ዘፍጥረት 40 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ዘፍጥረት 40:1-23

የመጠጥ አሳላፊውና የእንጀራ ቤቱ

1ከዚህም በኋላ የግብፅ ንጉሥ የመጠጥ አሳላፊና እንጀራ ቤቱ ጌታቸውን የግብፅን ንጉሥ በደሉት። 2ፈርዖንም በመጠጥ አሳላፊዎቹ አለቃና በእንጀራ ቤቱ አዛዥ፣ በሁለቱም ሹማምቱ ላይ ክፉኛ ተቈጣ፤ 3በዘበኞቹ አለቃ ቤት ወዳለው ዮሴፍ ወደ ተጋዘበትም እስር ቤት አስገባቸው።

4የዘበኞቹም አለቃ እስረኞቹን ለዮሴፍ አስረከባቸው፤ ዮሴፍም በሚያስፈልጋቸው ይረዳቸው ነበር።

እስር ቤት ገብተው ጥቂት እንደ ቈዩም፣ 5ታስረው የነበሩት የግብፅ የንጉሥ የመጠጥ አሳላፊዎች አለቃና የእንጀራ ቤቱ አዛዥ፣ በአንድ ሌሊት የየራሳቸውን ሕልም አዩ፤ የሁለቱም ሕልም ለየራሱ የተለየ ፍቺ ነበረው።

6በማግስቱም ጧት ዮሴፍ ወደ እነርሱ ሲገባ ተክዘው አገኛቸው። 7ስለዚህም፣ “ምነው ዛሬስ ፊታችሁ ላይ ሐዘን ይነበባል?” በማለት አብረውት በጌታው ግቢ የታሰሩትን የፈርዖን ሹማምት ጠየቃቸው።

8እነርሱም “ሁለታችንም ሕልም አየን፤ ነገር ግን የሚተረጕምልን ሰው አጣን” ሲሉ መለሱለት።

ዮሴፍም፣ “ሁልጊዜስ ቢሆን የሕልም ትርጓሜ ከእግዚአብሔር (ኤሎሂም) የሚገኝ አይደለምን? እስቲ ያያችሁትን ሕልም ንገሩኝ” አላቸው።

9ስለዚህ የመጠጥ አሳላፊዎቹ አለቃ እንዲህ ሲል ሕልሙን ለዮሴፍ ነገረው፤ “ከፊት ለፊቴ አንዲት የወይን ተክል አየሁ፤ 10ተክሏም ሦስት ሐረጎች ነበሯት፤ ወዲያው አቈጥቍጣ አበበች፤ ዘለላዎቿም ተንዠርግገው በሰሉ። 11የፈርዖንንም ጽዋ ይዤ ነበረ፤ የወይኑን ፍሬ ለቅሜ በጽዋው ውስጥ ጨምቄ ጽዋውን በእጁ ሰጠሁት።”

12ዮሴፍም እንዲህ አለው፤ “እንግዲህ የሕልሙ ትርጓሜ ይህ ነው፤ ሦስቱ ሐረግ ሦስት ቀን ነው፤ 13በሦስት ቀን ውስጥ ፈርዖን ከእስር ቤት ያወጣሃል፣ ወደ ቀድሞ ሹመትህም ይመልስሃል፤ በፊት የመጠጥ አሳላፊ በነበርህበት ጊዜ ታደርግ እንደ ነበረው ሁሉ የፈርዖንን ጽዋ በእጁ ትሰጣለህ። 14እንግዲህ፣ በጎ ነገር በገጠመህ ጊዜ፣ እኔን አስበህ ቸርነት አድርግልኝ፤ ስለ እኔም ለፈርዖን ንገርልኝ፤ ከዚህም እስር ቤት አስወጣኝ፤ 15ከዕብራውያን ምድር ወደዚህ የመጣሁት በዐፈና ነው፤ አሁንም ቢሆን እዚህ እስር ቤት የተጣልሁት አንዳች ጥፋት ኖሮብኝ አይደለም።”

16የእንጀራ ቤት አዛዡም፣ ለመጠጥ አሳላፊዎቹ አለቃ ሕልም፣ የተሰጠው ፍቺ ደስ የሚያሰኝ መሆኑን ሲሰማ፣ የራሱን ሕልም ለዮሴፍ እንዲህ ሲል ነገረው፤ “እኔም ደግሞ ሕልም አይቻለሁ፤ ሦስት መሶቦች40፥16 ወይም ሦስት የሸንበቆ ቅርጫቶች በራሴ ላይ ተሸክሜ ነበር፤ 17በላይኛው መሶብ ውስጥ ለፈርዖን የተዘጋጀ የተለያየ ምግብ ነበረበት፤ ወፎችም ራሴ ላይ ካለው መሶብ ይበሉ ነበር።”

18ዮሴፍም እንዲህ ሲል መለሰለት፤ “የሕልሙ ፍቺ ይህ ነው፤ ሦስቱ መሶብ ሦስት ቀን ነው፤ 19በሦስት ቀን ውስጥ ፈርዖን ከእስር ቤት ያወጣሃል፤ በዕንጨትም ላይ ይሰቅልሃል፤40፥19 ወይም በእንጨትም ላይ ይወጋሃል ወፎችም ሥጋህን ይበሉታል።”

20በሦስተኛውም ቀን የፈርዖን የልደት በዓል ነበረ፤ ለሹማምቱም ሁሉ ግብር አበላ። በዚያኑ ዕለትም የመጠጥ አሳላፊዎችን አለቃና የእንጀራ ቤት አዛዡን ሹማምቱ ባሉበት ከእስር ቤት አወጣቸው።

21የመጠጥ አሳላፊዎቹን አለቃ ወደ ቀድሞ ሹመቱ መለሰው፤ እርሱም እንደ ቀድሞው ጽዋውን ለፈርዖን በእጁ ይሰጠው ጀመር። 22የእንጀራ ቤት አዛዡን ግን ልክ ዮሴፍ እንደ ተረጐመላቸው ሰቀለው።40፥22 ወይም ወጋው

23የሆነው ሆኖ፣ የመጠጥ አሳላፊዎቹ አለቃ ዮሴፍን አላስታወሰውም፤ ረሳው እንጂ።

Hindi Contemporary Version

उत्पत्ति 40:1-23

योसेफ़ द्वारा स्वप्न व्याख्यान

1कुछ समय बाद राजा फ़रोह के कटोरा-वाहक40:1 कटोरा-वाहक राजा को जो भी पेय देने के पहले उसको परखनेवाला और उनके खाना बनानेवाले ने अपने स्वामी फ़रोह के विरुद्ध कुछ गलती की. 2और प्रधान खानसामे और प्रधान पिलाने वाले दोनों पर राजा गुस्सा हुए, 3इसलिये राजा ने उन दोनों को कारावास में डाल दिया, जहां योसेफ़ भी बंदी थे. 4अंगरक्षकों के प्रधान ने योसेफ़ के हाथ उन दोनों को सौंप दिया. योसेफ़ उनका ध्यान रखते थे.

और वे दोनों कुछ समय तक कारावास में रहे, 5तब एक रात दोनों ने अलग-अलग सपना देखा, और हर एक सपने का अपना अलग-अलग अर्थ था.

6जब सुबह योसेफ़ वहां आए और उन दोनों को देखा कि वे उदास थे. 7योसेफ़ ने जो उसके साथ उसके स्वामी के घर में कारावास में थे, उनसे पूछा: “आप दोनो ऐसे उदास क्यों हैं?”

8उन्होंने कहा, “हम दोनों ही ने स्वप्न देखा है, किंतु कोई भी नहीं है, जो उसका मतलब बता सके.”

यह सुनकर योसेफ़ ने कहा, “क्या आप नहीं जानते कि स्वप्न की व्याख्या परमेश्वर की ओर से होती है? कृपया आप मुझे अपना स्वप्न बताएं.”

9तब प्रधान पिलाने वाले ने योसेफ़ से कहा, “अपने स्वप्न में मैंने देखा कि मेरे पास एक दाखलता है, 10जिसमें तीन शाखाएं हैं. जैसे ही इन पर कलियां खिली, उनमें फूल खिलें और अंगूर लगकर पक गए. 11और मैं फ़रोह का प्याला मेरे हाथ में था, और मैंने अंगूर लेकर प्याले में रस निचोड़ा. फिर मैंने प्याला फ़रोह के हाथों में दिया.”

12स्वप्न सुनकर योसेफ़ ने कहा, “वे तीन शाखाएं तीन दिन हैं. 13और तीन दिन में फ़रोह आपको वापस बुला लेंगे और आपका काम दुबारा आपको सौंप देंगे और आप फिर से पिलाने का काम शुरू करेंगे. 14योसेफ़ ने उनसे कहा जब आप फ़रोह राजा के पास जायेंगे तब मुझे मत भूलना, लेकिन राजा को मेरे बारे में बताना और मुझे कारावास से बाहर निकलवाना. 15मुझे अपने घर इब्रियों के देश से ज़बरदस्ती से लाया गया था और यहां पर भी मैंने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है जिसके लिये मुझे इस काल-कोठरी में डाला गया.”

16फिर प्रधान खाना बनानेवाले ने देखा कि दूसरे नौकर के स्वप्न की व्याख्या उनके पक्ष में थी, तब उसने योसेफ़ से कहा, “मैंने भी एक स्वप्न देखा है: मैंने देखा कि मेरे सिर पर सफ़ेद रोटी की तीन टोकरियां रखी हैं. 17सबसे ऊपर की टोकरी में फ़रोह के लिए तैयार किए गए सभी प्रकार के व्यंजन थे, टोकरी सिर पर रखी हुई थी; पक्षी उसमें से खाते जा रहे थे.”

18स्वप्न सुनकर योसेफ़ ने अर्थ बताया: “वे तीन टोकरियां तीन दिन हैं. 19इन तीन दिनों में फ़रोह तुम्हारा सिर काट देंगे और शरीर को पेड़ पर लटका देंगे और पक्षी आकर तुम्हारे शरीर को नोचेंगे.”

20यही हुआ. तीसरे दिन फ़रोह का जन्मदिन था उसने अपने सभी सेवकों को भोज दिया उस दिन प्रधान पिलाने वाले और प्रधान पकाने वाले दोनों को कारावास से बाहर लाया गया. 21प्रधान पिलाने वाले को फिर से उसकी जवाबदारी दे दी गई; वह फ़रोह के हाथ में फिर से प्याला देने लगे. 22लेकिन प्रधान पकाने वाले को फांसी पर लटका दिया; सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा योसेफ़ ने बताया था.

23यह सब देखकर भी प्रधान पिलाने वाले ने योसेफ़ को याद न किया; पर भूल गया.