ميخا 3 – NAV & HCV

Ketab El Hayat

ميخا 3:1-12

توبيخ القادة والأنبياء

1وَقُلْتُ اسْمَعُوا يَا رُؤَسَاءَ يَعْقُوبَ وَيَاقُضَاةَ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ: أَلا يَنْبَغِي لَكُمْ أَنْ تَعْرِفُوا الْحَقَّ؟ 2أَنْتُمْ يَا مَنْ تُبْغِضُونَ الْخَيْرَ وَتُحِبُّونَ الشَّرَّ، وَتَسْلُخُونَ جُلُودَ شَعْبِي وَتُجَرِّدُونَ لُحُومَهُمْ عَنْ عِظَامِهِمْ. 3الَّذِينَ تَأْكُلُونَ لُحُومَ شَعْبِي، وَتَسْلُخُونَ جُلُودَهُمْ عَنْهُمْ وَتُهَشِّمُونَ عِظَامَهُمْ، وَتُقَطِّعُونَهُمْ كَمَا يُقَطَّعُ اللَّحْمُ فِي الْقِدْرِ، أَوْ كَاللَّحْمِ الْمُعَدِّ لِلْمِقْلَى. 4ثُمَّ حِينَ تَسْتَغِيثُونَ بِالرَّبِّ لَا يَسْتَجِيبُ وَيَحْجُبُ وَجْهَهُ عَنْكُمْ فِي ذَلِكَ الْوَقْتِ بِسَبَبِ مَا ارْتَكَبْتُمُوهُ مِنْ أَعْمَالٍ شِرِّيرَةٍ.

5وَهَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ بِشَأْنِ الأَنْبِيَاءِ الَّذِينَ يُضِلُّونَ شَعْبَهُ، الَّذِينَ يُنَادُونَ قَائِلِينَ: «سَلامٌ» لِمَنْ يُعْطِيهِمْ طَعَاماً، وَيُعْلِنُونَ الْحَرْبَ عَلَى مَنْ لَا يُلْقِمُ أَفْوَاهَهُمْ. 6لِذَلِكَ يَطْغَى عَلَيْكُمْ لَيْلٌ خَالٍ مِنَ الرُّؤْيَا، وَظَلامٌ مِنْ غَيْرِ عِرَافَةٍ، وَتَغْرُبُ الشَّمْسُ عَنِ الأَنْبِيَاءِ وَيُظْلِمُ عَلَيْهِمِ النَّهَارُ. 7يَعْتَرِي الرَّائِينَ الْخِزْيُ وَيَنْتَابُ الْعَرَّافِينَ الْخَجَلُ، وَيُغَطُّونَ جَمِيعُهُمْ شِفَاهَهُمْ لأَنَّهُمْ لَا يَنَالُونَ جَوَاباً مِنَ الرَّبِّ. 8أَمَّا أَنَا، فَإِنِّي مُمْتَلِئٌ بِقُوَّةِ رُوحِ الرَّبِّ وَبِالْحَقِّ وَالْعِزَّةِ، لأُعْلِنَ لِنَسْلِ يَعْقُوبَ مَعَاصِيَهُ وَلإِسْرَائِيلَ خَطِيئَتَهُ.

9اسْتَمِعُوا هَذَا يَا رُؤَسَاءَ بَيْتِ يَعْقُوبَ وَقُضَاةَ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ الَّذِينَ يَكْرَهُونَ الْعَدْلَ وَيُحَرِّفُونَ الْحَقَّ. 10الَّذِينَ يَبْنُونَ صِهْيَوْنَ بِالدَّمِ وَأُورُشَلِيمَ بِالظُّلْمِ. 11إِذْ يَحْكُمُ رُؤَسَاؤُهَا بِالرِّشْوَةِ، وَكَهَنَتُهَا يُعَلِّمُونَ بِالأُجْرَةِ وَيَتَعَاطَى أَنْبِيَاؤُهَا الْعِرَافَةَ لِقَاءَ الْمَالِ، وَمَعَ ذَلِكَ يَدَّعُونَ الاتِّكَالَ عَلَى اللهِ قَائِلِينَ: «أَلَيْسَ الرَّبُّ فِي وَسَطِنَا؟ لِذَلِكَ لَنْ يُصِيبَنَا مَكْرُوهٌ». 12لِهَذَا مِنْ جَرَّاءِ أَعْمَالِكُمْ سَتُحْرَثُ صِهْيَوْنُ كَالْحَقْلِ وَتُصْبِحُ أُورُشَلِيمُ كَوْمَةً مِنَ الْخَرَائِبِ، وَجَبَلُ الْهَيْكَلِ مُرْتَفَعاً تَنْمُو عَلَيْهِ أَشْجَارُ الْغَابِ.

Hindi Contemporary Version

मीकाह 3:1-12

अगुओं और भविष्यवक्ताओं को डांट

1तब मैंने कहा,

“हे याकोब के अगुओ,

हे इस्राएल के शासको, सुनो.

क्या तुम्हें न्याय से प्रेम नहीं करना चाहिये,

2तुम जो भलाई से घृणा करते हो और बुराई से प्रेम करते हो;

तुम जो मेरे लोगों की खाल

और उनकी हड्डियों से मांस नोच लेते हो;

3तुम जो मेरे लोगों का मांस खाते हो,

उनकी खाल खींच लेते हो

और उनके हड्डियों को टुकड़े-टुकड़े कर देते हो;

उनकी अस्थियों को चूर्ण कर देते हो

तुम जो उनको कड़ाही में पकाने वाले मांस

या बर्तन में रखे मांस की तरह काट डालते हो?”

4तब वे याहवेह को पुकारेंगे,

पर याहवेह उनकी नहीं सुनेंगे.

उनके बुरे कामों के कारण

उस समय वह अपना मुख उनसे छिपा लेंगे.

5याहवेह का यह कहना है:

“वे भविष्यवक्ता

जो मेरे लोगों को भटका देते हैं,

यदि उनको खाने को कुछ मिलता है,

तब वे शांति की घोषणा करते हैं,

पर जो व्यक्ति उनको खिलाने से मना करता है,

उसके विरुद्ध लड़ाई करने को तैयार हो जाते हैं.

6इसलिये तुम्हें बिना बताये तुम्हारे ऊपर रात्रि आ जाएगी,

और बिना बताये तुम्हारे ऊपर अंधेरा छा जाएगा.

इन भविष्यवक्ताओं के लिये सूर्यास्त हो जाएगा,

और दिन रहते उन पर अंधेरा छा जाएगा.

7भविष्यदर्शी लज्जित होंगे

और भविष्य बतानेवाले कलंकित होंगे.

वे सब लज्जा से अपना मुंह ढांप लेंगे

क्योंकि उन्हें परमेश्वर से कोई उत्तर न मिलेगा.”

8पर जहां तक मेरा सवाल है,

मैं याहवेह के आत्मा के साथ सामर्थ्य से,

तथा न्याय और बल से भरा हुआ हूं,

ताकि याकोब को उसका अपराध,

और इस्राएल को उसका पाप बता सकूं.

9हे याकोब के अगुओ,

हे इस्राएल के शासको, यह बात सुनो,

तुम जो न्याय को तुच्छ समझते हो

और सब सही बातों को बिगाड़ते हो;

10तुम जो ज़ियोन को रक्तपात से,

और येरूशलेम को दुष्टता से भरते हो.

11उसके अगुए घूस लेकर न्याय करते हैं,

उसके पुरोहित दाम लेकर शिक्षा देते हैं,

और उसके भविष्यवक्ता पैसों के लिये भविष्य बताते हैं.

तौभी वे याहवेह की मदद की कामना करते हुए कहते हैं,

“क्या याहवेह हमारे मध्य में नहीं हैं?

कोई भी विपत्ति हमारे ऊपर नहीं आएगी.”

12इसलिये तुम्हारे ही कारण,

ज़ियोन पर खेत के सदृश हल चला दिया जाएगा,

येरूशलेम खंडहर हो जाएगा,

तथा भवन की पहाड़ी वन में पूजा-स्थल का स्वरूप ले लेगी.