे अलावा कोई और उद्धारकर्ता नहीं है.

मैंने उजाड़-निर्जन प्रदेश में,

गर्मी से तपते देश में तुम्हारा ध्यान रखा.

जब मैंने उन्हें खाना खिलाया, तो वे संतुष्ट हुए;

और जब वे संतुष्ट हो गए, तो वे घमंडी हो गए;

और तब वे मुझे भूल गए.

इसलिये मैं उनके लिये एक सिंह के जैसा होऊंगा,

एक चीते के समान मैं रास्ते पर उनके घात में रहूंगा.

मैं उनके लिये उस मादा भालू के समान बन जाऊंगा, जिसके बच्‍चे छीन लिये गये हैं,

मैं उन पर हमला करूंगा और उन्हें फाड़ डालूंगा;

एक सिंह के समान मैं उन्हें फाड़ डालूंगा,

एक जंगली जानवर उन्हें फाड़कर अलग-अलग कर देगा.

“हे इस्राएल, तुम नाश हुए,

क्योंकि तुम मेरे विरुद्ध, मेरे सहायक के विरुद्ध हो.

कहां है तुम्हारा राजा, जो तुम्हें बचाए?

कहां हैं तुम्हारे सब नगरों के शासक,

जिनके बारे में तुमने कहा था,

‘मुझे एक राजा और राजकुमार दो’?

इसलिये गुस्से में आकर मैंने तुम्हें एक राजा दिया,

और अपने क्रोध में ही मैंने उसे तुमसे अलग कर दिया.

एफ्राईम के अपराध बहुत हो गये हैं,

उसके पापों का लेखा-जोखा रखा गया है.

उसको एक स्त्री के बच्‍चे जनने की सी पीड़ा होगी,

पर वह बिना बुद्धि का एक बच्चा है;

जब प्रसव का समय आता है,

तो उसे गर्भ से बाहर आने का ज्ञान नहीं होता.

“मैं इन लोगों को कब्र की शक्ति से छुटकारा दूंगा;

मैं इन्हें मृत्यु से बचाऊंगा.

हे मृत्यु, कहां है तुम्हारी महामारियां?

हे कब्र, कहां है तुम्हारा विनाश?

“मैं कोई करुणा नहीं करूंगा,

यद्यपि वह अपने भाइयों के बीच उन्‍नति करे.

एक पूर्वी हवा याहवेह की ओर से

मरुस्थल से बहेगी;

उसके सोतों से पानी का फूटना बंद हो जाएगा

और उसका कुंआ सूख जाएगा.

उसके गोदाम में रखी

सब बहुमूल्य चीज़ें लूट ली जाएंगी.

अवश्य है कि शमरिया के लोग अपने अपराध का दंड भोगें,

क्योंकि उन्होंने अपने परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह किया है.

वे तलवार से मारे जाएंगे;

उनके छोटे बच्चों को भूमि पर पटक दिया जाएगा,

और उनकी गर्भवती स्त्रियों के पेट फाड़ दिए जाएंगे.”

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होशेआ 14:1-9

आशीष पाने के लिये पश्चात्ताप

हे इस्राएल, याहवेह अपने परमेश्वर के पास लौट आओ.

तुम्हारा पाप ही तुम्हारे पतन का कारण है!

याहवेह की बातों को मानो

और उसके पास लौट आओ.

उससे कहो:

“हमारे सब पापों को क्षमा करें,

और अनुग्रहपूर्वक हमें ग्रहण करें,

कि हम अपने मुंह से धन्यवाद रूपी बलि चढ़ा सकें.

अश्शूर हमारा उद्धार नहीं कर सकता;

हम युद्ध के घोड़ों पर नहीं चढ़ेंगे.

हम अपने हाथों से बनाये चीज़ों को

फिर कभी न कहेंगे ‘हमारे ईश्वर,’

क्योंकि अनाथ को आपसे ही करुणा मिलती है.”

“मैं उनकी बेवफ़ाई को दूर करूंगा,

और स्वछंद रूप से उन्हें प्रेम करूंगा,

क्योंकि मेरा क्रोध उनके ऊपर से हट गया है.

मैं इस्राएल के लिये ओस के समान होऊंगा;

वह कुमुदिनी के फूल के समान खिलेगा.

लबानोन के देवदार वृक्ष के समान

उसकी जड़ें नीचे दूर-दूर तक फैलेंगी;

उसके कोमल अंकुर बढ़ेंगे.

उसका वैभव एक जैतून के पेड़ जैसा होगा,

और उसकी सुगंध लबानोन के देवदार के समान होगी.

लोग फिर से उसकी छाया में निवास करेंगे;

वे अन्‍न की तरह उन्‍नति करेंगे,

वे अंगूर की लता की तरह बढ़ेंगे,

इस्राएल की प्रसिद्धि लबानोन के दाखमधु की तरह होगी.

हे एफ्राईम, मूर्तियों से अब मेरा और क्या काम?

मैं उसे उत्तर दूंगा और उसका ध्यान रखूंगा.

मैं बढ़ते हुए सनोवर पेड़ के समान हूं;

तुम्हारा फलवंत होना मेरे कारण होता है.”

बुद्धिमान कौन है? उन्हें इन बातों का अनुभव करने दो.

समझदार कौन है? उन्हें समझने दो.

याहवेह के रास्ते सही हैं;

धर्मी उन पर चलते हैं,

परंतु विद्रोही उन पर ठोकर खाकर गिरते हैं.

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