ዘፍጥረት 17 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ዘፍጥረት 17:1-27

የግዝረት ኪዳን

1አብራም ዕድሜው 99 ዓመት በሆነ ጊዜ፣ እግዚአብሔር (ያህዌ) ተገልጦለት እንዲህ አለው፤ “እኔ ኤልሻዳይ17፥1 ሁሉን የሚገዛ ማለት ነው። ነኝ፤ በፊቴ ተመላለስ፤ ነቀፋም አይኑርብህ፤ 2በእኔና በአንተ መካከል የተመሠረተውን ኪዳን አጸናለሁ፤ ዘርህንም እጅግ አበዛለሁ።”

3አብራም በግንባሩ መሬት ላይ ተደፋ፤ እግዚአብሔርም (ኤሎሂም) እንዲህ አለው፤ 4“እነሆ፤ የምገባልህ ኪዳን ይህ ነው፤ የብዙ ሕዝቦች አባት ትሆናለህ። 5ከእንግዲህ ወዲያ ስምህ አብራም17፥5 አብራም ማለት የከበረ አባት ማለት ነው። መባሉ ቀርቶ አብርሃም ይሆናል፤ የብዙ ሕዝቦች አባት አድርጌሃለሁና። 6ዘርህን እጅግ አበዛለሁ፤ ብዙ ሕዝብም አደርግሃለሁ፤ ነገሥታትም ከአንተ ይወጣሉ። 7በእኔና በአንተ፣ ከአንተም በኋላ ከዘርህ ጋር ከትውልድ እስከ ትውልድ የዘላለም ኪዳኔን እመሠርታለሁ፤ በዚህም የአንተና ከአንተም በኋላ የዘርህ አምላክ (ኤሎሂም) እሆናለሁ። 8ይህችን አሁን በእንግድነት የምትኖርባትን የከነዓንን ምድር በሙሉ ለአንተና ከአንተም በኋላ ለዘርህ ለዘላለም ርስት አድርጌ እሰጣለሁ፤ አምላካቸውም (ኤሎሂም) እሆናለሁ።”

9ከዚያም እግዚአብሔር (ኤሎሂም) አብርሃምን እንዲህ አለው፤ “በአንተም በኩል፣ አንተና ከአንተ በኋላ የሚመጣው ዘርህ ከትውልድ እስከ ትውልድ ኪዳኔን ትጠብቃላችሁ። 10አንተና ከአንተም በኋላ የሚመጣው ዘርህ የምትጠብቁት ኪዳን ይህ ነው፤ በመካከላችሁ ያለ ወንድ ሁሉ ይገረዝ። 11ስለዚህ ሁላችሁም ሸለፈታችሁን ትገረዛላችሁ፤ ይህም በእኔና በእናንተ መካከል ላለው ኪዳን ምልክት ይሆናል። 12የሚመጣውም ትውልድ ሁሉ፣ ማንኛውም ወንድ ልጅ፣ ስምንት ቀን ሲሞላው ይገረዝ፤ እንደዚሁም በቤትህ የተወለደውና ከውጭ በገንዘብ የተገዛ ባዕድ ሁሉ ይገረዝ። 13በቤትህ የተወለደም ሆነ በገንዘብህ የተገዛ ሁሉ መገረዝ አለበት፤ በሥጋችሁ የሚፈጸመው ይህ ኪዳኔ የዘላለም ኪዳን ይሆናል። 14የሥጋ ሸለፈቱን ያልተገረዘ ማንኛውም ወንድ ኪዳኔን በማፍረሱ ከወገኖቹ ይወገድ።”

15እግዚአብሔር (ኤሎሂም) አብርሃምን እንዲህ አለው፤ “ሦራን ከእንግዲህ ሦራ ብለህ አትጠራትም፤ ስሟ ከዛሬ ጀምሮ ሣራ ይሁን። 16እኔ እባርካታለሁ ከእርሷም ወንድ ልጅ እሰጥሃለሁ፤ የብዙም ሕዝቦች እናት ትሆን ዘንድ እባርካታለሁ፤ የሕዝቦችም ነገሥታት ከእርሷ ይወጣሉ።”

17አብርሃምም በግንባሩ መሬት ላይ ተደፋ፤ ሣቀና በልቡ፣ “እንዲያው ምንስ ቢሆን የመቶ ዓመት ሽማግሌ የልጅ አባት መሆን ይችላልን? ሣራስ በዘጠና ዓመቷ ልጅ መውለድ ትችላለችን?” አለ። 18አብርሃም እግዚአብሔርን (ኤሎሂም)፣ “እስማኤልን ብቻ ባርከህ ባኖርህልኝ” አለው።

19እግዚአብሔርም (ኤሎሂም) እንዲህ አለ፤ “ይሁን እሺ፤ ነገር ግን ሚስትህ ሣራ ወንድ ልጅ ትወልድልሃለች፤ ስሙንም ይስሐቅ17፥19 ይስሐቅ ማለት ይሥቃል ማለት ነው። ብለህ ትጠራዋለህ፤ እኔም ከእርሱ በኋላ ለዘሩ ሁሉ የሚሆን የዘላለም ኪዳን ከእርሱ ጋር እገባለሁ። 20ስለ እስማኤልም ቢሆን ልመናህን ሰምቼሃለሁ፤ እርሱንም እባርከዋለሁ፤ ፍሬያማም አደርገዋለሁ፤ እጅግም አበዛዋለሁ፤ የዐሥራ ሁለት አለቆች አባት ይሆናል፤ ታላቅም ሕዝብ አደርገዋለሁ። 21ኪዳኔን ግን የዛሬ ዓመት በዚሁ ጊዜ ሣራ ከምትወልድልህ ልጅ፣ ከይስሐቅ ጋር አደርጋለሁ።” 22እግዚአብሔር (ኤሎሂም) ከአብርሃም ጋር መነጋገሩን ከፈጸመ በኋላ ወደ ላይ ወጣ።

23በዚያችም ዕለት አብርሃም እግዚአብሔር (ያህዌ) ባዘዘው መሠረት ልጁን እስማኤልን፣ በቤቱ ውስጥ የተወለዱትንና ከውጭ በገንዘቡ የገዛቸውን ወንዶች በሙሉ ገረዛቸው። 24አብርሃም ሲገረዝ ዕድሜው 99 ዓመት ነበር። 25ልጁም እስማኤል ሲገረዝ 13 ዓመቱ ነበር። 26አብርሃምና ልጁ እስማኤል፣ ሁለቱም በዚያኑ ቀን ተገረዙ። 27በአብርሃም ቤት ያሉ ወንዶች ሁሉ፣ በቤቱ የተወለዱትም ሆኑ ከውጭ በገንዘብ የተገዙ ከእርሱ ጋር ተገረዙ።

Hindi Contemporary Version

उत्पत्ति 17:1-27

अब्राम तथा खतना-वाचा का चिन्ह

1जब अब्राम निन्यानबे वर्ष के हुए तब याहवेह उन पर प्रकट हुए और उनसे कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर17:1 सर्वशक्तिमान परमेश्वर मूल मेंएल शद्दय हूं; तुम मेरे सामने विश्वासयोग्यता से चलो और निर्दोष रहो. 2मैं अपने और तुम्हारे बीच अपना करार स्थापित करूंगा और तुम्हारे वंश को बहुत बढ़ाऊंगा.”

3तब अब्राम ने झुककर परमेश्वर को प्रणाम किया और परमेश्वर ने उनसे कहा, 4“तुम्हारे साथ मेरी वाचा यह है: तुम अनेक जातियों के गोत्रपिता होंगे. 5अब से तुम्हारा नाम अब्राम17:5 अब्राम अर्थात् उन्‍नत पिता न रहेगा, पर अब्राहाम17:5 अब्राहाम अर्थात् जातियों का पिता होगा; क्योंकि मैंने तुम्हें अनेक जातियों का गोत्रपिता बनाया है. 6मैं तुम्हें बहुत फलवंत करूंगा; तुम्हें जाति-जाति का मूल बनाऊंगा, और तुम्हारे वंश में राजा पैदा होंगे. 7मैं तेरे और आनेवाले तेरे वंश के साथ पीढ़ी-पीढ़ी की यह वाचा बांधूंगा कि मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंश का परमेश्वर रहूंगा. 8यह कनान देश, जिसमें तुम पराये होकर रहते हो, यह देश तुमको और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंशजों को सदाकाल के लिये अधिकार में दे दूंगा; और मैं उनका परमेश्वर रहूंगा.”

9परमेश्वर ने अब्राहाम से फिर कहा, “तुम और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंश के लोग मेरी वाचा को सच्चाई से मानते रहना. 10तुम्हारे और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंश के साथ मेरी वाचा यह है, जिसे तुम्हें मानना ज़रूरी है: तुम्हारे बीच में प्रत्येक पुरुष का ख़तना किया जाये. 11और यह ख़तना तुम्हारे खलड़ी (त्वचा) का किया जाये. यही मेरे एवं तुम्हारे बीच की गई वाचा का चिन्ह होगा. 12तुम्हारे वंश में सभी पीढ़ियों में हर लड़के के आठ दिन के होने पर उसका ख़तना करना, तुम्हारे घर का वह सेवक जिसका जन्म तुम्हारे घर में हुआ है अथवा जिसे किसी परदेशी से मूल्य देकर खरीदा गया हो, चाहे वे तुम्हारे वंश में से न हों. 13तुम्हारे घर में पैदा हुए हों या फिर पैसा देकर खरीदे गये हों, उन सबका ख़तना करना ज़रूरी है. तुम्हारे मांस में मेरी यह वाचा सदाकाल की वाचा है. 14परंतु जो पुरुष बिना ख़तना किए रहेगा, उसे समाज से अलग कर दिया जाएगा, क्योंकि उसने मेरी वाचा को तोड़ा है.”

15परमेश्वर ने अब्राहाम से यह भी कहा, “तुम्हारी पत्नी सारय को तुम अब सारय नहीं कहना; परंतु अब उसका नाम साराह होगा. 16मैं उसे आशीष दूंगा और मैं तुम्हें उसके द्वारा एक बेटा दूंगा. मैं उसे आशीष दूंगा. जिससे वह जाति-जाति की मूलमाता होगी; और राजाओं का जन्म उसके वंश में होगा.”

17यह सुनकर अब्राहाम ने झुककर प्रणाम किया; वह हंसने लगा और मन में कहने लगा, “क्या सौ साल के व्यक्ति से बेटा पैदा हो सकता है? साराह, जो नब्बे साल की है, क्या वह बेटा जन्म दे सकती है?” 18और अब्राहाम ने परमेश्वर से कहा, “अच्छा हो कि इशमाएल आपसे आशीष पाये!”

19तब परमेश्वर ने अब्राहाम से कहा, “नहीं! तुम्हारी पत्नी साराह से एक बेटा होगा, और तुम उसका नाम यित्सहाक17:19 यित्सहाक अर्थात्: हंसनेवाला रखना. मैं उसके साथ ऐसी वाचा बांधूंगा, जो उसके बाद आनेवाली पीढ़ी-पीढ़ी तक सदाकाल की वाचा होगी. 20और इशमाएल के बारे में, मैंने तुम्हारी बात सुनी है: मैं उसे ज़रूर आशीष दूंगा; मैं उसे फलवंत करूंगा और उसको संख्या में बहुत बढ़ाऊंगा. वह बारह शासकों का पिता होगा, और मैं उससे एक बड़ी जाति बनाऊंगा. 21परंतु मैं अपनी वाचा यित्सहाक के साथ बांधूंगा, जिसे साराह तेरे लिए अगले साल इसी समय जन्म देगी.” 22जब परमेश्वर अब्राहाम से अपनी बात कह चुके, तब वे चले गए.

23तब अब्राहाम ने उसी दिन परमेश्वर के आदेश के अनुसार अपने पुत्र इशमाएल तथा अपने उन सेवकों का, जिनका जन्म उनके परिवार में हुआ था या जिन्हें अब्राहाम ने धन देकर खरीदा था, परिवार के हर एक पुरुष लेकर परमेश्वर के कहे अनुसार उनका ख़तना किया. 24अब्राहाम के खलड़ी के खतने के समय उनकी उम्र निन्यानवे वर्ष थी, 25और खतने के समय उनका पुत्र इशमाएल तेरह वर्ष का था. 26अब्राहाम तथा उनके पुत्र इशमाएल का ख़तना एक ही दिन किया गया. 27और उनके परिवार के सब पुरुष, जो उनके घर में पैदा हुए थे अथवा जो किसी विदेशी से धन देकर खरीदे गये थे, उन सबका ख़तना उनके साथ किया गया.