ዘካርያስ 8 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ዘካርያስ 8:1-23

እግዚአብሔር ኢየሩሳሌምን ለመባረክ ቃል ገባ

1እንደ ገናም የእግዚአብሔር ጸባኦት ቃል እንዲህ ሲል ወደ እኔ መጣ፤ 2እግዚአብሔር ጸባኦት እንዲህ ይላል፤ “ስለ ጽዮን እጅግ ቀንቻለሁ፤ ስለ እርሷም በቅናት ነድጃለሁ።”

3እግዚአብሔር እንዲህ ይላል፤ “ወደ ጽዮን እመለሳለሁ፤ በኢየሩሳሌም እኖራለሁ፤ ኢየሩሳሌምም የእውነት ከተማ ትባላለች፤ የእግዚአብሔር ጸባኦት ተራራም ቅዱስ ተራራ ይባላል።”

4እግዚአብሔር ጸባኦት እንዲህ ይላል፤ “ሽማግሌዎችና አሮጊቶች እንደ ገና በኢየሩሳሌም አደባባይ ይቀመጣሉ፤ እያንዳንዳቸውም ከዕድሜያቸው ብዛት የተነሣ ምርኵዝ ይይዛሉ። 5የከተማዪቱም አደባባዮች እዚያ በሚጫወቱ ወንዶችና ሴቶች ልጆች ይሞላሉ።” 6እግዚአብሔር ጸባኦት እንዲህ ይላል፤ “በዚያን ጊዜ ይህ ለቀረው የእስራኤል ሕዝብ አስደናቂ መስሎ ሊታይ ይችላል፤ ለእኔ ግን አስደናቂ ሊሆን ይችላልን?” ይላል እግዚአብሔር ጸባኦት።

7እግዚአብሔር ጸባኦት እንዲህ ይላል፤ “ሕዝቤን ከምሥራቅና ከምዕራብ አገር እታደጋለሁ። 8በኢየሩሳሌም እንዲኖሩ መልሼ አመጣቸዋለሁ፤ እነርሱ ሕዝቤ ይሆናሉ፤ እኔም በጽድቅና በታማኝነት አምላካቸው እሆናለሁ።”

9እግዚአብሔር ጸባኦት እንዲህ ይላል፤ “የእግዚአብሔር ጸባኦት ቤት መሠረት ሲጣል፣ በዚያ የነበሩ ነቢያት የተናገሩትን ቃል አሁን የምትሰሙ ሁሉ የእግዚአብሔርን ቤተ መቅደስ ለመሥራት እጃችሁን አበርቱ። 10ከዚያ በፊት ለሰው ደመወዝ፣ ለእንስሳም ኪራይ አይከፈልም ነበር፤ ጠላት በመኖሩም ማንም ሥራውን በሰላም ማከናወን አልቻለም፤ እያንዳንዱ ሰው በባልንጀራው ላይ እንዲነሣ አድርጌ ነበርና። 11አሁን ግን ቀድሞ እንዳደረግሁት በዚህ በቀረው ሕዝብ ላይ አላደርግም” ይላል እግዚአብሔር ጸባኦት።

12“ዘሩ ጥሩ ሆኖ ይበቅላል፤ ወይኑ ፍሬውን ያፈራል፤ ምድሪቱ አዝመራዋን ታበረክታለች፤ ሰማያትም ጠላቸውን ይሰጣሉ፤ እነዚህን ሁሉ ነገሮች ለቀሪው ሕዝብ ርስት አድርጌ እሰጣለሁ። 13የይሁዳ ቤትና የእስራኤል ቤት ሆይ፤ በአሕዛብ መካከል የርግማን ምሳሌ ነበራችሁ፤ አሁን ግን አድናችኋለሁ፤ እናንተም በረከት ትሆናላችሁ። አትፍሩ፤ ነገር ግን እጃችሁን አበርቱ።”

14እግዚአብሔር ጸባኦት እንዲህ ይላል፤ “አባቶቻችሁ ባስቈጡኝ ጊዜ ያለ አንዳች ሐዘኔታ ጥፋት ላመጣባችሁ እንደ ወሰንሁ፣” ይላል እግዚአብሔር ጸባኦት፤ 15“አሁን ደግሞ ለኢየሩሳሌምና ለይሁዳ መልካም ነገርን ላደርግ ወስኛለሁ፤ አትፍሩ። 16ልታደርጓቸው የሚገባችሁ ነገሮች እነዚህ ናቸው፤ እርስ በርሳችሁ እውነትን ተነጋገሩ፤ በአደባባያችሁም እውነትንና ትክክለኛ ፍርድን አስፍኑ፤ 17በባልንጀራችሁ ላይ ክፋትን በልባችሁ አታውጠንጥኑ፤ በሐሰት መማልን አትውደዱ፤ እነዚህን ሁሉ እጸየፋለሁ” ይላል እግዚአብሔር18እንደ ገናም የእግዚአብሔር ጸባኦት ቃል እንዲህ ሲል ወደ እኔ መጣ፤ 19እግዚአብሔር ጸባኦት እንዲህ ይላል፤ “የአራተኛው፣ የአምስተኛው፣ የሰባተኛውና የዐሥረኛው ወር ጾሞች ለይሁዳ ቤት የደስታ፣ የተድላና የሐሤት በዓላት ይሆናሉ፤ ስለዚህ እውነትንና ሰላምን ውደዱ።”

20እግዚአብሔር ጸባኦት እንዲህ ይላል፤ “ብዙ ሕዝቦችና የብዙ ከተሞች ነዋሪዎች ገና ይመጣሉ፤ 21የአንዲቱ ከተማ ነዋሪዎችም፣ ‘እግዚአብሔርን ለመለመን እግዚአብሔር ጸባኦትን ለመፈለግ፣ ኑ፤ በፍጥነት እንሂድ፤ እኔም ራሴ እሄዳለሁ’ እያሉ ወደ ሌላዪቱ ከተማ ይሄዳሉ። 22ብዙ ሕዝብና ኀያላን መንግሥታትም እግዚአብሔር ጸባኦትን ለመፈለግና ለመለመን ወደ ኢየሩሳሌም ይመጣሉ።” 23እግዚአብሔር ጸባኦት እንዲህ ይላል፤ “በእነዚያም ቀናት ከየወገኑና ከየቋንቋው ዐሥር ሰዎች የአንድን አይሁዳዊ ልብስ ዘርፍ አጥብቀው በመያዝ፣ ‘እግዚአብሔር ከእናንተ ጋር እንዳለ ሰምተናልና አብረን እንሂድ’ ” ይሉታል።

Hindi Contemporary Version

ज़करयाह 8:1-23

याहवेह येरूशलेम को आशीष देने की प्रतिज्ञा करते हैं

1सर्वशक्तिमान याहवेह का वचन मेरे पास आया.

2सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: “ज़ियोन के लिये मैं बहुत जलन रखता हूं; मैं उसके लिये ईर्ष्या से जल रहा हूं.”

3याहवेह का यह कहना है: “मैं ज़ियोन लौट आऊंगा और येरूशलेम में निवास करूंगा. तब येरूशलेम ईमानदार शहर कहलाएगा, और सर्वशक्तिमान याहवेह का पर्वत, पवित्र पर्वत कहलाएगा.”

4सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: “एक बार फिर येरूशलेम के गलियों में बूढ़े पुरुष और महिलायें बैठा करेंगी और बहुत उम्र होने के कारण हर एक के हाथ में लाठी होगी. 5शहर की गलियां खेलते हुए बालक-बालिकाओं से भरी होंगी.”

6सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: “उस समय इन लोगों के बचे हुओं को यह अद्भुत लगे, पर क्या यह मुझे अद्भुत लगेगा?” सर्वशक्तिमान याहवेह की यह घोषणा है.

7सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: “मैं अपने लोगों को पूर्व और पश्चिम के देशों से बचाऊंगा. 8मैं उन्हें येरूशलेम में बसने के लिये वापस ले आऊंगा; वे मेरे लोग होंगे, और मैं उनके परमेश्वर के रूप में उनके प्रति विश्वासयोग्य और धर्मी ठहरूंगा.”

9सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: “अब तुम इन बातों को सुनो, ‘तुम्हारे हाथ मजबूत रहें ताकि मंदिर को बनाया जा सके.’ यही बात उन भविष्यवक्ताओं के द्वारा कही गई है जो सर्वशक्तिमान याहवेह के भवन की नीव डालने के समय उपस्थित थे. 10उस समय से पहले न तो मनुष्य को मजदूरी मिलती थी और न ही पशुओं के लिए भाड़ा. अपने शत्रुओं के कारण, कोई भी अपने काम-धंधे में जाने के लिये सुरक्षित नहीं था, क्योंकि मैंने ही उन्हें एक दूसरे के विरुद्ध कर रखा था. 11पर अब मैं इन लोगों के बचे हुओं से वैसा व्यवहार न करूंगा, जैसा कि पहले के दिनों में करता था,” सर्वशक्तिमान याहवेह की यह घोषणा है.

12“बीज अच्छी तरह से बढ़ेगा, अंगूर की लता में फल लगेगा, भूमि में फसल होगी, और आकाश से ओस पड़ेगी. मैं ये सब चीज़ें इन लोगों के बचे हुओं को एक उत्तराधिकार के रूप में दूंगा. 13जैसा कि हे यहूदिया और इस्राएल, तुम जाति-जाति के लोगों के बीच एक अभिशाप बन गये हो, तो मैं तुम्हें बचाऊंगा, और तुम एक आशीष का कारण बनोगे. भयभीत न हो, पर तुम्हारे हाथ मजबूत बने रहें.”

14सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: “जब तुम्हारे पूर्वजों ने मुझे क्रोधित किया था, तो जैसा कि मैंने तुम्हारे ऊपर विपत्ति लाने और दया न करने की बात ठान ली थी,” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है, 15“वैसा ही अब मैंने येरूशलेम तथा यहूदिया पर फिर से भलाई करने की ठान ली है. भयभीत न हो. 16ये वे बातें हैं, जिन्हें तुम्हें करना है: एक दूसरे के साथ सत्य बोलो, और अपने अदालतों में सच और सही निर्णय दिया करो; 17एक दूसरे के विरुद्ध बुरी युक्ति न करो, और झूठी शपथ खाने में तत्पर न हो. क्योंकि मैं इन सब बातों से घृणा करता हूं,” याहवेह की यह घोषणा है.

18सर्वशक्तिमान याहवेह का यह वचन मेरे पास आया.

19सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: “चौथे, पांचवें, सातवें तथा दसवें माह के उपवास यहूदिया के लिए आनंद और खुशी के अवसर और सुखद पर्व हो जायेंगे. अतः सत्य और शांति से प्रेम करो.”

20सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: “बहुत से लोग और बहुत से शहरों के रहनेवाले आएंगे, 21और एक शहर के रहनेवाले दूसरे शहर में जाकर कहेंगे, ‘आओ, याहवेह से विनती करने तुरंत चलें और सर्वशक्तिमान याहवेह की खोज में रहें. मैं स्वयं जा रहा हूं.’ 22और बहुत सारे लोग और सामर्थ्यी जातियों के लोग सर्वशक्तिमान याहवेह को खोजने और उससे विनती करने येरूशलेम आएंगे.”

23सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: “उन दिनों में सब भाषाओं और जातियों से दस व्यक्ति एक यहूदी व्यक्ति को उसके कपड़े के छोर से पकड़कर कहेंगे, ‘हम तुम्हारे साथ चलते हैं, क्योंकि हमने यह सुना है कि परमेश्वर तुम्हारे साथ हैं.’ ”