1 ነገሥት 14 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

1 ነገሥት 14:1-31

አኪያ በኢዮርብዓም ላይ የተናገረው ትንቢት

1በዚያን ጊዜ የኢዮርብዓም ልጅ አብያ ታመመ፤ 2ኢዮርብዓም ሚስቱን እንዲህ አላት፤ “ተነሺ፣ የኢዮርብዓም ሚስት መሆንሽ እንዳይታወቅብሽ ሆነሽ፣ ወደ ሴሎ ሂጂ፤ በዚህ ሕዝብ ላይ እንደምነግሥ የነገረኝ ነቢይ አኪያ እነሆ፤ በዚያ ይገኛል። 3ስትሄጂም ዐሥር እንጀራ፣ ጥቂት ሙልሙል ዳቦ እና አንድ እንስራ ማር ይዘሽ ሂጂ፤ እርሱም በልጁ ላይ የሚደርሰውን ይነግርሻል።” 4ስለዚህ የኢዮርብዓም ሚስት ያላትን አድርጋ በሴሎ ወደሚገኘው ወደ አኪያ ቤት ሄደች።

በዚህ ጊዜ አኪያ ከማርጀቱ የተነሣ ዐይኖቹ ፈዝዘው ነበር። 5እግዚአብሔር ግን ለአኪያ፣ “እነሆ፤ የኢዮርብዓም ሚስት ስለ ታመመው ልጇ ልትጠይቅህ ሌላ ሴት መስላ ትመጣለችና እንዲህ ብለህ መልሳት” ብሎ ነገረው።

6አኪያም የእግሯን ኮቴ ድምፅ እበሩ ላይ እንደ ሰማ እንዲህ አላት፤ “የኢዮርብዓም ሚስት ሆይ ግቢ፤ ግን ለምንድን ነው ሌላ ሴት መስለሽ ለመታየት የፈለግሽው? ለአንቺ ከባድ ነገር እንድነግርሽ ተልኬአለሁ። 7አሁንም ሂጂና ኢዮርብዓምን የእስራኤል አምላክ እግዚአብሔር የሚለው ይህ ነው ብለሽ ንገሪው፤ ‘ከሕዝቡ መካከል አንሥቼ የሕዝቤ የእስራኤል መሪ አደረግሁህ፤ 8ከዳዊት ቤት መንግሥቱን ቀድጄ ለአንተ ሰጠሁህ፤ አንተ ግን በፊቴ መልካም ነገር በማድረግ ብቻ ትእዛዜን እንደ ጠበቀው፣ በፍጹም ልቡም እንደ ተከተለኝ እንደ ባሪያዬ እንደ ዳዊት አልሆንህም። 9ከአንተ በፊት ከነበሩት ሁሉ ይልቅ አንተ የከፋ ሥራ ሠራህ፤ ለራስህም ከቀለጠ ብረት ሌሎች አማልክትን ሠራህ፤ ቍጣዬን አነሣሣህ፤ ወደ ኋላህም ጣልኸኝ።

10“ ‘ስለዚህ እኔም በኢዮርብዓም ቤት ላይ ጥፋትን አመጣለሁ፤ ባሪያም ይሁን ነጻ ዜጋ የኢዮርብዓምን ወንድ ልጅ ሁሉ ከእስራኤል አስወግዳለሁ፤ ኩበትም ዐመድ እስኪሆን ድረስ እንደሚቃጠል፣ እኔም የኢዮርብዓምን ቤት እንዲሁ አቃጥላለሁ። 11ከኢዮርብዓም ወገን በከተማ የሞተውን ውሾች፣ በባላገር የሞተውን ደግሞ የሰማይ አሞሮች ይበሉታል፤ እግዚአብሔር ተናግሯልና!’

12“እንግዲህ አንቺም ወደ ቤትሽ ሂጂ፤ የምትኖሪበትን ከተማ እግርሽ እንደ ረገጠ፣ ልጁ ይሞታል፤ 13እስራኤልም ሁሉ አልቅሰው ይቀብሩታል። የእስራኤል አምላክ እግዚአብሔር ከኢዮርብዓም ቤት ሁሉ መልካም ነገር ያገኘበት እርሱ ብቻ ስለሆነ፣ በወግ በማዕረግ የሚቀበር እርሱ ብቻ ነው።

14“ከዚህም በላይ፣ እግዚአብሔር የኢዮርብዓምን ቤተ ሰብ የሚያስወግድ ንጉሥ በእስራኤል ላይ ለራሱ ያስነሣል፤ ይህም ዛሬ፣ አሁኑኑ ይሆናል።14፥14 በዕብራይስጡ የዚህ ዐረፍተ ነገር ትርጕም በትክክል አይታወቅም 15እግዚአብሔር እስራኤልን በውሃ ውስጥ እንደሚንቀጠቀጥ ሸንበቆ ያንቀጠቅጠዋል፤ የአሼራን ምስል ዐምድ14፥15 በዚህም ሆነ በሌሎቹም የመጽሐፈ ነገሥት ቀዳማዊ ክፍሎች፣ የአሼራ ጣዖት አምላክ ምስል ነው በመሥራት እግዚአብሔርን ለቍጣ ያነሣሡት ስለሆነ፣ እግዚአብሔር ለቀድሞ አባቶቻቸው ከሰጣቸው ከዚህች ከመልካሚቱ ምድር እስራኤልን ይነቅላቸዋል፤ ከወንዙም ማዶ14፥15 የኤፍራጥስ ወንዝ ነው ይበትናቸዋል። 16ኢዮርብዓም ኀጢአት ሠርቶ፣ እስራኤልንም እንዲሠሩ በማድረጉ፣ እግዚአብሔር እስራኤልን ይተዋቸዋል።”

17የኢዮርብዓም ሚስትም ተነሥታ ወደ ቴርሳ ሄደች፤ የቤቱን መድረክ ወዲያው እንደ ተራመደች ልጁ ሞተ፤ 18ከዚያም ቀበሩት፤ እግዚአብሔር በባሪያው በአኪያ አማካይነት እንደ ተናገረ፣ እስራኤል ሁሉ አለቀሱለት።

19የቀረው የኢዮርብዓም ታሪክ፣ ያደረገው ጦርነትና አገዛዙም ሁሉ በእስራኤል ነገሥታት ታሪክ ተጽፏል። 20እርሱም ሃያ ሁለት ዓመት ነግሦ ከአባቶቹ ጋር አንቀላፋ፤ ልጁ ናዳብም በእግሩ ተተክቶ ነገሠ።

የይሁዳ ንጉሥ ሮብዓም

14፥2125-31 ተጓ ምብ – 2ዜና 12፥9-16

21የሰሎሞን ልጅ ሮብዓም በይሁዳ ነገሠ፤ በነገሠም ጊዜ ዕድሜው አርባ አንድ ዓመት ነበር፤ እርሱም እግዚአብሔር ለስሙ መጠሪያ እንድትሆን ከእስራኤል ነገድ ሁሉ በመረጣት በኢየሩሳሌም ዐሥራ ሰባት ዓመት ገዛ። እናቱ ናዓማ የተባለች አሞናዊት ነበረች።

22ይሁዳ በእግዚአብሔር ፊት ክፉ ነገር አደረገ፤ ከአባቶቻቸው ይልቅ እነርሱ በሠሩት ኀጢአት ይበልጥ የቅናት ቍጣውን አነሣሡ፤ 23እንዲሁም በእያንዳንዱ ኰረብታና በየትልልቁ ዛፍ ጥላ ሥር የማምለኪያ ኰረብቶችን አዕማደ ጣዖታት፣ የአሼራን ምስል ዐምድ ለራሳቸው አቆሙ። 24ከዚያም ይልቅ፣ የቤተ ጣዖት ወንደቃዎች በምድሪቱ ላይ ነበሩ፤ እግዚአብሔር ከእስራኤላውያን ፊት አሳድዶ ያስወጣቸው አሕዛብ የፈጸሙትን አስጸያፊ ድርጊት ሁሉ እነዚህም ፈጸሙ።

25ሮብዓም በነገሠ በአምስተኛው ዓመት፣ የግብፅ ንጉሥ ሺሻቅ በኢየሩሳሌም ላይ አደጋ ጣለ፤ 26የእግዚአብሔርን ቤተ መቅደስና የቤተ መንግሥቱን ሀብት ወሰደ፤ ሰሎሞን ያሠራቸው የወርቅ ጋሻዎች እንኳ ሳይቀሩ ሁሉንም ነገር አጋዘ። 27ስለዚህ ንጉሥ ሮብዓም እነዚህን ለመተካት ሲል፣ የናስ ጋሻዎች አሠርቶ የቤተ መንግሥቱን በር የሚጠብቁት ዘበኞች አዛዦች እንዲይዙ አደረገ። 28ንጉሡ ወደ እግዚአብሔር ቤተ መቅደስ በሚሄድበት ጊዜ ሁሉ፣ ዘቦቹ ጋሻዎቹን ያነግባሉ፤ ከዚያም በዘብ ጥበቃው ክፍል መልሰው ያስቀምጡ ነበር።

29የቀረው የሮብዓም አገዛዝ፣ ያደረገውም ሁሉ በይሁዳ ነገሥታት ታሪክ ተጽፎ የሚገኝ አይደለምን? 30በሮብዓምና በኢዮርብዓም መካከል ያላቋረጠ ጦርነት ተደርጎ ነበር። 31ሮብዓምም ከአባቶቹ ጋር አንቀላፋ፤ እነርሱ በተቀበሩበትም በዳዊት ከተማ ተቀበረ። እናቱ ናዓማ የተባለች አሞናዊት ነበረች። ልጁ አብያም14፥31 አንዳንድ የዕብራይስጥና የሰብዓ ሊቃናት ትርጕሞች ከዚህ ጋር ይስማማሉ፤ አብዛኞቹ የዕብራይስጥ ትርጕሞች ግን፣ አቢጃም ይላሉ በእግሩ ተተክቶ ነገሠ።

Hindi Contemporary Version

1 राजा 14:1-31

यरोबोअम के लिए अप्रिय नबूवत

1उसी समय यरोबोअम का पुत्र अबीयाह बीमार हो गया. 2यरोबोअम ने अपनी पत्नी से कहा, “ऐसा भेष बदलो, कि कोई भी तुम्हें पहचान न सके, कि तुम यरोबोअम की पत्नी हो. और तुम शीलो को चली जाओ, जहां भविष्यद्वक्ता अहीयाह रहते हैं. यह वही भविष्यद्वक्ता हैं, जिन्होंने मेरे विषय में यह भविष्यवाणी की थी, मैं ही इस प्रजा का राजा बन जाऊंगा. 3अपने साथ दस रोटियां, कुछ टिकियां और एक कुप्पी शहद लेकर उनसे भेंटकरने चली जाओ. वही तुम्हें बताएंगे कि बालक का क्या होगा.” 4यरोबोअम की पत्नी ने ऐसा ही किया. वह तैयार हो शीलो नगर में अहीयाह के घर पर जा पहुंची.

बूढ़ा होने के कारण अहीयाह की नज़रें धुंधली पड़ चुकी थी, और वह देख नहीं सकता था. 5मगर याहवेह ने अहीयाह को पूर्वसूचित किया, “यरोबोअम की पत्नी तुमसे अपने पुत्र की स्थिति के विषय में पूछताछ करने आ रही है. यह बालक अस्वस्थ है. तुम उसे ऐसा और ऐसा जवाब देना है.” जब वह भविष्यद्वक्ता के निकट पहुंची, उसने अन्य स्त्री होने का बहाना किया.

6अहीयाह उसके पदचाप सुन रहे थे. जैसे ही वह द्वार पर पहुंची, अहीयाह ने पुकारते हुए कहा, “श्रीमती यरोबोअम, भीतर आ जाइए. क्या लाभ है आपके वेष बदलने का? मुझे आपको अप्रिय समाचार देने का दायित्व सौंपा गया है. 7जाकर यरोबोअम को सूचित कर दीजिए, ‘याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का यह संदेश है, मैंने सारी प्रजा में से तुम्हें चुनकर उन्‍नत किया, तुम्हें अपनी प्रजा का प्रधान नियुक्त किया. 8और दावीद के वंश से राज्य छीनकर तुम्हें दे दिया है; फिर भी तुम मेरे सेवक दावीद के समान साबित न हुए, जिसने मेरे आदेशों का पालन किया और पूरे मन से मेरा अनुसरण करता रहा—सिर्फ वही करता रहा, जो मेरी दृष्टि में सही है; 9मगर तुमने तो ऐसी बुराई की है, जो तुमसे पहले हुए उनसे भी बुरी है; तुमने अपने लिए पराए देवता बना लिए, धातु की मूर्तियां गढ़ लीं और मेरे क्रोध को भड़का दिया. तुमने तो मुझे अपने ही पीछे फेंक दिया है.

10“ ‘इसलिये मैं यरोबोअम के परिवार पर मुसीबत ड़ाल दूंगा. मैं यरोबोअम के वंश से हर एक पुरुष को नाश कर दूंगा, चाहे वह इस्राएल में बंधुआ हो या स्वतंत्र. मैं यरोबोअम के परिवार को उसी प्रकार भस्म कर दूंगा जिस प्रकार कोई गोबर को पूरी तरह भस्म कर फेंक देता है. 11यदि यरोबोअम के किसी भी संबंधी की मृत्यु नगर के भीतर होती है, तो उसका शव कुत्ते खा जाएंगे; यदि किसी की मृत्यु खुले मैदान में होती है, तो वह आकाश के पक्षियों का आहार हो जाएगा; यह याहवेह का संदेश है!’

12“इसलिये अब उठो और अपने घर लौट जाओ. तुम्हारे नगर में प्रवेश करते ही बालक की मृत्यु हो जाएगी. 13पूरा इस्राएल उसके लिए विलाप करेगा, और फिर उसे गाड़ा जाएगा; सिर्फ वह अकेला होगा जिसे यरोबोअम के परिवार में कब्र मिलेगी; क्योंकि याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर ने सारे यरोबोअम परिवार से सिर्फ उसी में कुछ भला पाया है.

14“इसके अलावा आज ही याहवेह अपने लिए इस्राएल में से एक राजा पैदा करेंगे, जो यरोबोअम के परिवार को आज ही हमेशा के लिए मिटा देगा. 15इसके बाद याहवेह इस्राएल पर वैसा ही वार करेंगे, जैसा जल में सरकंडा. वह इस समृद्ध भूमि पर से इस्राएल को उखाड़कर छोड़ेंगे—उस भूमि पर से, जो उन्होंने उनके पूर्वजों को दी थी. वह उन्हें फरात नदी के पार तक बिखरा देंगे, क्योंकि उन्होंने अशेरा खंभे गढ़ कर याहवेह को क्रोधित कर दिया है. 16यरोबोअम द्वारा किए गए पापों के कारण याहवेह इस्राएल को छोड़ देंगे, वे पाप काम जो खुद यरोबोअम किए और जिनके द्वारा उसने इस्राएल को पाप करने लिए उकसाया.”

17तब यरोबोअम की पत्नी वहां से विदा हो गई, और अपने नगर तिरज़ाह पहुंची. उसने अपने घर की डेवढ़ी पर पैर रखा ही था, कि उसका पुत्र मर गया. 18सारे इस्राएल ने उसका अंतिम संस्कार किया, उसके लिए विलाप किया, ठीक जैसा याहवेह ने अपने सेवक भविष्यद्वक्ता अहीयाह के द्वारा कहा गया था.

19यरोबोअम के बाकी काम, यानी उसने युद्ध कैसे किया और उसने किस प्रकार शासन किया, इनका ब्यौरा इस्राएल के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में लिखा है. 20यरोबोअम का पूरा शासनकाल बाईस साल का था. फिर वह अपने पूर्वजों के साथ हमेशा के लिए सो गया. उसकी जगह पर उसका पुत्र नादाब राजा बना.

रिहोबोयाम की यहूदिया पर नियुक्ति

21इस समय यहूदिया का शासक था शलोमोन का पुत्र रिहोबोयाम. जिस समय उसने शासन शुरू किया, उसकी उम्र एकतालीस साल की थी. येरूशलेम में उसने सत्रह साल शासन किया. येरूशलेम वह नगर है, जिसे याहवेह ने सारे इस्राएल में से इसलिये चुना, कि इसमें अपना नाम की प्रतिष्ठा करें. उसकी माता का नाम था नामाह जो अम्मोनी थी.

22यहूदिया प्रदेश ने वह किया, जो याहवेह की नज़रों में गलत था. उन्होंने अपने पापों के द्वारा याहवेह में इतनी जलन पैदा कर दी, जितनी उनके किसी भी पूर्वज ने कभी न की थी. 23उन्होंने भी अपने लिए पूजा की जगह, हर एक ऊंची पहाड़ी और हर एक घने पेड़ के नीचे पूजा-स्तम्भ और अशेराह के खंभे बनवाए थे. 24देश में पुरुषगामियों के लिए पुरुष वेश्या भी मंदिरों में रखे गए थे. ये सब उन सारे घृणित कामों में संलग्न थे, जो उन जातियों में किए जाते थे, जिन्हें याहवेह ने इस्राएल के सामने से भगा दिया था.

25राजा रिहोबोयाम के शासनकाल के पांचवें साल में मिस्र के राजा शिशाक ने येरूशलेम पर हमला कर दिया. 26उसने याहवेह के भवन से और राजा का महल में से सारा कीमती सामान लूट लिया. वह सभी कुछ अपने साथ ले गया, यहां तक कि शलोमोन द्वारा गढ़ी गई सारी सोने की ढालें भी. 27तब राजा रिहोबोयाम ने उनकी जगह पर कांसे में गढ़ी गई ढालें वहां रख दीं. इनकी जवाबदारी रिहोबोयाम ने राजघराने के पहरेदारों के प्रधान को सौंप दी. 28तब रीति यह बन गई कि जब-जब राजा याहवेह के भवन को जाता था, पहरेदार ये ढालें लेकर चलते थे और राजा के वहां से लौटने पर इन्हें पहरेदारों के कमरों में दोबारा रख दिया जाता था.

29रिहोबोयाम के बाकी काम और उसके सारे कृत्य यहूदिया के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं. 30रिहोबोयाम और यरोबोअम हमेशा ही आपस में युद्ध करते रहे. 31रिहोबोयाम अपने पूर्वजों के समान हमेशा के लिए सो गया. उसे उसके पूर्वजों के साथ दावीद के नगर की कब्र में रखा गया. उसकी माता का नाम नामाह था. वह अम्मोनी थी. उसके स्थान पर उसका पुत्र अबीयाम राजा बना.