फिलिप्‍पी 1 – NCA & JCB

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

फिलिप्‍पी 1:1-30

1मसीह यीसू म फिलिप्‍पी सहर के जम्मो संत, कलीसिया के अगुवा अऊ डीकन मन ला, मसीह यीसू के सेवक पौलुस अऊ तीमुथियुस कोति ले ए चिट्ठी मिलय। में पौलुस ह ए चिट्ठी ला लिखत हवंव।

2हमर ददा परमेसर अऊ परभू यीसू मसीह ले तुमन ला अनुग्रह अऊ सांति मिलय।

धनबाद अऊ पराथना

3जब भी मेंह तुमन ला सुरता करथंव, मेंह अपन परमेसर ला धनबाद देथंव। 4मेंह हमेसा अपन जम्मो पराथना म तुमन जम्मो झन बर आनंद के संग पराथना करथंव। 5काबरकि सुरू से लेके अब तक तुमन सुघर संदेस के परचार म सहभागी रहे हवव। 6अऊ मोला ए बात के भरोसा हवय कि जऊन ह तुमन म ए बने काम सुरू करे हवय, ओह एला मसीह यीसू के आय के दिन तक पूरा करही।

7एह मोर बर उचित ए कि मेंह तुमन जम्मो झन के बारे म ए किसम ले सोचंव, काबरकि तुमन मोर हिरदय म बसे हवव; अऊ चाहे मेंह जेल म रहंव या सुघर संदेस के बचाव अऊ सुघर संदेस ला मजबूत करे म रहंव, तुमन जम्मो झन मोर संग परमेसर के अनुग्रह म भागीदार हवव। 8परमेसर ह मोर गवाह ए कि कइसने मेंह मसीह यीसू के मया के संग, तुमन जम्मो झन ला चाहथंव।

9अऊ मोर ए पराथना अय कि तुम्‍हर मया ह गियान अऊ समझ के संग अऊ बढ़त जावय, 10ताकि तुमन समझ सकव कि का ह सबले बने ए अऊ तुमन मसीह के आय के दिन तक सुध अऊ निरदोस बने रहव, 11अऊ धरमीपन के ओ फर ले भर जावव, जऊन ह यीसू मसीह के जरिये आथे, अऊ ए किसम ले परमेसर के महिमा अऊ परसंसा होवय।

पौलुस के जेल म रहई ह सुघर संदेस के फइलाव म सहायक होथे

12हे भाईमन हो, मेंह चाहथंव कि तुमन जानव कि जऊन कुछू मोर ऊपर बिते हवय, ओह सही म सुघर संदेस के बढ़ती म मददगार होईस। 13एकर नतीजा ए होईस कि महल के जम्मो सिपाही अऊ आने जम्मो झन म ए बात ह साफ हो गे हवय कि मेंह मसीह खातिर जेल म हवंव। 14मोर जेल म रहे के कारन, बहुंते भाईमन के परभू ऊपर बिसवास ह बढ़ गे हवय अऊ ओमन परमेसर के बचन ला अऊ साहस अऊ निडर होके सुनावत हवंय।

15एह सच ए कि कुछू झन जलन अऊ झगरा के कारन मसीह के परचार करथें, पर आने मन भले मनसा ले परचार करथें। 16ए मनखेमन मया म अइसने करथें, काबरकि एमन जानथें कि सुघर संदेस के बचाव खातिर मेंह जेल म रखे गे हवंव। 17पहिली के मनखेमन ईमानदारी से नइं, पर सुवारथी भावना ले मसीह के परचार करथें। ओमन सोचथें कि जब मेंह जेल म हवंव, त मोर बर ओमन समस्या खड़े कर सकथें। 18पर कोनो बात नइं! बने बात ए अय कि हर किसम ले, चाहे गलत मनसा ले या सही मनसा ले, मसीह के परचार होवथे। अऊ एकरे कारन मेंह आनंदित हवंव।

अऊ मेंह हमेसा आनंदित रहिहूं। 19काबरकि मेंह जानत हंव कि तुम्‍हर पराथना के जरिये अऊ यीसू मसीह के आतमा के मदद के दुवारा, मेंह छूट जाहूं1:19 “मेंह छूट जाहूं” के मतलब “पौलुस के जेल ले छूटना” या “ओकर उद्धार” घलो हो सकथे।20मोर दिली ईछा अऊ आसा हवय कि मेंह बिलकुल झन लजावंव, पर मोर करा पूरा हिम्मत रहय, ताकि मोर देहें म हमेसा मसीह के बड़ई होवत रहय, चाहे मेंह जीयत रहंव या मर जावंव। 21काबरकि मोर बर जीयत रहई मसीह अय अऊ मर जवई फायदा के बात अय। 22यदि मेंह सरीर म होके जीयत रहिथंव, त एकर मतलब मोर मिहनत ह फर लानही, तभो ले मेंह नइं जानत हंव कि मेंह कते ला चुनंव? 23मेंह दूनों के मांझा म अधर म लटके हवंव। मोर जी ह तो चाहथे कि मेंह जावंव अऊ मसीह के संग रहंव, जऊन ह बहुंत बने बात अय, 24पर एह तुम्‍हर बर जादा जरूरी अय कि मेंह जीयत रहंव। 25मोला एकर भरोसा हवय कि मेंह बने रहिहूं, अऊ मेंह तुमन जम्मो झन संग बिसवास म तुम्‍हर बढ़ती अऊ आनंद खातिर जीयत रहिहूं। 26ताकि तुम्‍हर संग मोर फेर रहे के दुवारा, मसीह यीसू म तुम्‍हर आनंद ह मोर कारन अऊ बढ़ जावय।

27कुछू भी होवय, तुम्‍हर चाल-चलन ह मसीह के सुघर संदेस के लइक रहय। तब चाहे, मेंह आके तुमन ला देखंव, चाहे झन आवंव, पर मेंह तुम्‍हर बारे म सिरिप ए सुनंव कि तुमन एके आतमा म अटल खड़े हवव अऊ एक मन होके, सुघर संदेस के बिसवास खातिर बहुंत मिहनत करत हवव। 28अऊ तुमन कोनो भी किसम ले, ओमन ले झन डर्रावव, जऊन मन तुम्‍हर बिरोध करथें। एह ओमन बर एक चिन्‍हां ए कि ओमन नास हो जाहीं अऊ तुमन उद्धार पाहू। अऊ एह परमेसर के दुवारा होही। 29काबरकि मसीह कोति ले, तुमन ला ए मऊका देय गे हवय कि न सिरिप तुमन ओकर ऊपर बिसवास करव, पर ओकर बर दुःख घलो उठावव। 30तुमन घलो ओहीच लड़ई लड़त हवव, जऊन ला तुमन पहिली मोला लड़त देख चुके हवव, अऊ जइसने कि तुमन सुनत हवव, मेंह अभी घलो लड़त हवंव।

Japanese Contemporary Bible

ピリピ人への手紙 1:1-30

1

1キリスト・イエスの奴隷であるパウロとテモテから、ピリピの町にいる牧師と執事たち、および信徒の皆さんへ。 2どうか、神の祝福があなたがた一同にありますように。父なる神と主イエス・キリストが、一人一人を豊かに祝福し、心にも生活にも平安を満たしてくださいますように。

3あなたがたを思う私の祈りは、いつも神への賛美にあふれています。 4そして、私の心は喜びに満たされるのです。 5それは、あなたがたが福音(イエス・キリストによる救いの知らせ)を初めて聞いた日から今日まで、全力をあげて、その知らせを宣べ伝える働きに協力してくれたからです。 6あなたがたのうちに良い働きを始められた神は、必ずそれを恵みのうちに成長させ、やがてキリスト・イエスが帰って来られる日までに、それを完成してくださると、私は堅く信じています。

ピリピ教会へのパウロの愛

7こう考えるのは、きわめて当然です。あなたがたは、私にとって特別な存在なのですから。私が獄中にある時も、自由の身でキリストの福音を語っている時も、あなたがたは、私と共に神の祝福をいただいたからです。 8私がキリスト・イエスの愛の心をもって、あなたがたをどんなに深く愛し、慕っているかをご存じなのは神だけです。 9私は祈っています。どうか、あなたがたの愛が、もっともっと満ちあふれますように。同時に、霊的な知識と洞察力も、さらに深められますように。 10それは、あなたがたに、善悪をはっきり見分ける力が備わり、主が来られる日まで、だれからも非難されることなく、心がきよく保たれるよう願うからです。 11どうか、神の子どもにふさわしく、親切な良い行いができますように。それは、大いに主をほめたたえ、主の栄光を現すことになるのです。

12愛する皆さん。このことを、わきまえていてほしいのです。ここで私の身に起こったことはすべて、キリストについての福音を広めるのに、たいへん役立っているという事実をです。 13周囲の人たちはみな、兵営の兵士に至るまで、私が、ただクリスチャンであるというだけの理由で投獄されていることを知っています。 14また私を見て、ここにいる多くのクリスチャンは、投獄など恐れなくなりました。彼らは耐え忍んでいる私の姿に勇気づけられ、ますます大胆に、キリストのことを人々に語るようになったのです。 15もっとも中には、神が私をこのように用いてくださるのをねたんで、福音を宣べ伝えている人もいます。彼らは、勇敢な伝道者という名声がほしいのです。しかし、もっと純粋な動機から伝道している人もいます。 16私を愛する気持ちから、そうしているのです。私をこのような状況下に置かれた主の目的が、福音を弁証させる点にあることを知っているからです。 17ところが別の人たちは、自分たちの成功によって、獄中にある私の苦痛がもっと増すだろうと考えて、つまり、私にねたみ心を起こさせようとして伝道しているのです。 18しかし、どのような動機からであれ、キリストが宣べ伝えられているのは事実であり、私は喜んでいます。

生きるにしても死ぬにしても

19これからも、この喜びは続くでしょう。なぜなら、あなたがたの祈りと御霊の助けによって、このことがすべて私に益となることがわかっているからです。 20というのも、私はこのような期待と希望とをいだいて生きているのです。すなわち、一つも自分で恥じるようなことはせず、かえって、この試練の時も、いつものように大胆に語り、また、生きるにしても死ぬにしても、いつもキリストのすばらしさを身をもって現したいと願っているのです。 21私にとって生きることは、キリストのために良い機会を得たことを意味し、死ぬことは、さらにすばらしいことを意味するからです。 22しかし、生きているからこそ、人々をキリストに導く機会に恵まれているとすれば、生と死のどちらがよいのか、私にはわかりません。 23ある時は生きていたいと思い、また、ある時は反対の気持ちになります。というのも、私にとって、この世を去ってキリストのそばにいることほど願わしいことはないからです。そのほうが、地上にとどまっているより、どれだけ幸せかわかりません。 24しかし、地上では、もっとあなたがたの役に立てることも事実です。 25私にはまだ、この世で生きる使命があるのです。あなたがたの信仰の成長を助け、あなたがたがもっと喜びにあふれるために、もうしばらくの間、地上で長らえることになるでしょう。 26私が生き延びて、もう一度そちらに行った時、あなたがたのうちに喜びがわき上がり、私を無事に守ってくださったイエス・キリストを心から賛美するようになることでしょう。

27しかし、たとえ私の身にどんなことが降りかかろうと、あなたがたは、いつもキリストの福音にふさわしく生活するよう心がけてください。そうすれば、もう一度会えるにしても、会えないにしても、あなたがたについて、いつでもうれしい報告を聞けるでしょうから。つまり、あなたがたが、キリストの福音を宣べ伝えるという一つの目標に向かって、しっかり一つとなり、 28敵対する者たちのどんなしわざにもたじろぐことがないと。そのことは彼らの滅びを暗示するのですが、あなたがたにとっては、神が共にいて永遠のいのちを与えてくださることの確かな証拠となります。 29あなたがたは、ただキリストを信じるだけでなく、キリストのために苦しむという特権をも与えられているのです。 30私たちは、共に戦っているのです。あなたがたは先に、キリストのために苦しんでいる私の姿を見ました。そして、今なお、激しく大きな戦いの真っただ中にいる私のことを、よく知っているはずです。