ዘፀአት 28 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ዘፀአት 28:1-43

ልብሰ ተክህኖ

1“ካህናት ሆነው ያገለግሉኝ ዘንድ ከእስራኤላውያን መካከል ወንድምህ አሮንን ከወንዶች ልጆቹ ከናዳብ፣ ከአብዩድ፣ ከአልዓዛርና ከኢታምር ጋር ወደ አንተ አቅርባቸው። 2ለእርሱም ማዕረግና ክብር ለመስጠት ለወንድምህ ለአሮን የተቀደሱ መጐናጸፊያዎችን አብጅለት። 3ካህን ሆኖ እንዲያገለግለኝ የተለየ ይሆን ዘንድ ጥበብ ለሰጠኋቸው በዚህ ጕዳይ ላይ ጥበበኛ ለሆኑ ሰዎች ሁሉ ለአሮን መጐናጸፊያዎችን እንዲሠሩለት ንገራቸው። 4የሚሠሯቸው መጐናጸፊያዎች የደረት ልብስ ኤፉድ ቀሚስ፣ ጥልፍ ሸሚዝ፣ ጥምጥምና መታጠቂያ ናቸው፤ ካህን ሆነው ያገለግሉኝ ዘንድ የተቀደሱ መጐናጸፊያዎችን ለአሮንና ለወንድ ልጆቹ ይሠራሉ። 5ወርቅ፣ ሰማያዊ፣ ሐምራዊ፣ ቀይ ማግና እንዲሁም ቀጭን በፍታ ይጠቀሙ።

ኤፉድ

28፥6-14 ተጓ ምብ – ዘፀ 39፥2-7

6“የጥልፍ ዐዋቂዎች ኤፉዱን ከወርቅ፣ ከሰማያዊ፣ ከሐምራዊ፣ ከቀይ ማግና በቀጭኑ ከተፈተለ በፍታ ይሥሩት። 7መተሳሰር እንዲችል ሆኖ፣ ዳርና ዳር ከሚገኙት ከሁለቱ ጐኖች ጋር የተያያዙ ሁለት የትከሻ ንጣዮች ይኑሩት። 8በጥበብ የተጠለፈው የወገብ መታጠቂያ ከወርቅ፣ ከሰማያዊ፣ ከሐምራዊ፣ ከቀይ ማግና በቀጭኑ ከተፈተለ ሐር ከኤፉድ ጋር አንድ ወጥ ሆኖ የተሠራ ይሁን።

9“ሁለት የመረግድ ድንጋዮች ውሰድና የእስራኤልን ልጆች ስሞቻቸውን ቅረጽባቸው። 10እንደ ልደታቸው ቅደም ተከተል ስድስቱን ስሞች በአንዱ ድንጋይ ላይ የቀሩትንም ስሞች በሌላው ላይ ቅረጽባቸው። 11የቅርጽ ሠራተኛ ማኅተም እንደሚቀርጽ የእስራኤልን ልጆች ስም በሁለቱ ድንጋዮች ላይ ቅረጽ፤ ከዚያም ድንጋዮቹን በወርቅ ፈርጥ ክፈፋቸው፤ 12ለእስራኤል ልጆች መታሰቢያ ድንጋዮች ይሆኑ ዘንድ በኤፉዱ ትከሻ ላይ ካሉት ንጣዮች ጋር አያይዛቸው፤ በእግዚአብሔር (ያህዌ) ፊት መታሰቢያ እንዲሆኑ አሮን ስሞቹን በትከሻው ላይ ይሸከማቸው። 13የወርቅ ፈርጦችን አብጅ፤ 14እንደ ገመድ ያሉ ሁለት በንጹሕ ወርቅ የተጐነጐኑ ድሪዎችን አብጅተህ ከፈርጡ ጋር አያይዛቸው።

የደረት ኪስ

28፥15-28 ተጓ ምብ – ዘፀ 39፥8-21

15“የፍርድ መስጫውን የደረት ኪስ ብልኅ ሠራተኛ እንደሚሠራው አድርገህ አብጀው፤ ልክ እንደ ኤፉዱ ከወርቅ፣ ከሐምራዊ፣ ከቀይ ማግና በቀጭኑ ከተፈተለ በፍታ አብጀው። 16ርዝመቱ አንድ ስንዝር፣ ስፋቱ አንድ ስንዝር28፥16 ወደ 22 ሴንቲ ሜትር ያህል ነው። ሆኖ ባለ አራት ማእዘንና በድርቡ የታጠፈ ይሁን። 17ከዚያም በላዩ ላይ በአራት ረድፍ የከበሩ ድንጋዮች አድርግበት፤ በመጀመሪያው ረድፍ ሰርዲዮን፣ ቶጳዝዮን፣ የሚያበረቀርቅ ዕንቍ፤ 18በሁለተኛውም ረድፍ በሉር፣ ሰንፔር28፥18 ወይም፣ ላፒስ ላዙሊ፣ አልማዝ፤ 19በሦስተኛው ረድፍ ያክንት፣ ኬልቄዶን፣ አሜቴስጢኖስ፤ 20በአራተኛውም ረድፍ ቢረሌ፣ መረግድና ኢያስጲድ28፥20 የእነዚህ የከበሩ ማዕድኖች ትክክለኛ ማንነት በትክክል አይታወቅም። አድርግበት፤ በወርቅ ፈርጥም ክፈፋቸው። 21የዐሥራ ሁለቱ ነገዶች ስሞች እንደ ማኅተም የተቀረጸባቸው ለእያንዳንዱ የእስራኤል ልጆች ስም ዐሥራ ሁለት ድንጋዮች ይሁኑ።

22“ለደረት ኪሱ ከንጹሕ ወርቅ እንደ ገመድ ሆኖ የተጌጠ ጕንጕን አብጅለት። 23ለእርሱም ሁለት የወርቅ ቀለበቶች አብጅተህ ከደረት ኪሱ ሁለት ጐኖች ጋር አያይዘው። 24ሁለቱን የወርቅ ጕንጕኖች በደረት ኪሱ ጐኖች ላይ ካሉት ቀለበቶች ጋር አያይዛቸው። 25ሌሎቹን የጕንጕን ጫፎች በፊት ላይ ካለው ኤፉድ በትከሻው ላይ ካሉት ንጣዮች ጋር በማጋጠም ከሁለቱ የወርቅ ፈርጦች ጋር አያይዛቸው። 26ሁለት የወርቅ ቀለበቶች አበጅተህ ከኤፉዱ ቀጥሎ ባለው በውስጠኛ ጠርዝ ላይ፣ በሌላ በኩል ካሉት ሁለት የደረት ኪስ ጐኖች ጋር አያይዛቸው። 27ሁለት ተጨማሪ የወርቅ ቀለበቶች አበጅተህ ከኤፉዱ መታጠቂያ ከፍ ብሎ ከመጋጠሚያው አጠገብ ካለው በኤፉዱ ፊት ለፊት፣ በትከሻ ላይ ካሉት ንጣዮች ግርጌ ጋር አያይዘው። 28የደረት ኪሱም ቀለበቶች፣ የደረት ኪሱ ከኤፉዱ ጋር እንዳይላቀቅ፣ ከመታጠቂያው ጋር በማገናኘት በሰማያዊ ገመድ ከኤፉዱ ቀለበቶች ጋር ይያያዙ።

29“አሮን ወደ መቅደሱ በሚገባበት ጊዜ በእግዚአብሔር (ያህዌ) ፊት ለዘላለም መታሰቢያ ይሆን ዘንድ የእስራኤልን ልጆች ስሞች በፍርድ መስጫው ደረት ኪስ በልቡ ላይ ይሸከም። 30ወደ እግዚአብሔር (ያህዌ) ፊት በሚገባበት ጊዜ በአሮን ልብ ላይ ይሆኑ ዘንድ ኡሪሙንና ቱሚሙን በደረት ኪሱ አድርግ፤ ስለዚህ አሮን ሁልጊዜ ለእስራኤላውያን የፍርድ መስጫውን በእግዚአብሔር (ያህዌ) ፊት በልቡ ላይ ይሸከማል።

ሌሎቹ አልባሳት

28፥31-43 ተጓ ምብ – ዘፀ 39፥22-31

31“የኤፉዱ ቀሚስ ሙሉ በሙሉ ከሰማያዊ ጨርቅ ይሁን፤ 32ከላይ በኩል በመካከሉ ዐንገትጌ አድርገህ አብጀው፤ እንዳይቀደድም በማስገቢያው ዙሪያ እንደ ክሳድ ያለ ዝምዝም ጠርዝ28፥32 በዕብራይስጡ የዚህ ቃል ትክክለኛ ፍችው አይታወቅም። ሥራለት። 33በጨርቁ ጠርዝ ዙሪያ ከሰማያዊ፣ ከሐምራዊና ከቀይ ማግ ሮማኖቹን፣ በመካከሉም የወርቅ ሻኵራዎችን አብጅ። 34የወርቅ ሻኵራዎቹና ሮማኖቹ በጨርቁ ጠርዝ ዙሪያ በመፈራረቅ ይሆናሉ። 35አሮንም በአገልግሎቱ ጊዜ ይህን መልበስ አለበት፤ በእግዚአብሔር (ያህዌ) ፊት ወደ መቅደሱ በገባና ከመቅደሱ ሲወጣ እንዳይሞት የሻኵራዎቹ ድምፅ ይሰማል።

36“ከንጹሕ ወርቅ ዝርግ ሳሕን አበጅተህ፣ ‘ቅዱስ እግዚአብሔር (ያህዌ)’ በማለት በማኅተም ላይ እንደሚቀረጽ ቅረጸው። 37ከመጠምጠሚያው ጋር እንዲያያዝ ሰማያዊ ፈትል እሰርበት፤ እርሱም በመጠምጠሚያው ፊት በኩል ይሁን። 38ይህም በአሮን ግንባር ላይ ይሆናል፤ እስራኤላውያን ለይተው በሚያቀርቧቸው በማናቸውም የተቀደሱ ስጦታዎች ውስጥ ያለውን በደል ይሸከማል፤ በእግዚአብሔር (ያህዌ) ፊት ተቀባይነት እንዲኖራቸው ሁልጊዜ በአሮን ግንባር ላይ ይሆናል።

39“ሸሚዙን ከቀጭን በፍታ ሥራ፤ መጠምጠሚያውንም ከቀጭን በፍታ አብጀው፤ መታጠቂያውንም ጥልፍ ጠላፊ የሠራው ይሁን። 40የአሮን ወንድ ልጆች ክብርና ማዕረግ እንዲኖራቸው ሸሚዞችን፣ መታጠቂያዎችን፣ የራስ ማሰሪያዎችን አብጅላቸው። 41እነዚህን ልብሶች ለአሮንና ለወንድ ልጆቹ ካለበስህ በኋላ ቅባቸው፤ ካናቸው፤ ካህናት ሆነው ያገለግሉኝም ዘንድ ቀድሳቸው።

42“ከወገብ ጀምሮ እስከ ጭን የሚደርስ ሰውነትን የሚሸፍን ከበፍታ የተሠራ የውስጥ ቍምጣ አብጅ። 43አሮንና ወንድ ልጆቹ ወደ መገናኛው ድንኳን በሚገቡበት ጊዜ ወይም በመቅደሱ ለማገልገል ወደ መሠዊያው ሲቀርቡ፣ በደል ፈጽመው እንዳይሞቱ እነዚህን መልበስ አለባቸው።

“ለአሮንና ለትውልዶቹ ይህ የዘላለም ሥርዐት ይሆናል።

Hindi Contemporary Version

निर्गमन 28:1-43

पुरोहित का वस्त्र

1“इस्राएलियों में से अपने भाई अहरोन और उसके पुत्र नादाब और अबीहू, एलिएज़र और इथामार को बुलाना, ताकि वे मेरे लिए पुरोहित का काम करें. 2अपने भाई अहरोन के लिए, उसकी मर्यादा और शोभा के लिए, पवित्र वस्त्र बनवाना. 3उन सब कुशल शिल्पकारों को, जिन्हें मैंने इस काम के लिए चुना है, वे अहरोन के अभिषेक के लिए वस्त्र बनाएं, जिसे पहनकर वह मेरे लिए पुरोहित का काम कर सके. 4उन्हें वक्षपेटिका, एफ़ोद, अंगरखा, बेलबूटेदार कुर्ता, पगड़ी और कमरबंध आदि वस्त्र बनाना होगा. वे तुम्हारे भाई अहरोन और उसके पुत्रों के लिए पवित्र वस्त्र बनाएं, वे इन्हें पहनकर मेरे लिए पुरोहित का काम करें. 5वे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े और मलमल का उपयोग करें.

एफ़ोद की बनावट

6“तुम एक कुशल शिल्पकार द्वारा सोने के तारों से, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों तथा बंटी हुई मलमल से, एफ़ोद बनवाना. 7एफ़ोद को जोड़ने के लिए कंधों की पट्टियां बनाना और कंधे की इन पट्टियों को एफ़ोद के कंधे से उसके दोनों भाग जोड़ देना. 8कमरबंध एफ़ोद के साथ बुना हुआ हो और एक ही प्रकार की सामग्री से बना हो, अर्थात् सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों से और बंटी हुई मलमल से बनाना.

9“सुलेमानी दो मणियों पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना, 10उनके जन्म के अनुसार, एक मणि पर छः नाम और दूसरी मणि पर बाकी छः नाम खुदवाना. 11जिस प्रकार जौहरी मुद्राओं को खोदता है, उसी प्रकार इन दोनों मणियों पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना. उन्हें सोने के खांचों में जड़वा देना. 12इन दोनों मणियों को इस्राएल के पुत्रों के यादगार मणियों के रूप में एफ़ोद के कंधे में लगवाना. अहरोन अपने दोनों कंधों पर उनके नाम याहवेह के सामने याद कराने वाली ये मणि हो. 13फिर सोने के खाने बनवाना. 14और रस्सियों के समान गुंथी हुई कुन्दन की दो जंजीरें बनवाना और इन गुंथी हुई जंजीरों को खांचों में लगवाना.

वक्षपेटिका

15“तुम एक कुशल शिल्पकार द्वारा न्याय की पेटी बनवाना, उसे बेलबूटेदार एफ़ोद के समान बनवाना. उसे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े तथा बंटी हुई मलमल से बनवाना. 16वक्ष पटल को मोड़कर दो भाग बनाना. और इसका आकार चौकोर हो, और यह साढ़े बाईस सेंटीमीटर लंबा तथा साढ़े बाईस सेंटीमीटर चौड़ा हो. 17उसमें मणियों की चार पंक्तियां लगवाना. पहली पंक्ति में एक माणिक्य, एक पुखराज और एक मरकत हो. 18दूसरी पंक्ति में एक लाल मणि, एक नीलम और एक हीरा हो. 19तीसरी पंक्ति में एक तृणमणि, एक यशब और एक याकूत. 20चौथी पंक्ति में एक स्वर्णमणि, एक सुलेमानी और एक सूर्यकांत मणि इन्हें नक्काशी किए हुए सोने के खांचों में लगवाना. 21इस्राएल के बारह पुत्रों के अनुसार बारह मणियां हों. हर मणि पर बारह गोत्रों में से एक नाम लिखा हो जिस तरह मोहरों पर होता है.

22“वक्षपेटिका के लिए बंटी हुई डोरियों के रूप में सोने की गुंथी हुई जंजीर बनवाना. 23वक्षपेटिका के लिए सोने के दो कड़े भी बनवाना और इन दोनों कड़ों को वक्षपेटिका के दोनों सिरों पर लगवाना. 24इसके बाद सोने की इन दोनों डोरियों को वक्षपेटिका के सिरों में लगे हुए दोनों कड़ों में लगवाना. 25दोनों डोरियों के दूसरे सिरों को नक्काशी किए हुए दोनों खांचों में जुड़वाना. उन्हें एफ़ोद के कंधों में सामने की ओर लगवाना. 26फिर सोने के दो और कड़े बनवाकर इन्हें वक्षपेटिका के सिरों पर अंदर की ओर एफ़ोद से सटाकर लगवाना. 27दो कड़े बनवाना और उन्हें एफ़ोद के कंधों की तरफ़ की छोर के सामने की तरफ़ से मिला देना, जो एफ़ोद के बुनी हुई पट्टी के पास से हो. 28वक्ष पटल को उसके कड़ों के द्वारा एफ़ोद के कड़ों से एक नीले रंग की रस्सी द्वारा बांधना, जिससे यह अब एफ़ोद के बुने हुए भाग पर जुड़ जायें ताकि वक्ष पटल एवं एफ़ोद एक दूसरे से जुड़े रहेंगे.

29“जब अहरोन पवित्र स्थान में जाएगा, तब वह न्याय पेटी पर लिखे इस्राएल के नाम अपने हृदय पर लगाकर रखें जिससे याहवेह के सामने हमेशा उसे याद करते रहे. 30न्याय पेटी में उरीम और थुम्मीम28:30 उरीम और थुम्मीम हो सकता है कि ये परमेश्वर की इच्छा निर्धारित करने के लिए पुरोहित द्वारा इस्तेमाल की गई पासा जैसी वस्तु को रखना, जिससे अहरोन उन्हें अपने हृदय पर लिए हुए याहवेह के सामने आए. इस प्रकार अहरोन याहवेह के सामने आते समय इस्राएल को हमेशा अपने हृदय पर लगाए रखे.

पुरोहित का अन्य वस्त्र

31“एफ़ोद का पूरा अंगरखा नीले कपड़े का बनवाना. 32बीच में सिर के लिए एक छेद हो और उस छेद के चारों ओर गिरेबां जैसी एक गोट हो, जिससे वह फटे नहीं. 33इस वस्त्र की किनारी पर नीली, बैंगनी तथा लाल सूक्ष्म बंटी हुई सन के रेशों से अनार बनवाना. सोने की घंटियां भी बनवाना और इन्हें वस्त्र की किनारी के चारों ओर अनारों के बीच में लगा देना. 34अंगरखे के निचले घेरे में एक अनार के बाद सोने की एक घंटी हो, फिर एक अनार के बाद फिर एक सोने की घंटी. 35अहरोन सेवा करते समय उसे पहन लेगा जब वह याहवेह के सामने पवित्र स्थान में जाएगा और उसमें से निकल आएगा, तो घण्टियों का शब्द सुनाई देगा, ऐसा नहीं होने पर उसकी मृत्यु हो जाएगी.

36“शुद्ध सोने की एक पट पर मुहर के समान ये अक्षर खोदे जायें:

याहवेह के लिए पवित्र

37तुम उसे नीला फीता से सामने की ओर पगड़ी में बांधना 38अहरोन उसे अपने सिर पर रखे और इससे वह इस्राएलियों द्वारा चढ़ाए पवित्र चढ़ावों का दोष अहरोन अपने ऊपर उठाए रखे. वह उस पटिए को सदा अपने सिर पर उठाए रखे, जिससे याहवेह उससे खुश रहे.

39“कुर्ता और पगड़ी मलमल के और कमरबंध बेलबूटेदार हों. 40अहरोन के पुत्रों की मर्यादा और शोभा के लिए कुर्ता, कमरबंध ओर टोपी बनवाना. 41अपने भाई अहरोन और उसके पुत्रों को उन्हें पहनाना और उनका पुरोहित के रूप में अभिषेक करना. उन्हें पवित्र करना, जिससे वे मेरे लिए पुरोहित का काम कर सकें.

42“उनके शरीर ढकने के लिए मलमल के जांघिये बनवाना. 43उनकी लंबाई कमर से जांघ तक हो जब अहरोन और उसके पुत्र मिलनवाले तंबू में जायें अथवा पवित्र स्थान में सेवा करने के लिए वेदी के पास जायें, तब वे उस वस्त्र को पहनें, जिससे वे अपराधी न बनें और उनकी मृत्यु न हो.

“यह उसके और उसके बाद होनेवाले उसके वंश के लिए स्थिर आदेश है.