Псалтирь 130 – NRT & HCV

New Russian Translation

Псалтирь 130:1-3

Псалом 130

1Песнь восхождения Давида.

Господи, не возгордилось мое сердце,

и не вознеслись мои глаза,

и не занимался я великими,

недосягаемыми для меня делами.

2Но смирял и успокаивал свою душу,

как ребенка, отнятого от материнской груди;

душа моя – как ребенок, отнятый от материнской груди.

3Да уповает Израиль на Господа

отныне и вовеки!

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 130:1-8

स्तोत्र 130

आराधना के लिए यात्रियों का गीत.

1याहवेह, गहराइयों में से मैं आपको पुकार रहा हूं;

2हे प्रभु, मेरा स्वर सुन लीजिए,

कृपा के लिए मेरी नम्र विनती की

ओर आपके कान लगे रहें.

3याहवेह, यदि आप अपराधों का लेखा रखने लगें,

तो प्रभु, कौन ठहर सकेगा?

4किंतु आप क्षमा शील हैं,

तब आप श्रद्धा के योग्य हैं.

5मुझे, मेरे प्राणों को, याहवेह की प्रतीक्षा रहती है,

उनके वचन पर मैंने आशा रखी है.

6मुझे प्रभु की प्रतीक्षा है

उन रखवालों से भी अधिक, जिन्हें सूर्योदय की प्रतीक्षा रहती है,

वस्तुतः उन रखवालों से कहीं अधिक जिन्हें भोर की प्रतीक्षा रहती है.

7इस्राएल, याहवेह पर भरोसा रखो,

क्योंकि जहां याहवेह हैं वहां करुणा-प्रेम भी है

और वही पूरा छुटकारा देनेवाले हैं.

8स्वयं वही इस्राएल को,

उनके अपराधों को क्षमा करेंगे.