ميخا 1 – NAV & HCV

Ketab El Hayat

ميخا 1:1-16

1هَذِهِ كَلِمَةُ الرَّبِّ الَّتِي أَوْحَى بِها إِلَى مِيخَا الْمُورَشْتِيِّ فِي أَثْنَاءِ حُكْمِ يُوثَامَ وَآحَازَ وَحَزَقِيَّا مُلُوكِ يَهُوذَا، بِشَأْنِ السَّامِرَةِ وَأُورُشَلِيمَ. 2اسْمَعُوا يَا جَمِيعَ الشُّعُوبِ، وَأَصْغِي أَيَّتُهَا الأَرْضُ وَكُلُّ مَنْ فِيهَا، وَلْيَكُنِ السَّيِّدُ الرَّبُّ مِنْ هَيْكَلِهِ الْمُقَدَّسِ شَاهِداً عَلَيْكُمْ.

دينونة الله على السامرة وأورشليم

3انْظُرُوا: هَا هُوَ الرَّبُّ خَارِجٌ مِنْ مَقَرِّ سُكْنَاهُ. هُوَذَا يَنْزِلُ لِيَطَأَ مَشَارِفَ الأَرْضِ، 4فَتَذُوبُ الْجِبَالُ مِنْ تَحْتِ قَدَمَيْهِ، وَتَتَصَدَّعُ الْوِدْيَانُ كَالشَّمْعِ أَمَامَ النَّارِ، كَالْمِيَاهِ الْمُنْصَبَّةِ فِي الْمُنْخَفَضَاتِ. 5مِنْ أَجْلِ آثَامِ يَعْقُوبَ وَمِنْ أَجْلِ خَطَايَا بَيْتِ إِسْرَائِيلَ. فَمَا هُوَ ذَنْبُ يَعْقُوبَ؟ أَلَيْسَ هُوَ أَصْنَامَ السَّامِرَةِ؟ وَمَا هِيَ خَطِيئَةُ يَهُوذَا؟ أَلَيْسَتْ هِيَ أَوْثَانَ أُورُشَلِيمَ؟ 6لِذَلِكَ سَأَجْعَلُ السَّامِرَةَ كَوْمَةَ حِجَارَةٍ فِي الْحَقْلِ وَمَغْرَساً لِلْكُرُومِ، وَأَقْذِفُ بِحِجَارَتِهَا إِلَى الْوَادِي، وَأُعَرِّي أَسَاسَاتِهَا. 7فَتَتَحَطَّمُ كُلُّ أَصْنَامِهَا، وَتُحْرَقُ كُلُّ تَقْدِمَاتِ زِنَاهَا بِالنَّارِ، وَأُدَمِّرُ جَمِيعَ تَمَاثِيلِهَا لأَنَّهَا جَمَعَتْهَا مِنْ أُجْرَةِ زَانِيَةٍ، وَإِلَى زَانِيَةٍ يَكُونُ مَآلُهَا.

نواح وولولة

8لِهَذَا أَنُوحُ وَأُوَلْوِلُ وَأَمْشِي حَافِياً عُرْيَاناً، وَأُعْوِلُ كَبَنَاتِ آوَى، وَأَنْتَحِبُ كَالنَّعَامِ. 9لأَنَّ جُرُوحَ السَّامِرَةِ لَنْ تَنْدَمِلَ، وَهِيَ لابُدَّ أَنْ تُصِيبَ يَهُوذَا، هَا هِيَ قَدْ بَلَغَتْ أَبْوَابَ شَعْبِي أَهْلِ أُورُشَلِيمَ.

10لَا تُخْبِرُوا فِي جَتَّ، وَلا تَبْكُوا فِي عَكَّاءَ. عَفِّرُوا أَنْفُسَكُمْ بِالتُّرَابِ فِي بَيْتِ عَفْرَةَ. 11اخْرُجُوا يَا أَهْلَ شَافِيرَ عَرَايَا مُجَلَّلِينَ بِالْعَارِ، وَلْيَمْكُثْ سُكَّانُ صَانَانَ فِي مَنَازِلِهِمْ خَجَلاً. وَعِنْدَمَا تَسْمَعُونَ عَوِيلَ أَهْلِ هَأَيْصِلَ تُدْرِكُونَ أَنَّهَا قَدْ سَقَطَتْ وَلا مَلْجَأَ لَكُمْ فِيهَا. 12لَشَدَّ مَا انْتَظَرَ أَهْلُ مَارُوثَ الْخَيْرَ، غَيْرَ أَنَّ الشَّرَّ قَدْ أَقْبَلَ عَلَى بَابِ أُورُشَلِيمَ مِنْ عِنْدِ الرَّبِّ. 13شُدُّوا الْخَيْلَ إِلَى الْمَرْكَبَاتِ يَا سُكَّانَ لاخِيشَ، لأَنَّكُمْ كُنْتُمْ أَوَّلَ مَنِ ارْتَكَبَ الْخَطِيئَةَ بَيْنَ مُدُنِ صِهْيَوْنَ، وَفِيكُمْ قَدْ وُجِدَتْ آثَامُ إِسْرَائِيلَ. 14لِهَذَا تَحْمِلُونَ هَدَايَا وَدَاعٍ إِلَى مُورَشَةِ جَتَّ، وَتُصْبِحُ مَدِينَةُ أَكْزِيبَ خِدْعَةً لِمُلُوكِ إِسْرَائِيلَ. 15وَأَبْعَثُ إِلَيْكُمْ بِقَاهِرٍ يَا أَهْلَ مَرِيشَةَ، فَيَهْرُبُ مِنْ أَمَامِهِ نُبَلاءُ إِسْرَائِيلَ إِلَى مَغَارَةِ عَدُلَّامَ. 16احْلِقُوا رُؤُوسَكُمْ وَجُزُّوا شُعُورَكُمْ مِنْ أَجْلِ أَبْنَاءِ مَسَرَّتِكُمْ. اجْعَلُوا رُؤُوسَكُمْ صَلْعَاءَ كَرَأْسِ النَّسْرِ، لأَنَّهُمْ سَيُؤْخَذُونَ مِنْكُمْ إِلَى السَّبْيِ.

Hindi Contemporary Version

मीकाह 1:1-16

1यहूदिया के राजा योथाम, आहाज़ तथा हिज़किय्याह के शासनकाल में मोरेशेथवासी मीकाह के पास याहवेह का यह वचन पहुंचा, जिसे उसने शमरिया और येरूशलेम के बारे में दर्शन में देखा.

2हे लोगों, तुम सब सुनो,

पृथ्वी और इसके सभी निवासियों, इस पर ध्यान दो,

कि प्रभु अपने पवित्र मंदिर से,

परम याहवेह तुम्हारे विरुद्ध गवाही दें.

शमरिया और येरूशलेम के विरुद्ध न्याय

3देखो! याहवेह अपने निवास से निकलकर आ रहे हैं;

वे नीचे उतरकर पृथ्वी के ऊंचे स्थानों को रौंदते हैं.

4उनके पैरों के नीचे पर्वत पिघल जाते हैं

और जैसे आग के आगे मोम,

और जैसे ढलान से गिरता पानी,

वैसे ही घाटियां तड़क कर फट जाती हैं.

5यह सब याकोब के अपराध,

और इस्राएल के लोगों के पाप का परिणाम है.

याकोब का अपराध क्या है?

क्या शमरिया नहीं?

यहूदिया का ऊंचा स्थान (देवताओं के पूजा-स्थल) क्या है?

क्या येरूशलेम नहीं?

6“इसलिये मैं शमरिया को मैदान में खंडहर के ढेर सा कर दूंगा,

एक ऐसी जगह जहां अंगूर की बारी लगाई जाती है.

मैं उसके पत्थरों को नीचे घाटी में लुढ़का दूंगा

और उसकी नीवें खुली कर दूंगा.

7उसकी सब मूर्तियां टुकड़े-टुकड़े कर दी जाएंगी;

उसके मंदिर के सब भेटों को आग में जला दिया जाएगा;

मैं उसकी सब मूर्तियों को नष्ट कर दूंगा.

क्योंकि उसने अपनी भेटों को वेश्यावृत्ति करके प्राप्‍त किया है,

और वेश्यावृत्ति के मजदूरी के रूप में वे फिर उपयोग में लाई जाएंगी.”

रोना और शोक मनाना

8इसलिये मैं रोऊंगा और विलाप करूंगा;

मैं खाली पैर और नंगा चला फिरा करूंगा.

मैं सियार के समान चिल्लाऊंगा

और उल्लू की तरह कराहूंगा.

9क्योंकि शमरिया का घाव असाध्य है;

यह यहूदिया में फैल गया है.

यह मेरी प्रजा के द्वार तक,

और तो और यह येरूशलेम तक पहुंच गया है.

10यह समाचार गाथ1:10 गाथ अर्थ कहना में न दिया जाए;

बिलकुल भी न रोया जाए.

बेथ-अफराह1:10 बेथ-अफराह अर्थ धूल का घर में

जाकर धूल में लोटो.

11तुम जो शाफीर1:11 शाफीर अर्थ सुहानी में रहते हो,

नंगे और निर्लज्ज होकर आगे बढ़ो.

जो त्सानान1:11 त्सानान अर्थ बाहर निकलना नगर में रहते हैं

वे बाहर नहीं निकलेंगे.

बेथ-एत्सेल विलाप में डूबा हुआ है;

यह तुम्हारा और बचाव नहीं कर सकता.

12जो मारोथ1:12 मारोथ अर्थ कड़वा में रहते हैं, वे दर्द से छटपटा रहे हैं,

और मदद के लिये इंतजार कर रहे हैं,

क्योंकि याहवेह के द्वारा भेजी गई विपत्ति

येरूशलेम के प्रवेश द्वार तक पहुंच गई है.

13तुम जो लाकीश में रहते हो,

तेज भागनेवाले घोड़ों को रथ में फांदने के लिये साज पहनाओ.

तुम्हीं से ज़ियोन की पुत्री का पाप शुरू हुआ,

क्योंकि तुम्हीं में इस्राएल का अपराध पाया गया.

14इसलिये तुम्हें ही मोरेशेथ-गथ को

विदाई उपहार देना होगा.

अकज़ीब1:14 अकज़ीब अर्थ धोखा के निवासी

इस्राएल के राजाओं के लिए धोखेबाज सिद्ध होंगे.

15हे मारेशाह1:15 मारेशाह अर्थ विजेता के रहनेवाले,

मैं तुम्हारे विरुद्ध एक विजेता को भेजूंगा.

इस्राएल के प्रतिष्ठित लोग

अदुल्लाम को भाग जाएंगे.

16अपने प्यारे बच्चों के लिए शोक में

अपने सिर के बाल मुंड़ाओ;

गिद्ध के समान अपना सिर गंजा कर लो,

क्योंकि तुम्हारी संतान तुम्हारे पास से बंधुआई में चली जाएगी.