أخبار الأيام الثاني 5 – NAV & HCV

Ketab El Hayat

أخبار الأيام الثاني 5:1-14

1وَاكْتَمَلَ جَمِيعُ الْعَمَلِ الَّذِي قَامَ بِهِ سُلَيْمَانُ لِبِنَاءِ بَيْتِ الرَّبِّ، وَأَتَى بِكُلِّ مُدَّخَرَاتِ دَاوُدَ أَبِيهِ الَّتِي كَرَّسَهَا مِنْ فِضَّةٍ وَذَهَبٍ وَأَوَانٍ، وَجَعَلَهَا فِي مَخَازِنِ بَيْتِ اللهِ.

إحضار التابوت إلى الهيكل

2حِينَئِذٍ دَعَا سُلَيْمَانُ شُيُوخَ إِسْرَائِيلَ وَكُلَّ رُؤَسَاءِ الأَسْبَاطِ وَالْعَائِلاتِ إِلَى أُورُشَلِيمَ، لِيُحْضِرُوا تَابُوتَ عَهْدِ الرَّبِّ مِنْ صِهْيَوْنَ مَدِينَةِ دَاوُدَ. 3فَالْتَفَّ حَوْلَ الْمَلِكِ جَمِيعُ شُيُوخِ إِسْرَائِيلَ فِي أَثْنَاءِ عِيدِ الْمَظَالِّ الْوَاقِعِ فِي الشَّهْرِ السَّابِعِ. 4وَبَعْدَ أَنْ حَضَرَ جَمِيعُ شُيُوخِ إِسْرَائِيلَ، حَمَلَ اللّاوِيُّونَ التَّابُوتَ. 5وَنَقَلَ الْكَهَنَةُ وَاللّاوِيُّونَ أَيْضاً خَيْمَةَ الاجْتِمَاعِ وَسَائِرَ آنِيَةِ الْقُدْسِ الَّتِي فِي الْخَيْمَةِ. 6وَشَرَعَ الْمَلِكُ سُلَيْمَانُ وَكُلُّ الحَاضِرِينَ الْمُحْتَشِدِينَ أَمَامَ التَّابُوتِ يَذْبَحُونَ مَا لَا يُحْصَى وَلا يُعَدُّ مِنْ غَنَمٍ وَبَقَرٍ. 7وَأَدْخَلَ الْكَهَنَةُ تَابُوتَ عَهْدِ الرَّبِّ إِلَى مَكَانِهِ فِي مِحْرَابِ الْهَيْكَلِ فِي قُدْسِ الأَقْدَاسِ، تَحْتَ جَنَاحَيِ الْكَرُوبَيْنِ، 8اللَّذَيْنِ كَانَا بَاسِطَيْنِ أَجْنِحَتَهُمَا فَوْقَ مَوْضِعِ التَّابُوتِ مُظَلِّلَيْنِ التَّابُوتَ وَعِصِيَّهُ. 9وَسَحَبُوا أَطْرَافَ الْعِصِيِّ فَبَدَتْ رُؤُوسُهَا فِي قُدْسِ الأَقْدَاسِ أَمَامَ الْمِحْرَابِ وَلَمْ يَسْبِقْ أَنْ شُوهِدَتْ خَارِجَةً مِنْ حَلَقَاتِهَا وَهِيَ مَا بَرِحَتْ هُنَاكَ إِلَى هَذَا الْيَوْمِ. 10وَلَمْ يَكُنِ التَّابُوتُ يَضُمُّ سِوَى لَوْحَيِ الْحَجَرِ اللَّذَيْنِ وَضَعَهُمَا مُوسَى هُنَاكَ فِي حُورِيبَ حِينَ عَاهَدَ الرَّبُّ بَنِي إِسْرَائِيلَ لَدَى خُرُوجِهِمْ مِنْ دِيَارِ مِصْرَ.

11ثُمَّ خَرَجَ الْكَهَنَةُ مِنَ الْقُدْسِ. وَكَانَ جَمِيعُ الْكَهَنَةِ الْحَاضِرِينَ قَدْ تَقَدَّسُوا بِغَضِّ النَّظَرِ عَنِ الْفِرَقِ الَّتِي يَنْتَمُونَ إِلَيْهَا. 12وَلَبِسَ اللّاوِيُّونَ الْمُغَنُّونَ أَجْمَعُونَ كَتَّاناً، وَعَلَى رَأْسِهِمْ آسَافُ وَهَيْمَانُ وَيَدُوثُونُ وَأَبْنَاؤُهُمْ وَأَقْرِبَاؤُهُمْ، وَرَاحُوا يَعْزِفُونَ عَلَى الصُّنُوجِ وَالرَّبَابِ وَالْعِيدَانِ وَهُمْ وَاقِفُونَ شَرْقِيَّ الْمَذْبَحِ، يُرَافِقُهُمْ مِئَةٌ وَعِشْرُونَ كَاهِناً يَنْفُخُونَ بِالأَبْوَاقِ. 13وَعِنْدَمَا تَنَاغَمَتْ أَصْوَاتُ الأَبْوَاقِ وَالْمُغَنِّينَ وَكَأَنَّهَا صَوْتٌ وَاحِدٌ يَتَغَنَّى بِحَمْدِ الرَّبِّ وَتَسْبِيحِهِ، ارْتَفَعَتْ أَصْوَاتُهُمْ بِالْغِنَاءِ، مَصْحُوبَةً بِنَغَمَاتِ الأَبْوَاقِ وَعَزْفِ الصُّنُوجِ مُرَنِّمِينَ لِلرَّبِّ قَائِلِينَ: «الرَّبُّ صَالِحٌ وَرَحْمَتُهُ إِلَى الأَبَدِ تَدُومُ». فَامْتلأَ الْهَيْكَلُ سَحَاباً. 14وَلَمْ يَسْتَطِعِ الْكَهَنَةُ الْقِيَامَ بِالْخِدْمَةِ بِسَبَبِ السَّحَابِ لأَنَّ مَجْدَ الرَّبِّ مَلأَ الْهَيْكَلَ.

Hindi Contemporary Version

2 इतिहास 5:1-14

1इस प्रकार याहवेह के भवन का सारा काम, जो शलोमोन ने शुरू किया था, पूरा हुआ. तब शलोमोन अपने पिता दावीद द्वारा भेंट की हुई वस्तुएं मंदिर में ले आए. उन्होंने चांदी, सोना और सारे बर्तन परमेश्वर के भवन के खजाने में इकट्ठा कर दिए.

संदूक का मंदिर में लाया जाना

2शलोमोन ने येरूशलेम में इस्राएल के सभी पुरनियों को, गोत्र प्रमुखों और पूर्वजों के परिवारों के प्रधानों को आमंत्रित किया. ये सभी राजा शलोमोन के सामने येरूशलेम में इकट्‍ठे हो गए, कि याहवेह की वाचा के संदूक को दावीद के नगर अर्थात् ज़ियोन से लाया जा सके. 3इस अवसर पर इस्राएल की सारी प्रजा राजा द्वारा दिए गए न्योते पर उत्सव के लिए इकट्ठा हो गई. यह साल का सातवां महीना था.

4इसके लिए इस्राएल के सभी पुरनिए आए और लेवियों ने संदूक को उठा लिया. 5वे अपने साथ तंबू में से संदूक, मिलापवाला तंबू और सारे पवित्र बर्तन लाए थे. ये सब लेवी पुरोहितों द्वारा लाए गए. 6राजा शलोमोन और इस्राएल की सारी सभा, जो उस समय उनके साथ वहां संदूक के सामने इकट्ठा हुए थे, इतनी बड़ी संख्या में भेड़ें और बछड़े बलि कर रहे थे, कि उनकी गिनती असंभव हो गई.

7इसके बाद पुरोहितों ने याहवेह की वाचा के संदूक को लाकर उसके लिए निर्धारित स्थान पर, भवन के भीतरी कमरे में, परम पवित्र स्थान पर करूबों के नीचे रख दिया. 8जिस स्थान पर संदूक रखा हुआ था उस स्थान पर करूब अपने पंख फैलाए हुए थे, इस प्रकार, कि करूबों ने संदूक और उसके डंडों पर फैला रखा था. 9ये डंडे इतने लंबे थे, कि संदूक के इन डंडों को भीतरी कमरे से देखा जा सकता था मगर इसके बाहर से नहीं. आज तक वे इसी स्थिति में हैं. 10संदूक में उन दो पटलों के अलावा कुछ न था, जिन्हें होरेब पर्वत पर मोशेह ने वहां रख दिया था, जहां याहवेह ने इस्राएल से वाचा बांधी थी, जब वे मिस्र देश से बाहर आए थे.

11पवित्र स्थल से पुरोहित बाहर आ गए. हर एक दल के पुरोहित ने अपने आपको शुद्ध किया हुआ था. 12संपूर्ण लेवी गायकों ने अर्थात् आसफ, हेमान, यदूथून और उनके पुत्र और संबंधी महीन मलमल के कपड़े पहने हुए झांझ और तन्तु वाद्यों को लिए हुए वेदी के पूर्व की ओर खड़े हुए थे. उनके साथ एक सौ बीस पुरोहित तुरही फूंक रहे थे. 13तुरहीवादकों और गायकों से यह अपेक्षित था कि जब वे याहवेह की स्तुति और धन्यवाद के गीत गाएं, तब यह गायन ऊंची आवाज में हो रहा हो और याहवेह की स्तुति में तुरहियां, झांझ और अन्य वाद्य यंत्र भी शामिल हो गए हों:

“वे भले हैं;

उनकी करुणा सदा की है.”

तब याहवेह का वह भवन एक बादल से भर गया, 14इसके कारण अपनी सेवा पूरी करने के लिए पुरोहित वहां ठहरे न रह सके, क्योंकि याहवेह के तेज से परमेश्वर का भवन भर गया था.