กันดารวิถี 19 – TNCV & HCV

Thai New Contemporary Bible

กันดารวิถี 19:1-22

น้ำแห่งการชำระ

1องค์พระผู้เป็นเจ้าตรัสกับโมเสสและอาโรนว่า 2“บทบัญญัติซึ่งองค์พระผู้เป็นเจ้าทรงบัญชาไว้มีดังนี้คือ จงแจ้งประชากรอิสราเอลให้นำวัวตัวเมียสีแดงไร้ตำหนิตัวหนึ่งที่ไม่เคยตกลูกและไม่เคยเทียมแอกมาให้เจ้า 3จงมอบวัวตัวนี้แก่ปุโรหิตเอเลอาซาร์ มันจะถูกนำออกไปนอกค่าย และฆ่าต่อหน้าเขา 4ปุโรหิตเอเลอาซาร์จะเอานิ้วจุ่มเลือดพรมมาทางหน้าเต็นท์นัดพบเจ็ดครั้ง 5จงเผาวัวนี้ทั้งหนัง เนื้อ เลือด และไส้ต่อหน้าเขา 6ปุโรหิตจะเอาไม้สนซีดาร์ กิ่งหุสบ และด้ายแดงโยนเข้าในกองไฟนั้น 7จากนั้นปุโรหิตต้องซักเสื้อผ้าและอาบน้ำ เขาจะกลับมาที่ค่ายพักก็ได้ แต่จะเป็นมลทินตามระเบียบพิธีจวบจนเวลาเย็น 8ผู้ที่เผาวัวนั้นก็ต้องซักเสื้อผ้าและอาบน้ำ และจะเป็นมลทินจนถึงเวลาเย็นเช่นกัน

9“ผู้ที่ไม่เป็นมลทินจะโกยเถ้าจากวัวตัวนั้นไปไว้ในที่ที่ไม่เป็นมลทินตามระเบียบพิธีนอกค่ายพัก ชุมชนอิสราเอลจะเก็บเถ้านี้ไว้ใช้ทำน้ำแห่งการชำระมลทินเพื่อล้างบาป 10ผู้ที่โกยเถ้าจากวัวนั้นจะต้องซักเสื้อผ้าของตนและเป็นมลทินจวบจนเวลาเย็น นี่เป็นข้อปฏิบัติถาวรสืบไปสำหรับทั้งชนอิสราเอลและคนต่างด้าวซึ่งอาศัยอยู่ในหมู่พวกเขา

11“ผู้ใดแตะต้องซากศพจะเป็นมลทินตลอดเจ็ดวัน 12เขาต้องอาบน้ำชำระตัวในวันที่สามและในวันที่เจ็ด แล้วเขาจึงจะสะอาด มิฉะนั้นเขาจะเป็นมลทิน 13ผู้ใดแตะต้องซากศพ แล้วไม่ได้ชำระตัว ผู้นั้นก็ทำให้พลับพลาขององค์พระผู้เป็นเจ้าเป็นมลทิน คนนั้นจะต้องถูกตัดออกจากอิสราเอล เขาไม่ได้รับการพรมด้วยน้ำแห่งการชำระจึงยังเป็นมลทินอยู่

14“กฎที่ใช้เมื่อมีผู้เสียชีวิตในเต็นท์ คือผู้ใดที่เข้าไปในเต็นท์หรืออยู่ในเต็นท์จะเป็นมลทินไปตลอดเจ็ดวัน 15ภาชนะใดๆ ในเต็นท์ซึ่งไม่มีฝาปิดก็เป็นมลทิน

16“ผู้ใดที่อยู่กลางแจ้ง และไปแตะต้องซากศพคนที่ถูกฆ่าตายด้วยคมดาบหรือตายด้วยเหตุปกติวิสัย หรือไปแตะต้องกระดูกคนตายหรือหลุมฝังศพ เขาจะเป็นมลทินไปตลอดเจ็ดวัน

17“สำหรับผู้ที่เป็นมลทิน จงนำเถ้าจากเครื่องบูชาเผาชำระใส่ลงไปในภาชนะ และเทน้ำสะอาดผสมลงไป 18จากนั้นให้ผู้ที่ไม่เป็นมลทินตามระเบียบพิธีเอากิ่งหุสบจุ่มน้ำนั้นพรมที่เต็นท์และเครื่องมือเครื่องใช้ทั้งหมด รวมทั้งคนที่อยู่ที่นั่นด้วย เขาจะต้องพรมคนที่แตะต้องกระดูกหรือหลุมศพ หรือแตะต้องคนที่ถูกฆ่าตายหรือตายด้วยเหตุปกติวิสัยด้วย 19ผู้ที่ไม่เป็นมลทินจะต้องพรมคนที่เป็นมลทินในวันที่สามและในวันที่เจ็ด และคนที่เป็นมลทินจะต้องชำระตนเองในวันที่เจ็ดด้วย เขาจะต้องซักเสื้อผ้าและอาบน้ำเพื่อชำระตนให้พ้นมลทิน แล้วเขาจะสะอาดในเย็นวันนั้น 20แต่ถ้าผู้ใดเป็นมลทินและไม่ได้ชำระตัวจะถูกตัดออกจากชุมชน เพราะทำให้สถานนมัสการขององค์พระผู้เป็นเจ้าเป็นมลทิน เขาไม่ได้รับการพรมด้วยน้ำแห่งการชำระจึงยังเป็นมลทินอยู่ 21นี่เป็นข้อปฏิบัติถาวรสำหรับพวกเขา

“ผู้ทำหน้าที่พรมน้ำแห่งการชำระจะต้องซักเสื้อผ้าของตนด้วย และผู้ใดแตะต้องน้ำแห่งการชำระนั้นจะเป็นมลทินจนถึงเย็น 22ผู้เป็นมลทินแตะต้องสิ่งใด สิ่งนั้นจะเป็นมลทิน และผู้ใดไปแตะต้องสิ่งนั้น ก็จะเป็นมลทินไปจนถึงเวลาเย็น”

Hindi Contemporary Version

गणना 19:1-22

लाल बछिया संबंधी विधि

1इसके बाद याहवेह ने मोशेह तथा अहरोन को आज्ञा दी: 2“इस व्यवस्था की विधि जो याहवेह ने दी, वह इस प्रकार है: इस्राएल के घराने को आज्ञा दो कि वे एक ऐसी बछिया लेकर आएं, जो लाल रंग की हो, जिसमें किसी प्रकार का दोष न हो तथा जिस पर जूआ कभी भी न रखा गया हो. 3तुम ऐसी बछिया पुरोहित एलिएज़र को सौंपोगे. फिर यह बछिया छावनी के बाहर ले जाई जाएगी, तथा एलिएज़र की उपस्थिति में उसका वध किया जाए. 4इसके बाद पुरोहित एलिएज़र उसके रक्त की कुछ मात्रा अपनी उंगली में लेकर कुछ रक्त मिलनवाले तंबू के सामने की ओर सात बार छिड़केगा. 5इसके बाद उसके देखते-देखते वह बछिया जला दी जाएगी. 6इस अवसर पर पुरोहित देवदार की लकड़ी, जूफ़ा झाड़ी तथा लाल रंग की डोरी उस भस्म हो रही बछिया में डाल देगा. 7फिर पुरोहित अपने वस्त्र धोकर स्‍नान करेगा और शिविर में लौट आएगा, किंतु शाम तक वह सांस्कारिक रूप से अपवित्र रहेगा. 8वह व्यक्ति, जो बछिया को जलाता है, वह अपने वस्त्रों को धोएगा तथा स्‍नान करेगा तथा शाम तक सांस्कारिक रूप से अपवित्र रहेगा.

9“इसके बाद एक ऐसा व्यक्ति, जो सांस्कारिक रूप से शुद्ध है, उस बछिया की राख इकट्ठा कर शिविर के बाहर स्वच्छ स्थान पर रख देगा. इस्राएलियों की सभा इसका इस्तेमाल अपवित्रता दूर करने के लिए उसी प्रकार करेंगे, जिस प्रकार जल अशुद्धता दूर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं; यह पाप शुद्धि के लिए प्रयोग होगा. 10वह व्यक्ति, जो बछिया की राख इकट्ठा करता है, अपने वस्त्रों को धोएगा तथा वह शाम तक सांस्कारिक रूप से अपवित्र रहेगा. यह इस्राएलियों के लिए तथा उनके बीच रह रहे विदेशियों के लिए हमेशा की विधि रहेगी.

11“यदि कोई व्यक्ति किसी के शव से छू जाए तो वह सांस्कारिक रूप से सात दिन तक अपवित्र रहेगा. 12वह अपनी इस अपवित्रता को तीसरे दिन तथा सातवें दिन जल से दूर करेगा और उसकी अपवित्रता दूर हो जाएगी; किंतु यदि वह तीसरे एवं सातवें दिन स्वयं को शुद्ध न कर सके, वह अपवित्र ही रह जाएगा. 13कोई भी जब किसी मरे हुए व्यक्ति की देह को छू लेता है और शुद्ध होने की प्रक्रिया पूर्ण नहीं करता, वह याहवेह के मिलनवाले तंबू को अपवित्र करता है; ऐसे व्यक्ति को इस्राएल से निकाल दिया जाए. इसलिये कि उस पर अपवित्रता से छुड़ानेवाले जल का छिड़काव नहीं किया गया था, वह अपवित्र ही रहेगा, उस पर उसकी अपवित्रता बनी हुई है.

14“शिविर में हुई किसी व्यक्ति की मृत्यु से संबंधित विधि यह है: हर एक व्यक्ति, जो उस शिविर में प्रवेश करता है, तथा हर एक, जो उस शिविर का निवासी है, सात दिन तक अशुद्ध रहेगा. 15हर एक बर्तन, जिस पर न तो ढक्कन रखा हुआ हो और न जिसका मुख बांधकर बंद किया गया हो, अपवित्र माना जाएगा.

16“इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति खुले मैदान अथवा खेत में किसी ऐसे व्यक्ति को छू लेता है, जो तलवार द्वारा मारा गया है या जिसकी मृत्यु स्वाभाविक रीति से हो चुकी है, अथवा उस व्यक्ति का स्पर्श किसी मनुष्य की हड्डी या किसी कब्र से हो जाता है, वह व्यक्ति सात दिन तक सांस्कारिक रूप से अपवित्र समझा जाएगा.

17“उस अशुद्ध व्यक्ति के लिए वे जलाई गई पापबलि की राख लेकर एक बर्तन में बहते हुए जल के साथ मिलाएंगे. 18फिर सांस्कारिक रूप से शुद्ध व्यक्ति एक जूफ़ा लेकर इस मिश्रण में डुबोएगा और उसके शिविर पर, सारी सामग्री पर तथा उन सभी व्यक्तियों पर, जो वहां उपस्थित थे, तथा उस व्यक्ति पर छिड़काव कर देगा, जिसका स्पर्श उस हड्डी से या उस मारे हुए व्यक्ति से या स्वाभाविक रूप से मरे हुए व्यक्ति से या कब्र से हो गया था. 19तब वह शुद्ध व्यक्ति अशुद्ध व्यक्ति पर तीसरे दिन भी छिड़काव करेगा तथा सातवें दिन भी. सातवें दिन वह उस अशुद्धता से पवित्र करने की प्रक्रिया पूरी कर चुकेगा. वह अपने वस्त्रों को धोएगा तथा स्‍नान करेगा तथा वह शाम तक पूरी तरह से शुद्ध हो जाएगा. 20किंतु वह व्यक्ति, जो सांस्कारिक रूप से अशुद्ध है और वह स्वयं को अपनी अशुद्धि से पवित्र नहीं करता, वह व्यक्ति इस्राएली समाज से निकाल दिया जाएगा, क्योंकि उसने याहवेह के पवित्र स्थान को दूषित किया है. उस पर अशुद्धता से छुड़ानेवाले जल का छिड़काव नहीं किया गया है, वह अपवित्र है. 21तब यह उनके लिए एक सदा की विधि होगी.

“वह जो इस जल का छिड़काव करता है, अपने वस्त्र धोएगा, जो कोई उस जल को छूता है, शाम तक सांस्कारिक रूप से अपवित्र रहेगा. 22इसके अलावा हर एक वस्तु, जो उस अशुद्ध व्यक्ति द्वारा छुई गई हो, वह अपवित्र होगी, तथा वह व्यक्ति जो उसे छूता है शाम तक अपवित्र रहेगा.”