तीतुस 1 – NCA & HCV

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

तीतुस 1:1-16

1पौलुस कोति ले, जऊन ह परमेसर के सेवक अऊ यीसू मसीह के प्रेरित ए, परमेसर के चुने मनखेमन के बिसवास खातिर अऊ ओ सच के गियान खातिर जऊन ह भक्ति के रसता म ले जाथे, 2सदाकाल के जिनगी के आसा म, जेकर परतिगियां परमेसर ह समय के सुरू होय के पहिली ले करे हवय अऊ ओह झूठ नइं कहय। 3अऊ सही समय म ओह अपन बचन ला परचार के दुवारा साफ बताईस, अऊ ए परचार के जिम्मेदारी, हमर उद्धार करइया परमेसर के हुकूम ले मोला सऊंपे गे हवय –

4मेंह तीतुस ला ए चिट्ठी लिखत हवंव। तेंह मोर सच के बेटा सहीं अस, काबरकि तेंह मसीह ऊपर बिसवास करथस, जइसने मेंह करथंव। परमेसर ददा अऊ हमर उद्धार करइया मसीह यीसू ले तोला अनुग्रह अऊ सांति मिलत रहय।

क्रेते म तीतुस के काम

5मेंह एकर खातिर तोला क्रेते दीप म छोंड़ आय रहेंव कि तेंह उहां बांचे काम ला पूरा कर, अऊ मोर बताय मुताबिक नगर-नगर म अगुवामन ला ठहिरा। 6अगुवा ह निरदोस अऊ ओकर एकेच घरवाली होवय। ओकर लइकामन बिसवासी रहंय अऊ ओमन लुच्चा-लफंगा अऊ हुकूम नइं मनइया झन होवंय। 7काबरकि पास्टर के ऊपर परमेसर के काम के जिम्मेदारी होय के कारन, ओला निरदोस होना चाही; ओह मनमानी करइया, कोरोधी, पियक्‍कड़, मार-पीट करइया अऊ नीच कमई के लोभी झन होवय। 8पर ओह पहुनई करइया, भलई करइया, संयमी, नियायी, पबितर अऊ अनुसासन म रहइया होवय। 9ओह सिखोय गय बिसवास के बचन म स्थिर रहय, ताकि ओह आने मन ला सही सिकछा दे सकय, अऊ बिरोधीमन के मुहूं ला बंद कर सकय।

10काबरकि बहुंते मनखेमन बिदरोही, बकवास करइया अऊ धोखा देवइया अंय, खास करके खतना वाले मनखेमन। 11एमन के मुहूं ला बंद करे जावय, काबरकि ए मनखेमन नीच कमई ले पईसा बनाय खातिर गलत सिकछा देथें अऊ परिवारमन ला बिगाड़ देथें। 12ओमन के खुद के एक अगमजानी ह कहे हवय कि क्रेते के रहइया मनखेमन हमेसा लबरा, दुस्‍ट पसु के सहीं अऊ अलाल पेटहा होथें। 13ओकर ए गवाही ह सही ए। एकरसेति ओमन ला बने करके चेता दे कि ओमन बिसवास म मजबूत हो जावंय। 14अऊ ओमन यहूदीमन के कथा-कहानी अऊ ओ मनखेमन के हुकूम ला धियान झन देवंय, जऊन मन सत के बिरोध करथें। 15आतमिक रूप ले सुध मनखे खातिर जम्मो चीज ह सुध ए, पर आतमिक रूप ले असुध अऊ अबिसवासी मनखे खातिर कोनो चीज ह सुध नो हय। ओमन के मन अऊ बिवेक दूनों ह खराप हो गे हवय। 16ओमन कहिथें कि ओमन परमेसर ला जानथें, पर अपन काम के दुवारा ओकर इनकार करथें। ओमन घिन करे लइक अऊ हुकूम नइं मनइया मनखे अंय अऊ ओमन कोनो बने काम करे के लइक नो हंय।

Hindi Contemporary Version

तीतॉस 1:1-16

1विश्वास की सहभागिता में मेरे सच्चे पुत्र तीतॉस को परमेश्वर के दास तथा मसीह येशु के प्रेरित पौलॉस की ओर से, जिन्हें परमेश्वर के चुने हुओं के विश्वास तथा उनके सत्य के ज्ञान के लिए, 2जो अनंत जीवन की आशा में परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अनुसार है, जिस अनंत जीवन की प्रतिज्ञा सनातन से ही परमेश्वर द्वारा की गई, जो कभी झूठ नहीं बोलते, 3अब जिनके ठहराए हुए समय पर इस आशा का संदेश परमेश्वर हमारे उद्धारकर्ता की आज्ञा पर मुझे सौंपी गई प्रचार की सेवकाई द्वारा प्रकट किया गया है.

4पिता परमेश्वर तथा मसीह येशु हमारे उद्धारकर्ता की ओर से,

तुम्हें अनुग्रह और शांति मिले.

कलीसिया-पुरनियों की नियुक्ति

5मैंने तुम्हें क्रेते द्वीप में इसलिये छोड़ा था कि तुम वहां बचे हुए काम की पूरी व्यवस्था करो तथा हर एक नगर में मेरे अनुदेशानुसार ऐसे कलीसिया-पुरनियों की नियुक्ति करो, 6जो निर्दोष तथा एक पत्नी के पति हों, जिनकी संतान विश्वासी हो तथा जिन पर कामुकता और निरंकुशता का आरोप न हो. 7परमेश्वर द्वारा चुने हुए प्रबंधक के रूप में भंडारी का निर्दोष होना ज़रूरी है, न कि हठी, क्रोधी, मदिरा पीनेवाला, झगड़ालू या लालची. 8वह अतिथि-सत्कार करनेवाला, सब प्रकार की उचित बातों का समर्थक, विवेकशील, न्यायी, पवित्र तथा ऐसा हो जिसने अपनी इंद्रियों को अपने वश में कर लिया हो. 9वह उस विश्वसनीय संदेश पर स्थिर रहे, जो सिद्धांत शिक्षा के अनुकूल है कि वह खरी शिक्षा का उपदेश कर इसके विरोधियों का मुंह बंद कर सके.

झूठे शिक्षकों का प्रतिकार

10अनेक लोग निरंकुश, बकवादी और कपटी हैं, विशेषकर वे, जो ख़तना समर्थक हैं. 11इनका मुख बंद करना अत्यावश्यक है क्योंकि ये नीच कमाई के लाभ के लिए गलत शिक्षा देकर घर के घर उजाड़ रहे हैं. 12उन्हीं में से एक ने, जो उनका अपना तथाकथित भविष्यवक्ता है, कहा है, “क्रेतेवासी हमेशा ही झूठे, दुष्ट पशु और आलसी पेटू रहे हैं.” 13यह घोषणा सच है. इसलिये उन्हें कड़ी फटकार लगाना, कि वे विश्वास में स्थिर बने रहें 14और यहूदियों की काल्पनिक कहानियों और सच से दूर हो गए व्यक्तियों के आदेशों की ओर ध्यान न दें. 15निर्मल व्यक्ति के लिए सब वस्तुएं निर्मल हैं किंतु वे, जो भ्रष्‍ट हैं तथा विश्वास नहीं करते, उनके लिए निर्मल कुछ भी नहीं है. उनके मन तथा विवेक दोनों ही अशुद्ध हैं. 16वे परमेश्वर को जानने का दावा तो अवश्य करते हैं परंतु उनके काम इसे गलत साबित करते हैं. वे घृणित, अवज्ञाकारी और किसी भी भले काम के योग्य नहीं हैं.