الْمَزْمُورُ الثَّالِثُ وَالتِّسْعُونَ
1الرَّبُّ قَدْ مَلَكَ مُرْتَدِياً الْجَلالَ. مُتَنَطِّقاً بِحِزَامِ الْقُوَّةِ. الأَرْضُ تَثَبَّتَتْ فَلَنْ تَتَزَعْزَعَ. 2عَرْشُكَ ثَابِتٌ مُنْذُ الْقَدِيمِ، لأَنَّكَ اللهُ مُنْذُ الأَزَلِ. 3يَا رَبُّ قَدْ رَفَعَتِ الأَنْهَارُ صَوْتَهَا. تَرْفَعُ الأَنْهَارُ صَوْتَ مَوْجِهَا الْهَادِرِ. 4الرَّبُّ فِي الْعَلاءِ أَعْظَمُ مِنْ صَوْتِ الْمِيَاهِ الْغَزِيرَةِ وَمِنْ أَمْوَاجِ الْبَحْرِ الْهَائِلَةِ. 5أَقْوَالُكَ ثَابِتَةٌ إِلَى الأَبَدِ، وَبِبَيْتِكَ أَيُّهَا الرَّبُّ تَلِيقُ الْقَدَاسَةُ مَدَى الدَّهْرِ.
स्तोत्र 93
1याहवेह, राज्य करते हैं, उन्होंने वैभवशाली परिधान धारण किए हैं;
याहवेह ने तेज के परिधान धारण किए हैं और वह शक्ति से सुसज्जित हैं;
विश्व सुदृढ़ नींव पर स्थापित है, जो अटल है.
2सनातन काल से आपका सिंहासन बसा है;
स्वयं आप सनातन काल से हैं.
3याहवेह, जल स्तर उठता जा रहा है,
लहरों की ध्वनि ऊंची होती जा रही है;
समुद्र की प्रचंड लहरों का प्रहार उग्र होता जा रहा है.
4विशालकाय लहरों की गर्जन से कहीं अधिक शक्तिशाली,
उद्वेलित लहरों के प्रहार से कहीं अधिक प्रचंड हैं,
महान सर्वशक्तिमान याहवेह.
5अटल हैं आपके अधिनियम;
पवित्रता, आपके आवास की शोभा;
याहवेह, ये सदा-सर्वदा स्थिर रहेंगे.