ዘፀአት 35 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ዘፀአት 35:1-35

የሰንበት ሥርዐቶች

1ሙሴ የእስራኤልን ማኅበረ ሰብ ሁሉ ሰብስቦ እንዲህ አላቸው፤ “እግዚአብሔር (ያህዌ) እንድትፈጽሟቸው ያዘዛችሁ ነገሮች እነዚህ ናቸው፤ 2ስድስት ቀን ሥራ ይሠራል፤ ሰባተኛው ቀን ግን ለእግዚአብሔር (ያህዌ) የሰንበት ዕረፍት፣ የተቀደሰ ቀን ይሆንላችኋል፤ በዕለቱ ማናቸውንም ዐይነት ሥራ የሚሠራ ቢኖር ሞት ይገባዋል። 3በሰንበት ቀን በማናቸውም መኖሪያዎቻችሁ ውስጥ እሳት አታንድዱ።”

ለመገናኛው ድንኳን ዕቃዎች

35፥4-9 ተጓ ምብ – ዘፀ 25፥1-7

35፥10-19 ተጓ ምብ – ዘፀ 39፥32-41

4ሙሴ ለእስራኤላውያን ማኅበረ ሰብ ሁሉ እንዲህ አላቸው፤ “እግዚአብሔር (ያህዌ) ያዘዘው ይህ ነው፤ 5ካላችሁ ንብረት ሁሉ ለእግዚአብሔር (ያህዌ) መሥዋዕት አቅርቡ፤ ፈቃደኛ የሆነ ማንም ለእግዚአብሔር (ያህዌ) የወርቅ፣ የብር፣ የናስ መባ ያምጣ። 6ሰማያዊ፣ ሐምራዊና ቀይ ማግ፤ ቀጭን ሐር፣ የፍየል ጠጕር፣ 7ቀይ የተነከረ የአውራ በግ ቈዳ፣ እንዲሁም አቆስጣ ቈዳ35፥7 በዚህና በቍጥር 23 ላይ አንዳንድ ቅጆች፣ የለፋ የአቆስጣ ቈዳ ይላሉ።፣ የግራር ዕንጨት፤ 8ለመብራት የወይራ ዘይት፣ ለቅብዐ ዘይቱና ለጣፋጭ ሽታ ዕጣን ቅመም፤ 9በኤፉዱና በደረት ኪሱ ላይ የሚሆኑ መረግዶችና ሌሎች ዕንቍዎችን መባ አድርጎ ያምጣ።

10“በመካከላችሁ ጥበበኞች የሆኑ ሁሉ መጥተው እግዚአብሔር (ያህዌ) ያዘዘውን ሁሉ ይሥሩ፤ 11የመገናኛውን ድንኳን ከነድንኳኑና ከነመደረቢያው፣ ማያያዣዎችን፣ ክፈፎችን፣ አግዳሚዎችን፣ ቋሚዎችንና መሠረቶችን፤ 12ታቦቱን ከነመሎጊያዎቹ፣ የስርየት መክደኛውንና የሚሸፍነውን መጋረጃ፤ 13ጠረጴዛውን ከነመሎጊያዎቹ፣ ዕቃዎቹን ሁሉና የሀልዎቱን ኅብስት፤ 14ለመብራት የሆነውን መቅረዝ ከነዕቃዎቹ፣ ቀንዲሎችንና ለመብራት የሚሆነውን ዘይት፤ 15የዕጣን መሠዊያውን ከነመሎጊያዎቹ፣ ቅብዐ ዘይቱንና ጣፋጭ ሽታ ያለውን ዕጣን፤ በመገናኛው ድንኳን ደጃፍ ላይ የሚሆነውን የመግቢያ መጋረጃ፤ 16የሚቃጠል መሥዋዕት መሠዊያውን ከናስ መጫሪያው፣ መሎጊያዎቹንና ዕቃዎቹን ሁሉ፣ የናስ ሰኑን ከነማስቀመጫው፣ 17የአደባባዩን መጋረጃዎች ከነምሰሶዎቻቸውና ከነመሠረቶቹ፣ ያደባባዩን መግቢያ መጋረጃ፤ 18ለመገናኛው ድንኳንና ለአደባባዩ የሚሆኑ የድንኳን ካስማዎችና ገመዶቻቸው፤ 19በመቅደሱ ውስጥ ለማገልገል የሚለበሱ የፈትል ልብሶችን ይኸውም የካህኑ የአሮንን የተቀደሱ ልብሶችንና ካህናት ሆነው ሲያገለግሉ የሚለብሷቸውን የወንዶች ልጆቹን ልብሶች ይሥሩ።”

20ከዚያም የእስራኤል ማኅበረ ሰብ ሁሉ ከሙሴ ፊት ወጡ፤ 21ፈቃደኛ የነበረና ልቡን ያነሣሣው ሁሉ በመምጣት ለመገናኛው ድንኳን ሥራ፣ ለአገልግሎቱ ሁሉና ለተቀደሱ ልብሶች የሚሆን ለእግዚአብሔር (ያህዌ) መባ አመጡ። 22ፈቃደኛ የነበሩ ሁሉ፣ ወንዶችም ሴቶችም መጥተው ከሁሉም ዐይነት የወርቅ ጌጦች አመጡ፤ የአፍንጫ ጌጦችን፣ ሎቲዎችን፣ ቀለበቶችን፣ ድሪዎችንና ጌጣጌጦችን ሁሉ አመጡ፤ ሁሉም ወርቃቸውን እንደሚወዘወዝ መሥዋዕት ለእግዚአብሔር (ያህዌ) አቀረቡ። 23ሰማያዊ፣ ሐምራዊ ወይም ቀይ ማግ ወይም ቀጭን ሐር ወይም የፍየል ጠጕር፣ ቀይ የተነከረ የአውራ በግ ቈዳ ወይም የአቆስጣ ቈዳ አመጡ። 24የብር ወይም የናስ መባ ማቅረብ የቻሉ ሁሉ ለእግዚአብሔር (ያህዌ) መባ አድርገው አመጡ፤ የግራር ዕንጨት ያለው ሁሉ አስፈላጊ በሆነው ሥራ እንዲውል አመጣው። 25ጥበበኞች የሆኑ ሴቶች ሁሉ በእጃቸው ፈተሉ፤ የፈተሉትንም ሰማያዊ ሐምራዊ ወይም ቀይ ማግ ወይም ቀጭን በፍታ አመጡ። 26ፈቃደኛ የነበሩና ጥበቡ ያላቸው ሴቶች ሁሉ የፍየል ጠጕር ፈተሉ። 27መሪዎቹም ኤፉድና በደረት ኪሱ ላይ እንዲሆን የከበሩ ድንጋዮችንና ሌሎች ዕንቍዎች አመጡ። 28እንዲሁም ለመብራቱ፣ ለቅብዐ ዘይቱና ለጣፋጭ ሽታ ዕጣን የሚሆኑ ቅመሞችንና የወይራ ዘይትን አመጡ። 29ፈቃደኛ የሆኑ እስራኤላውያን ወንዶችና ሴቶች ሁሉ፣ እግዚአብሔር (ያህዌ) በሙሴ በኩል እንዲያከናውኑት ላዘዛቸው ሥራ ሁሉ የበጎ ፈቃድ ስጦታዎችን ለእግዚአብሔር (ያህዌ) አመጡ።

ባስልኤልና ኤልያብ

35፥30-35 ተጓ ምብ – ዘፀ 31፥2-6

30ከዚያም ሙሴ እስራኤላውያንን አላቸው፤ “እነሆ፤ እግዚአብሔር (ያህዌ) ከይሁዳ ነገድ የሆነውን የሆር ልጅ፣ የኡሪን ልጅ ባስልኤልን መርጧል። 31በጥበብ፣ በችሎታና በዕውቀት፣ በማናቸውም ዐይነት ሙያ የእግዚአብሔርን (ኤሎሂም) መንፈስ ሞልቶበታል፤ 32ይኸውም በወርቅ፣ በብርና በናስ የጥበብ ሥራ እንዲሠራ ነው፤ 33ድንጋዮችን እንዲጠርብና እንዲያወጣ፣ የዕንጨት ሥራ እንዲሠራና ማንኛውንም ዐይነት የጥበብ ሙያ እንዲያከናውን ነው። 34እንዲሁም ለእርሱና ከዳን ነገድ ለሆነው ለአሂሳሚክ ልጅ ለኤልያብ፣ ለሁለቱም ሌሎችን የማስተማር ችሎታ ሰጣቸው። 35የጥበብ ባለሙያዎች፣ ዕቅድ አውጭዎች፣ በሰማያዊ በሐምራዊና በቀይ ማግ፣ በቀጭን ሐር ጥልፍ ጠላፊዎችና ፈታዮች፤ ሁሉም ዋና የጥበብ ባለሙያዎችና ዕቅድ አውጭዎች በመሆን ማንኛውንም ዐይነት ሥራ ያከናውኑ ዘንድ በጥበብ ሞልቷቸዋል።

Hindi Contemporary Version

निर्गमन 35:1-35

शब्बाथ के नियम

1मोशेह ने सभी इस्राएलियों से कहा, “जो काम याहवेह ने करने के लिए कहा वह यह है: 2छः दिन तुम काम करना, लेकिन सातवां दिन पवित्र और याहवेह के लिए परम विश्राम का दिन मानना. जो कोई इस दिन काम करते हुए पाया जाए, उसे मार डाला जाए. 3किसी भी घर में विश्राम के दिन आग तक न जलाएं.”

पवित्र स्थान के लिए सामग्रियां

4मोशेह ने सभी इस्राएलियों को कहा, “याहवेह कहते हैं 5कि तुम सब मिलकर याहवेह के लिए भेंट लाओ. जो कोई अपनी इच्छा से देना चाहे वे:

“सोना, चांदी, कांसे;

6नीले, बैंगनी तथा लाल सूक्ष्म मलमल;

बकरे के रोम;

7मेढ़े की रंगी हुई लाल खाल;

सूंस की खाल बबूल की लकड़ी;

8दीपक के लिए तेल;

अभिषेक का तेल एवं सुगंधधूप के लिए सुगंध द्रव्य;

9सुलेमानी गोमेद नाग तथा अन्य नग एफ़ोद तथा सीनाबंद में जड़ने के लिए दें.

10“तुममें से जो कुशल कारीगर हैं, वे आये और याहवेह ने जिन चीज़ों को बनाने की आज्ञा दी है, उन चीज़ों को बनाएं:

11“तंबू, ओहार समेत निवास उसकी घुंड़ी, उसके लिए आवश्यक तख्ते, बड़े, छड़, खंभे तथा कुर्सियां;

12संदूक, डंडों समेत करुणासन35:12 यानी, संदूक का ढकना जिसे मूल भाषा में प्रायश्चित का ढकना; अर्थात् पापों को ढांपने का ढकना, कहलाता था, बीच वाला पर्दा;

13मेज़ और उसके सभी सामान और डंडे, भेंट की रोटी;

14प्रकाश के लिए दीया, उससे संबंधित पात्र, दीप एवं उनके लिए आवश्यक तेल;

15धूप वेदी डंडों समेत, अभिषेक का तेल तथा सुगंधधूप;

आंगन के प्रवेश द्वार के लिए पर्दा;

16होमबलि की वेदी और उसकी कांसे की झंझरी, उसके डंडे तथा उसके सामान;

कांसे की हौदी,

17आंगन के लिए पर्दा, खंभे और कुर्सियां, और आंगन के द्वार का पर्दा;

18निवास और आंगन दोनों की खूंटियां तथा रस्सियां;

19पवित्र स्थान में सेवा के अवसर पर बुने हुए वस्त्र, अहरोन तथा उनके पुत्रों के लिए पवित्र वस्त्र, जो पुरोहित के पद पर कार्य करते समय पहना जायेगा.”

20इसके बाद इस्राएल के सारे लोग मोशेह के पास से चले गये. 21जिसका मन आनंद से भर गया वे अपनी इच्छा से मिलनवाले तंबू के बनाने के कार्य के लिये और सेवकाई में और पवित्र वस्त्र बनाने के लिए याहवेह के लिए भेंट लाने लगे. 22तब वे सभी स्त्री-पुरुष, अपनी इच्छा से अपने-अपने गहने, नथुनी, अंगूठी, कंगन और सोने के गहने लाए और हर एक पुरुष ने याहवेह को सोना भेंट किया. 23हर व्यक्ति, जिसके पास नीले बैंगनी तथा लाल वस्त्र, बकरे के रोम, लाल रंग में रंगी गई मेढ़े की खाल तथा सूंस की खाल थी, सब ले आए. 24और जो चांदी तथा कांसे भेंट करना चाहते थे उन्होंने याहवेह के लिए वह दी, जिनके पास बबूल की लकड़ी थी, जो सेवकाई में काम आ सके उन्होंने वही दिया. 25प्रत्येक निपुण स्त्रियां अपने हाथों से कात कर जो उनके पास था उसे ले आईं—नीले, बैंगनी तथा लाल सूत और सन, 26और जो स्त्रियां इच्छुक थीं और कातने में निपुण थीं, उन्होंने बकरे के रोम के सूत काते. 27प्रधान जन सुलेमानी गोमेद और दूसरे वे सारे रत्न जो एफ़ोद और सीनाबंद के लिये थे, वे ले आये. 28लोग सुगंध द्रव्य और जैतून का तेल दीपकों के लिए, अभिषेक के तेल के लिए तथा सुगंधित धूप बनाने के लिए ले आए. 29सभी इस्राएली स्त्री-पुरुष जिनकी इच्छा थी, याहवेह के लिये मोशेह को दी गई आज्ञा के अनुसार सारे कार्य करने के लिये याहवेह के लिए भेंट लाए.

बसलेल और ओहोलियाब

30तब मोशेह ने इस्राएलियों से कहा, “सुनो, याहवेह ने यहूदाह गोत्र से हूर के पौत्र उरी के पुत्र बसलेल को चुना है, 31और परमेश्वर ने उन्हें अपने आत्मा से प्रवीणता, समझ, बुद्धि और सब कामों की समझ देकर भर दिया है. 32ताकि वह सोना, चांदी एवं कांसे पर कलात्मक रचना कर सकें, 33और जड़ने के उद्देश्य से पत्थर काटने में कुशल तथा लकड़ी के खोदने में बुद्धि से कलाकारी का काम कर सकें. 34याहवेह ने बसलेल तथा दान के गोत्र के अहीसामक के पुत्र ओहोलियाब को दूसरों को सिखाने की शक्ति दी. 35याहवेह ने उन्हें कौशल से भर दिया है कि वह एक कारीगर के किए जानेवाले सारे कामों को कर सके; खोदने, गढ़ने, नीले, बैंगनी तथा लाल रंग के मलमल पर कशीदाकारी करने और बुनने वाले वस्त्र को नए-नए तरीके से बनाएं.