2 राजा 19:14-37, 2 राजा 20:1-21 HCV

2 राजा 19:14-37

हिज़किय्याह की प्रार्थना

इसके बाद हिज़किय्याह ने पत्र ले आने वालों से वह पत्र लेकर उसे पढ़ा, और याहवेह के भवन को चला गया, और उस पत्र को खोलकर याहवेह के सामने रख दिया. हिज़किय्याह ने याहवेह से यह प्रार्थना की: “सर्वशक्तिमान याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर, आप, जो करूबों के बीच सिंहासन पर विराजमान हैं, परमेश्वर आप ही ने स्वर्ग और पृथ्वी को बनाया. अपने कान मेरी ओर कीजिए, याहवेह, मेरी प्रार्थना सुन लीजिए. अपनी आंखें खोल दीजिए और याहवेह, देख लीजिए और उन शब्दों को सुन लीजिए, जो सेनहेरीब ने जीवित परमेश्वर का मज़ाक उड़ाते हुए कहे हैं.

“याहवेह, यह सच है कि अश्शूर के राजाओं ने जनताओं को और उनकी भूमि को उजाड़ कर छोड़ा है. और उनके देवताओं को आग में डाल दिया है, सिर्फ इसलिये कि वे देवता थे ही नहीं, वे तो सिर्फ मनुष्य के बनाए हुए थे, सिर्फ लकड़ी और पत्थर. इसलिये वे नाश कर दिए गए. अब, हे याहवेह, हमारे परमेश्वर, हमें उनके हाथ से बचा ताकि पूरी पृथ्वी को यह मालूम हो जाए कि याहवेह, केवल आप ही परमेश्वर हैं.”

यशायाह द्वारा याहवेह का प्रत्युत्तर

तब आमोज़ के पुत्र यशायाह ने हिज़किय्याह से कहा, “याहवेह, इस्राएल का परमेश्वर, यों कहते हैं: इसलिये कि तुमने अश्शूर के राजा सेनहेरीब के संबंध में मुझसे विनती की, उसके विरुद्ध कहे गए याहवेह के शब्द ये है:

“ ‘ज़ियोन की कुंवारी

कन्या ने तुम्हें तुच्छ समझा है, तुम्हारा मज़ाक उड़ाया है.

येरूशलेम की पुत्री

पलायन करनेवाले तुम्हारी पीठ देखकर सिर हिलाती है.

तुमने किसका अपमान और किसकी निंदा की है?

किसके विरुद्ध तुमने आवाज ऊंची की है?

और किसके विरुद्ध तुम्हारी दृष्टि घमण्ड़ से उठी है?

इस्राएल के महा पवित्र की ओर!

तुमने अपने दूतों के द्वारा

याहवेह की निंदा की है.

तुमने कहा,

“अपने रथों की बड़ी संख्या लेकर

मैं पहाड़ों की ऊंचाइयों पर चढ़ आया हूं,

हां, लबानोन के दुर्गम, दूर के स्थानों तक;

मैंने सबसे ऊंचे देवदार के पेड़ काट गिराए हैं,

इसके सबसे उत्तम सनोवरों को भी;

मैंने इसके दूर-दूर के घरों में प्रवेश किया,

हां, इसके घने वनों में भी.

मैंने कुएं खोदे

और परदेश का जल पिया,

अपने पांवों के तलवों से

मैंने मिस्र की सभी नदियां सुखा दीं.”

“ ‘क्या तुमने सुना नहीं?

इसका निश्चय मैंने बहुत साल पहले कर लिया था?

इसकी योजना मैंने बहुत पहले ही बना ली थी,

जिसको मैं अब पूरा कर रहा हूं,

कि तुम गढ़ नगरों को

खंडहरों का ढेर बना दो.

जब नगरवासियों का बल जाता रहा,

उनमें निराशा और लज्जा फैल गई.

वे मैदान की वनस्पति

और जड़ी-बूटी के समान हरे हो गए.

वैसे ही, जैसे छत पर उग आई घास

बढ़ने के पहले ही मुरझा जाती है.

“ ‘मगर तुम्हारा उठना-बैठना मेरी दृष्टि में है,

तुम्हारा भीतर आना और बाहर जाना भी;

और मेरे विरुद्ध तुम्हारा तेज गुस्सा भी!

मेरे विरुद्ध तुम्हारे तेज गुस्से के कारण

और इसलिये कि मैंने तुम्हारे घमण्ड़ के विषय में सुन लिया है,

मैं तुम्हारी नाक में अपनी नकेल डालूंगा,

और तुम्हारे मुख में लगाम

और तब मैं तुम्हें मोड़कर उसी मार्ग पर चलाऊंगा

जिससे तुम आए थे.’

“तब हिज़किय्याह, तुम्हारे लिए यह चिन्ह होगा:

“इस साल तुम्हारा भोजन उस उपज का होगा, जो अपने आप उगती है;

अगले साल वह, जो इसी से उपजेगी;

तीसरे साल तुम बीज बोओगे, उपज काटोगे,

अंगूर के बगीचे लगाओगे और उनके फल खाओगे.

तब यहूदाह गोत्र का बचा हुआ भाग दोबारा अपनी जड़ें भूमि में

गहरे जाकर मजबूत करता जाएगा, और ऊपर वृक्ष फलवंत होता जाएगा.

क्योंकि येरूशलेम से एक बचा हुआ भाग ही विकसित होगा,

ज़ियोन पर्वत से जो भागे हुए लोग.

सेनाओं के याहवेह के जलन ही यह सब करेगा.

“इसलिये अश्शूर के राजा के बारे में मेरा यह संदेश है;

“ ‘वह न तो इस नगर में प्रवेश करेगा,

न वह वहां बाण चलाएगा.

न वह इसके सामने ढाल लेकर आएगा,

और न ही वह इसकी घेराबंदी के लिए ढलान ही बना पाएगा.

वह तो उसी मार्ग से लौट जाएगा जिससे वह आया था.

वह इस नगर में प्रवेश ही न करेगा.

यह याहवेह का संदेश है.

क्योंकि अपनी और अपने सेवक दावीद की

महिमा के लिए मैं इसके नगर की रक्षा करूंगा.’ ”

उसी रात ऐसा हुआ कि याहवेह के एक दूत ने अश्शूरी सेना के शिविर में जाकर एक लाख पचासी हज़ार सैनिकों को मार दिया. सुबह जागने पर लोगों ने पाया कि सारे सैनिक मर चुके थे. यह होने पर अश्शूर का राजा सेनहेरीब अपने देश लौट गया, और नीनवेह नगर में रहने लगा.

एक बार, जब वह अपने देवता निसरोक के मंदिर में उसकी उपासना कर रहा था, उसी के पुत्रों, अद्राम्मेलेख और शारेज़र ने तलवार से उस पर वार किया और वे अरारात प्रदेश में जाकर छिप गए. उसके स्थान पर उसके पुत्र एसारहद्दन ने शासन करना शुरू किया.

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2 राजा 20:1-21

हिज़किय्याह की रोग और मुक्ति

उन्हीं दिनों में हिज़किय्याह को ऐसा रोग हो गया कि वह मरने पर था. आमोज़ के पुत्र भविष्यद्वक्ता यशायाह उससे मिलने आए. उन्होंने हिज़किय्याह से कहा, “याहवेह का संदेश यह है: अपने परिवार की व्यवस्था कर लीजिए, क्योंकि आपकी मृत्यु होनी ही है, आपका रोग से ठीक हो पाना संभव नहीं.”

यह सुन हिज़किय्याह ने अपना मुंह दीवार की ओर कर याहवेह से यह प्रार्थना की, “याहवेह, कृपा कर याद करें कि मैं पूरे मन से कैसे सच्चाई में आपके सामने आचरण करता रहा हूं. और मैंने वही किया है, जो आपकी दृष्टि में सही है!” तब हिज़किय्याह फूट-फूटकर रोने लगा.

यशायाह अभी बीच के आंगन के बाहर भी न जा पाए थे, कि उन्हें याहवेह का यह संदेश प्राप्‍त हुआ: “लौट जाओ और मेरी प्रजा के प्रधान हिज़किय्याह से जाकर यह कहो: ‘तुम्हारे पूर्वज दावीद के परमेश्वर का संदेश यह है: मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुन ली है. मैंने तुम्हारा आंसू बहाना देखा है. यह देखना कि मैं तुम्हें चंगा कर दूंगा. तीसरे दिन तुम याहवेह के भवन को जाओगे. मैं तुम्हारी आयु पन्द्रह साल और बढ़ाता हूं. मैं तुम्हें और इस नगर को अश्शूर के राजा के अधिकार से मुक्त कर दूंगा. मैं अपनी महिमा और अपने सेवक दावीद के निमित्त इस नगर की रक्षा करूंगा.’ ”

फिर यशायाह ने हिज़किय्याह के सेवकों से यह भी कहा, “सूखे अंजीरों की एक टिकिया ले आओ.” उन्होंने उसे राजा के फोड़े पर रख दिया और राजा चंगा हो गया.

हिज़किय्याह ने यशायाह से यह प्रश्न किया था: “याहवेह मुझे चंगा कर देंगे और तीसरे दिन मैं याहवेह के भवन को जाऊंगा, इसका क्या चिन्ह होगा?”

यशायाह ने उत्तर दिया, “याहवेह अपने वचन पूरा करेंगे, इसके लिए याहवेह की ओर से चिन्ह यह होगा: आप यह बताईये, क्या छाया दस कदम आगे जाए या दस कदम पीछे?”

हिज़किय्याह ने उत्तर दिया, “छाया का दस कदम लंबी हो जाना आसान है. नहीं. ऐसा कीजिए कि छाया दस कदम पीछे लौट जाए.”

भविष्यद्वक्ता यशायाह ने याहवेह की दोहाई दी और याहवेह ने छाया को दस कदम पीछे हटा दिया, जिससे छाया आहाज़ द्वारा बनवाई गई सोपानों पर दस कदम नीचे उतर चुकी थी.

बाबेल से राजदूत

उसी समय बाबेल के राजा बलादन के पुत्र मेरोदाख-बालादान ने हिज़किय्याह को पत्र और उपहार भेजे, क्योंकि उसने राजा की बीमारी का समाचार सुन रखा था. हिज़किय्याह उनकी बातें ध्यान से सुनता रहा, फिर उनका स्वागत करते हुए उसने उन्हें अपना सारा खजाना, सोना-चांदी और सभी मसाले, कीमती तेल, अपना हथियार घर और अपने भंडार घर की सारी वस्तुएं दिखा दीं; यानी सभी कुछ, जो उसके खजानों में जमा था. उसके घर में या उसके सारी राज्य में ऐसा कुछ न था, जो उसने उन्हें न दिखाया हो.

यह होने के बाद भविष्यद्वक्ता यशायाह राजा हिज़किय्याह से भेंट करने गए और उनसे कहा, “क्या कह रहे थे ये लोग? ये कहां से आए थे?”

हिज़किय्याह ने उत्तर दिया, “वे एक दूर देश से आए थे; बाबेल से.”

भविष्यद्वक्ता यशायाह ने राजा से पूछा, “क्या-क्या देखा उन्होंने आपके घर का?”

हिज़किय्याह ने उत्तर दिया, “जो कुछ मेरे घर में है, वे सभी कुछ देख गए हैं, मेरे खजाने में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो उन्होंने न देखा हो.”

यह सुन यशायाह ने हिज़किय्याह से कहा, “याहवेह का संदेश सुनिए: ‘यह देख लेना कि वे दिन आ रहे हैं, जब वह सभी कुछ, जो आपके घर में है, वह सब, जो आपके पूर्वजों द्वारा आज तक इकट्ठा किया गया है, बाबेल को ले जाया जाएगा; कुछ भी बाकी न रह जाएगा,’ यह याहवेह का संदेश है. तुम्हारे ही अपने पुत्रों में से कुछ को, तुम्हारे ही मांस और रक्त को, बंधुआई में ले जाया जाएगा. वे बाबेल के राजा के राजघराने में नपुंसक बना दिए जाएंगे.”

तब हिज़किय्याह ने यशायाह से कहा, “याहवेह का वचन जो तुमने कहा वह भला ही है!” फिर कहा, “कम से कम मेरे जीवनकाल में तो शांति एवं सुरक्षा तो बनी रहेगी!”

हिज़किय्याह द्वारा किए गए बाकी कामों का, उसकी वीरता का, और उसके द्वारा बनाए गए जलाशय और नगर में नहरों द्वारा जल पहुंचने का ब्यौरा यहूदिया के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है. हिज़किय्याह हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में जा मिला. उसके स्थान पर उसके पुत्र मनश्शेह ने शासन करना शुरू किया.

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