मत्ती 14 – NCA & NASV

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

मत्ती 14:1-36

यूहन्ना बतिसमा देवइया के हतिया

(मरकुस 6:14-29; लूका 9:7-9)

1ओ समय राजा हेरोदेस ह यीसू के बारे म सुनिस, 2अऊ ओह अपन सेवकमन ला कहिस, “एह यूहन्ना बतिसमा देवइया अय। ओह मरे म ले जी उठे हवय। एकरसेति ओह ए अचरज के काम कर सकथे।”

3हेरोदेस ह अपन भाई फिलिप्पुस के घरवाली हेरोदियास के कारन यूहन्ना ला पकड़वाके बंदी बनवाय रिहिस अऊ ओला जेल म डलवा दे रिहिस। 4काबरकि यूहन्ना ह हेरोदेस ला कहे रिहिस, “अपन भाई के घरवाली ला रखई तोर बर उचित नो हय।” 5हेरोदेस ह यूहन्ना ला मार डारे चाहत रिहिस, पर ओह मनखेमन ले डर्रावत रिहिस काबरकि मनखेमन यूहन्ना ला एक अगमजानी मानत रिहिन।

6हेरोदेस के जनम दिन म हेरोदियास के बेटी ह नेवताहारीमन के आघू म नाचिस अऊ हेरोदेस ला खुस कर दीस। 7तब हेरोदेस ह किरिया खाके ओला ए बचन दीस, “जऊन कुछू तेंह मांगबे, मेंह तोला दूहूं।” 8ओह अपन दाई के सिखोय म आके कहिस, “यूहन्ना बतिसमा देवइया के मुड़ी ला एक ठन थारी म इहां मोर करा मंगवा दे।” 9राजा ह दुःखी होईस, पर अपन किरिया अऊ पहुनामन के सेति ओह हुकूम दीस, “एला यूहन्ना के मुड़ी दे दिये जावय।” 10ओह सिपाहीमन ला पठोके, जेल म यूहन्ना के मुड़ी ला कटवा दीस। 11ओकर मुड़ी ला एक ठन थारी म लाय गीस अऊ ओ छोकरी ला दे दिये गीस, अऊ ओह मुड़ी ला अपन दाई करा ले गीस। 12यूहन्ना के चेलामन आईन अऊ ओकर लास ला ले जाके, ओला माटी दे दीन। तब ओमन जाके यीसू ला ए खबर दीन।

यीसू ह पांच हजार मनखेमन ला खाना खवाथे

(मरकुस 6:30-44; लूका 9:10-17; यूहन्ना 6:1-14)

13जब यीसू ह ए खबर ला सुनिस, त एक ठन डोंगा म चघके, ओह एके झन उहां ले एक सुनसान जगह म चल दीस। जब मनखेमन ला ए बात के पता चलिस, त ओमन सहरमन ले निकरके पैदलेच ओकर खोज म गीन। 14जब यीसू ह डोंगा ले उतरिस, त ओह उहां एक बड़े भीड़ ला देखिस। यीसू ला ओमन ऊपर तरस आईस अऊ ओह ओमन के बेमरहामन ला बने करिस।

15जब सांझ होय लगिस, त चेलामन ओकर करा आईन अऊ कहिन, “एह एक सुनसान जगह अय, अऊ अब्‍बड़ बेर होवत हवय। तेंह मनखेमन ला बिदा कर, ताकि ओमन गांवमन म जाके अपन बर भोजन बिसो सकंय।”

16यीसू ह कहिस, “एमन ला कहीं जाय के जरूरत नइं ए। तुमन एमन ला कुछू खाय बर देवव।”

17ओमन यीसू ला कहिन, “इहां हमर करा सिरिप पांच ठन रोटी अऊ दू ठन मछरी हवय।”

18यीसू ह कहिस, “ओमन ला इहां मोर करा लानव।” 19तब यीसू ह मनखेमन ला कांदी म बईठे के हुकूम दीस। ओह पांच रोटी अऊ दू ठन मछरी ला लीस अऊ स्‍वरग कोति देखके, ओह परमेसर ले आसिस मांगिस, अऊ रोटीमन ला टोरके चेलामन ला दीस अऊ चेलामन मनखेमन ला दीन। 20ओ जम्मो झन खाईन अऊ खाके अघा गीन। चेलामन बांचे खुचे टुकड़ा के बारह टुकना भर के उठाईन। 21जऊन मन भोजन करिन, ओम माईलोगन अऊ लइकामन ला छोंड़के, लगभग पांच हजार मरद रिहिन।

यीसू ह पानी ऊपर रेंगथे

(मरकुस 6:45-52; यूहन्ना 6:15-21)

22एकर बाद, यीसू ह तुरते चेलामन ला डोंगा म चघाईस कि ओमन ओकर ले आघू झील के ओ पार जावंय, तब तक ओह मनखेमन ला बिदा करिस। 23मनखेमन ला बिदा करे पाछू, यीसू ह एके झन पराथना करे बर पहाड़ ऊपर गीस। जब सांझ होईस, त ओह उहां एके झन रिहिस। 24ओ समय डोंगा ह भुइयां ले बहुंत दूरिहा म रिहिस, अऊ पानी के लहरा म डगमगावत रिहिस, काबरकि हवा ह ओकर उलटा बोहावत रहय।

25बिहान होय के थोरकन पहिली यीसू ह समुंदर ऊपर रेंगत चेलामन करा आईस। 26जब चेलामन यीसू ला समुंदर ऊपर रेंगत देखिन, त ओमन डर्रा गीन अऊ कहिन, “एह भूत अय।” अऊ ओमन डर के मारे चिचियाय लगिन।

27तब यीसू ह तुरते ओमन ला कहिस, “हिम्मत रखव। एह में अंव। झन डर्रावव।”14:27 निरगमन 3:14

28पतरस ह कहिस, “हे परभू, यदि तें अस, त मोला पानी ऊपर तोर करा आय के हुकूम दे।”

29यीसू ह कहिस, “आ।” तब पतरस ह डोंगा ले उतरिस अऊ पानी ऊपर रेंगत यीसू कोति आय लगिस। 30पर जब ओह गर्रा ला देखिस, त ओह डर्रा गीस अऊ पानी म बुड़न लगिस, त चिचियाके कहिस, “हे परभू! मोला बचा।”

31यीसू ह तुरते अपन हांथ बढ़ाके ओला थाम लीस अऊ कहिस, “हे अल्‍प बिसवासी, तेंह संका काबर करय?”

32जब ओ दूनों डोंगा म चघ गीन, त गर्रा ह थम गीस। 33तब जऊन मन डोंगा म रिहिन, ओमन यीसू ला दंडवत करिन अऊ कहिन, “सही म तेंह परमेसर के बेटा अस।”

34ओमन झील के ओ पार गीन अऊ गन्नेसरत सहर म पहुंचिन। 35उहां के मनखेमन यीसू ला चिन डारिन अऊ ओमन आस-पास के जम्मो गांव म खबर भिजवा दीन। मनखेमन जम्मो बेमरहामन ला यीसू करा लानिन, 36अऊ ओकर ले बिनती करिन, “ए बेमरहामन ला तोर कपड़ा के छोर ला सिरिप छुवन दे।” अऊ जतेक झन ओला छुईन, ओ जम्मो झन चंगा हो गीन।

New Amharic Standard Version

ማቴዎስ 14:1-36

የመጥምቁ ዮሐንስ መሞት

14፥1-12 ተጓ ምብ – ማር 6፥14-29

1በዚያን ጊዜ የአራተኛው ክፍል ገዥ የነበረው፣ ሄሮድስ ስለ ኢየሱስ ዝና ሰማ፤ 2ባለሟሎቹንም፣ “እንዲህ ከሆነ መጥምቁ ዮሐንስ ከሞት ተነሥቶ መጥቷል ማለት ነው፤ ይህ ሁሉ ድንቅ ታምራት በእርሱ የሚደረገውም ለዚህ ነው” አላቸው።

3ቀደም ሲል ሄሮድስ፣ በወንድሙ በፊልጶስ ሚስት በሄሮድያዳ ምክንያት ዮሐንስን አስይዞ ወህኒ አስገብቶት ነበር። 4ምክንያቱም ዮሐንስ፣ “እርሷን እንድታገባ ሕግ አይፈቅድልህም” ይለው ነበር። 5ሄሮድስም ዮሐንስን ሊገድለው ፈልጎ፣ ሕዝቡ እንደ ነቢይ ይመለከተው ስለ ነበር ፈራ።

6ሄሮድስ የልደቱን ቀን ሲያከብር፣ የሄሮድያዳ ልጅ በዘፈን ደስ ስላሰኘችው፣ 7የምትጠይቀውን ሁሉ ሊሰጣት በመሐላ ቃል ገባላት። 8ልጅቷም በእናቷ ተመክራ፣ “የመጥምቁ ዮሐንስን ራስ በሳሕን ላይ አድርገህ አሁኑኑ ስጠኝ” አለችው። 9በዚህ ጊዜ ንጉሡ ዐዘነ፤ ይሁን እንጂ ስለ መሐላውና ከእርሱ ጋር ስለ ነበሩ እንግዶች ሲል ጥያቄዋ እንዲፈጸምላት አዘዘ። 10ልኮም በወህኒ ውስጥ እንዳለ የዮሐንስን ራስ አስቈረጠ። 11የተቈረጠውንም ራስ በሳሕን ላይ አድርገው ለልጂቱ ሰጧት፤ ልጂቱም ወስዳ ለእናቷ ሰጠች። 12የዮሐንስ ደቀ መዛሙርትም አስከሬኑን ወስደው ቀበሩት፤ ከዚያም ሄደው ለኢየሱስ ነገሩት።

ኢየሱስም አምስት ሺሕ ሰዎችን በታምር መገበ

14፥13-21 ተጓ ምብ – ማር 6፥32-44ሉቃ 9፥10-17ዮሐ 6፥1-13

14፥13-21 ተጓ ምብ – ማቴ 15፥32-38

13ኢየሱስ የሆነውን ነገር በሰማ ጊዜ፣ ከነበረበት ተነሥቶ ወደ አንድ ገለልተኛ ስፍራ በጀልባ ሄደ። ሕዝቡም ይህን ሰምተው፣ ከየከተማው በእግር ተከተሉት። 14ኢየሱስም ከጀልባው ሲወርድ ብዙ ሕዝብ አይቶ ራራላቸው፤ ሕመምተኞቻቸውንም ፈወሰላቸው።

15እየመሸ በመሄዱም ደቀ መዛሙርቱ ወደ እርሱ ቀርበው፣ “ይህ ስፍራ ምንም የማይገኝበት ምድረ በዳ ነው፤ ጊዜው እየመሸ ስለሆነ፣ ወደ መንደሮች ሄደው የሚበሉት ምግብ እንዲገዙ ሕዝቡን አሰናብት” አሉት።

16ኢየሱስ ግን፣ “መሄድ አያስፈልጋቸውም፤ የሚበሉትን እናንተ ስጧቸው” አላቸው።

17እነርሱም፣ “በዚህ ያለን አምስት እንጀራና ሁለት ዓሣ ብቻ ነው” አሉት።

18እርሱም፣ “እስቲ ያለውን ወደ እኔ አምጡት” አላቸው። 19ከዚያም ሕዝቡ በሣሩ ላይ እንዲቀመጡ አዘዘ፤ አምስቱን እንጀራና ሁለቱን ዓሣ ይዞ ዐይኑን ወደ ሰማይ በማቅናት አመስግኖና ባርኮ እንጀራውን ቈረሰ፤ ለደቀ መዛሙርቱም ሰጠ፤ እነርሱም ለሕዝቡ ሰጡ። 20ሁሉም በልተው ጠገቡ፤ ከዚያም ደቀ መዛሙርቱ የተረፈውን ቍርስራሽ ዐሥራ ሁለት መሶብ ሙሉ አነሡ። 21የበሉትም ከሴቶችና ከሕፃናት ሌላ፣ አምስት ሺሕ ወንዶች ያህሉ ነበር።

ኢየሱስ በባሕር ላይ በእግሩ ሄደ

14፥22-33 ተጓ ምብ – ማር 6፥45-51ዮሐ 6፥15-21

14፥34-36 ተጓ ምብ – ማር 6፥53-56

22ወዲያውኑ ደቀ መዛሙርቱ በጀልባ ተሳፍረው ወደ ማዶ እንዲቀድሙት አዘዛቸውና እርሱ ሕዝቡን ለማሰናበት ወደ ኋላ ቀረት አለ። 23ሕዝቡን ካሰናበተ በኋላም ለመጸለይ ብቻውን ወደ ተራራ ወጣ፤ በጨለመም ጊዜ ብቻውን በዚያው ነበር፤ 24በዚያ ጊዜ ጀልባዋ ባሕሩን ዘልቃ14፥24 ግሪኩ ብዙ ምዕራፍ ይላል። እየተጓዘች ሳለች ነፋስ ተነሥቶ በማዕበል ትንገላታ ጀመር።

25ከሌሊቱ በአራተኛው ክፍል ኢየሱስ በባሕሩ ላይ እየተራመደ ደቀ መዛሙርቱ ወዳሉበት መጣ። 26ደቀ መዛሙርቱም በባሕሩ ላይ እየተራመደ ሲመጣ ባዩት ጊዜ ፈሩ፤ እነርሱም፣ “ምትሀት ነው!” በማለት በፍርሀት ጮኹ።

27ኢየሱስም ወዲያውኑ፣ “አይዟችሁ፤ እኔ ነኝ አትፍሩ” አላቸው።

28ጴጥሮስም፣ “ጌታ ሆይ፤ አንተ ከሆንህስ፣ በውሃው ላይ እየተራመድሁ ወደ አንተ እንድመጣ እዘዘኝ” አለው።

29እርሱም፣ “ና” አለው።

ጴጥሮስም፣ ከጀልባው ወርዶ በውሃው ላይ እየተራመደ ወደ ኢየሱስ አመራ። 30ነገር ግን የነፋሱን ኀይል ባየ ጊዜ ፈራ፤ መስጠምም ሲጀምር፣ “ጌታ ሆይ፤ አድነኝ!” ብሎ ጮኸ።

31ኢየሱስም ወዲያውኑ እጁን ዘርግቶ ያዘውና፣ “አንተ እምነት የጐደለህ፤ ለምን ተጠራጠርህ?” አለው።

32ኢየሱስና ጴጥሮስ ጀልባው ላይ እንደ ወጡ ነፋሱ ጸጥ አለ። 33ከዚያም በጀልባው ውስጥ የነበሩት፣ “በእውነት አንተ የእግዚአብሔር ልጅ ነህ” ብለው ሰገዱለት።

ፈውስ በጌንሴሬጥ

34ባሕሩን ከተሻገሩ በኋላ ጌንሴሬጥ ወደ ተባለ ቦታ ደረሱ። 35ነዋሪዎቹም ኢየሱስ መሆኑን ባወቁ ጊዜ፣ በዙሪያው ወዳለ አካባቢ ሁሉ መልእክት ላኩ፤ የታመሙትን ሁሉ ወደ እርሱ በማስመጣት፣ 36በሽተኞቹ የልብሱን ጫፍ ብቻ ይነኩ ዘንድ እንዲፈቅድላቸው ለመኑት፤ የነኩትም ሁሉ ተፈወሱ።