حزقيال 9 – NAV & HCV

Ketab El Hayat

حزقيال 9:1-11

ذبح عبدة الأصنام

1ثُمَّ صَرَخَ فِي مَسْمَعِي بِصَوْتٍ عَالٍ قَائِلاً: «لِيَقْتَرِبْ مُحَافِظُو الْمَدِينَةِ. لِيَقْتَرِبْ كُلُّ وَاحِدٍ مُتَزَوِّداً بِأَدَاةِ تَدْمِيرِهِ». 2فَأَقْبَلَ سِتَّةُ رِجَالٍ مِنْ طَرِيقِ الْبَابِ الشِّمَالِيِّ الأَعْلَى، وَكُلُّ وَاحِدٍ يَحْمِلُ عُدَّةَ تَدْمِيرِهِ بِيَدِهِ، يَتَوَسَّطُهُمْ رَجُلٌ مُرْتَدٍ كَتَّاناً، وَعَلَى خَاصِرَتِهِ دَوَاةُ كَاتِبٍ. فَدَخَلُوا وَوَقَفُوا إِلَى جُوَارِ مَذْبَحِ النُّحَاسِ. 3فَارْتَفَعَ مَجْدُ الرَّبِّ مِنْ حَيْثُ كَانَ حَالًّا فَوْقَ الْكَرُوبِيمِ، وَاتَّجَهَ نَحْوَ عَتَبَةِ الْبَابِ. وَنَادَى الرَّجُلَ الْمُرْتَدِيَ ثَوْبَ الْكَتَّانِ، الْحَامِلَ عَلَى خَاصِرَتِهِ دَوَاةَ الْكَاتِبِ 4وَقَالَ لَهُ الرَّبُّ: «اجْتَزْ وَسَطَ مَدِينَةِ أُورُشَلِيمَ وَارْسُمْ سِمَةً عَلَى جِبَاهِ الرِّجَالِ الَّذِينَ يَئِنُّونَ وَيَزْفَرُونَ عَلَى كُلِّ مَا ارْتُكِبَ مِنْ أَرْجَاسٍ فِيهَا». 5ثُمَّ قَالَ لِلسِّتَّةِ الآخَرِينَ عَلَى مَسْمَعِي: «اعْبُرُوا فِي الْمَدِينَةِ خَلْفَهُ وَاقْتُلُوا. لَا تَتَرَأَّفْ عُيُونُكُمْ وَلا تَعْفُوا. 6أَهْلِكُوا الشَّيْخَ وَالشَّابَّ وَالْعَذْرَاءَ وَالطِّفْلَ وَالنِّسَاءَ. وَلَكِنْ لَا تَقْرَبُوا مِنْ أَيِّ إِنْسَانٍ عَلَيْهِ السِّمَةُ، وَابْتَدِئُوا مِنْ مَقْدِسِي». فَابْتَدَأُوا يُهْلِكُونَ الرِّجَالَ وَالشُّيُوخَ الْمَوْجُودِينَ أَمَامَ الْهَيْكَلِ. 7وَقَالَ لَهُمْ: «نَجِّسُوا الْهَيْكَلَ وَامْلَأُوا سَاحَاتِهِ بِالْقَتْلَى، ثُمَّ اخْرُجُوا». فَانْدَفَعُوا إِلَى الْمَدِينَةِ وَشَرَعُوا يَقْتُلُونَ.

8وَبَيْنَمَا هُمْ يَقْتُلُونَ بَقِيتُ أَنَا وَحْدِي. فَانْطَرَحْتُ عَلَى وَجْهِي وَصَرَخْتُ قَائِلاً: «آهِ أَيُّهَا السَّيِّدُ الرَّبُّ، أَتُفْنِي جَمِيعَ الْبَقِيَّةِ الْبَاقِيَةِ مِنْ إِسْرَائِيلَ فِي سَخَطِكَ عَلَى أُورُشَلِيمَ؟» 9فَأَجَابَنِي: «إِنَّ إِثْمَ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ وَيَهُوذَا عَظِيمٌ جِدّاً جِدّاً، وَقَدْ غَرِقَتِ الأَرْضُ بِالدِّمَاءِ، وَامْتَلأَتِ الْمَدِينَةُ فَسَاداً لأَنَّهُمْ يَقُولُونَ: قَدْ هَجَرَ الرَّبُّ الأَرْضَ، وَالرَّبُّ لَا يَرَى. 10لِذَلِكَ أَنَا أَيْضاً لَا تَتَرَأَّفُ عَيْنِي وَلا أَعْفُو، إِنَّمَا أُوْقِعُ ذَنْبَ تَصَرُّفَاتِهِمْ عَلَى رُؤُوسِهِمْ». 11ثُمَّ مَا لَبِثَ الرَّجُلُ الْمُرْتَدِي الْكَتَّانَ الْحَامِلُ عَلَى خَاصِرَتِهِ دَاوَةَ الْكَاتِبِ أَنْ رَفَعَ تَقْرِيرَهُ قَائِلاً: «إِنِّي فَعَلْتُ كَمَا أَمَرْتَنِي».

Hindi Contemporary Version

यहेजकेल 9:1-11

मूर्तिपूजकों को सजा

1तब मैंने उसे ऊंची आवाज में यह कहते हुए सुना, “उनको मेरे पास लाओ, जिनको शहर के लोगों का न्याय करने के लिये ठहराया गया है, और उनमें से हर एक के हाथ में हथियार हो.” 2और मैंने देखा कि उत्तर की तरफ खुलनेवाले ऊपरी द्वार की दिशा से छः पुरुष चले आ रहे हैं, और उनमें से हर एक के हाथ में एक-एक घातक हथियार है. उनमें से एक व्यक्ति मलमल का कपड़ा पहने हुए था, जिसके बगल में लेखन सामग्री का एक झोला था. वे भीतर आए और कांस्य-वेदी के बाजू में खड़े हो गए.

3तब करूबों के ऊपर रहनेवाला इस्राएल के परमेश्वर का तेज, वहां से ऊपर उठा और मंदिर के डेवढ़ी में आ गया. तब याहवेह ने मलमल कपड़ा पहने उस व्यक्ति को पुकारा, जिसके बगल में लेखन सामग्री का झोला था. 4उससे कहा, “पूरे येरूशलेम शहर में जाओ और उन सब लोगों के माथे पर एक चिन्ह लगाओ, जो शहर में हो रहे सब घृणित कामों से दुःखी हैं और शोक मनाते हैं.”

5जैसे कि मैंने सुना, उसने दूसरों से कहा, “उसके पीछे-पीछे पूरे शहर में जाओ और बिना दया या सहानुभूति दिखाये लोगों को जान से मारते जाओ. 6बूढ़े, जवान युवक और युवती, मां और बच्‍चे सबको मार डालना, परंतु किसी भी ऐसे व्यक्ति को न छूना, जिसमें चिन्ह लगा हो. मेरे पवित्र स्थान से शुरू करना.” अतः उन्होंने उन बूढ़े लोगों से शुरू किया, जो मंदिर के सामने थे.

7तब उसने उनसे कहा, “मंदिर को अशुद्ध कर देना और मारे गये लोगों से आंगनों को भर देना. जाओ!” अतः वे बाहर निकले और पूरे शहर में लोगों को मारने लगे. 8जब वे मार रहे थे और मैं अकेला रह गया, तब मैं मुंह के बल गिरा और चिल्लाकर कहा, “हे परम प्रधान याहवेह, हाय! क्या आप येरूशलेम पर अपने भयंकर कोप में आकर इस्राएल के सब बचे हुओं को नाश कर देंगे?”

9तब उसने मुझे उत्तर दिया, “इस्राएल और यहूदाह के लोगों का पाप बहुत ही ज्यादा है; सारा देश रक्तपात से और शहर अन्याय से भरा हुआ है. वे कहते हैं, ‘याहवेह ने तो देश को त्याग दिया है; याहवेह नहीं देखते.’ 10इसलिये मैं उन पर दया दृष्टि नहीं करूंगा या उन्हें नहीं छोड़ूंगा, पर मैं उनके कामों को उन्हीं पर डाल दूंगा.”

11तब वह व्यक्ति, जो मलमल का कपड़ा पहने अपने बगल में लेखन सामग्री लिये हुए था, वापस आकर कहा, “आपने जैसा आदेश दिया था, मैंने वैसा कर दिया है.”