ዘሌዋውያን 24 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ዘሌዋውያን 24:1-23

በእግዚአብሔር (ያህዌ) ፊት የሚቀርብ ዘይትና ኅብስት

24፥1-3 ተጓ ምብ – ዘፀ 27፥20-21

1እግዚአብሔር (ያህዌ) ሙሴን እንዲህ አለው፤ 2“መብራቶቹ ያለ ማቋረጥ እንዲያበሩ ከወይራ ተጨምቆ የተጠለለ ዘይት እንዲያመጡልህ እስራኤላውያንን እዘዛቸው። 3አሮንም በመገናኛው ድንኳን ውስጥ ከምስክሩ መጋረጃ ውጭ በእግዚአብሔር (ያህዌ) ፊት ያሉትን መብራቶች ከምሽት እስከ ንጋት ያለ ማቋረጥ ያሰናዳቸው፤ ይህም ለትውልዶቻችሁ ሥርዐት ነው። 4በእግዚአብሔር (ያህዌ) ፊት በንጹሕ የወርቅ መቅረዝ ላይ ያሉት መብራቶች ያለ ማቋረጥ መሰናዳት አለባቸው።

5“የላመ ዱቄት ወስደህ ዐሥራ ሁለት ኅብስት ጋግር፤ እያንዳንዱ ኅብስትም በሁለት ዐሥረኛ የኢፍ24፥5 4.5 ሊትር ገደማ ይሆናል መስፈሪያ ዱቄት ይጋገር። 6እነዚህንም ስድስት ስድስቱን በሁለት ረድፍ በእግዚአብሔር (ያህዌ) ፊት ባለው የንጹሕ ወርቅ ጠረጴዛ ላይ አኑራቸው። 7ከኅብስቱ ጋር የመታሰቢያ ድርሻ ሆኖ ለእግዚአብሔር (ያህዌ) በእሳት የሚቀርብ መሥዋዕት እንዲሆን ንጹሕ ዕጣን በእያንዳንዱ ረድፍ ላይ አኑር። 8ኅብስቱ የእስራኤልን ሕዝብ ይወክል ዘንድ ዘወትር በየሰንበቱ በእግዚአብሔር (ያህዌ) ፊት ይደርደር፤ ይህም የዘላለም ቃል ኪዳን ነው። 9ኅብስቱ የአሮንና የልጆቹ ድርሻ ነው፤ በተቀደሰ ስፍራም ይበሉታል፤ ለእግዚአብሔር (ያህዌ) በእሳት ከሚቀርበው መሥዋዕት እጅግ የተቀደሰ ድርሻቸው ነውና።”

እግዚአብሔርን መስደብ የሚያስከትለው ቅጣት

10እናቱ እስራኤላዊት፣ አባቱ ግብፃዊ የሆነ አንድ ሰው በእስራኤላውያን መካከል ወጣ፤ በሰፈርም ውስጥ ከአንድ እስራኤላዊ ጋር ተጣሉ። 11የእስራኤላዊቱ ልጅ የእግዚአብሔርን (ያህዌ) ስም በማቃለል ሰደበ፤ ስለዚህም ወደ ሙሴ አመጡት፤ የሰውየው እናት ስም ሰሎሚት ነበር፤ እርሷም ከዳን ወገን የተወለደው የደብራይ ልጅ ነበረች። 12የእግዚአብሔር (ያህዌ) ፈቃድም ግልጽ እስኪሆንላቸው ድረስ በግዞት አኖሩት።

13እግዚአብሔርም (ያህዌ) ሙሴን እንዲህ አለው፤ 14“ተሳዳቢውን ከሰፈር ወደ ውጭ አውጣው፤ ሲሳደብ የሰሙት ሁሉ እጃቸውን በራሱ ላይ ይጫኑበት፤ ማኅበሩም ሁሉ በድንጋይ ይውገረው። 15እስራኤላውያንን እንዲህ በላቸው፤ ‘ማንም ሰው አምላኩን (ኤሎሂም) ቢሳደብ ኀጢአት ሠርቷልና ይጠየቅበታል። 16የእግዚአብሔርን (ያህዌ) ስም የሚሳደብ ማንኛውም ሰው ይገደል፤ ማኅበሩ ሁሉ ይውገሩት፤ መጻተኛም ሆነ የአገር ተወላጅ የእግዚአብሔርን (ያህዌ) ስም ከሰደበ ይገደል።

17“ ‘ሰውን ደብድቦ የገደለ ይገደል። 18የሌላውን ሰው እንስሳ ደብድቦ የገደለ ማንኛውም ሰው ያንኑ ዐይነት እንስሳ ይተካለት። 19ማንኛውም ሰው በባልንጀራው ላይ ጕዳት ቢያደርስ፣ የዚያው ዐይነት ጕዳት ይፈጸምበት፤ 20ይኸውም በስብራት ፈንታ ስብራት፣ በዐይን ፈንታ ዐይን፣ በጥርስ ፈንታ ጥርስ ማለት ነው። በሌላው ሰው ላይ ያደረሰው ጕዳት በእርሱም ላይ ይድረስበት፤ 21እንስሳ የገደለ ማንኛውም ሰው በገደለው ፈንታ ይተካ፤ ሰው የገደለ ግን ይገደል። 22ለመጻተኛው ሆነ ለአገር ተወላጅ አንድ ዐይነት ሕግ ይኑራችሁ፤ እኔ እግዚአብሔር አምላካችሁ (ያህዌ ኤሎሂም) ነኝ።’ ”

23ሙሴም ይህን ለሕዝቡ ነገራቸው፤ እነርሱም ተሳዳቢውን ከሰፈር ወደ ውጭ ወስደው በድንጋይ ወገሩት፤ እስራኤላውያንም እግዚአብሔር (ያህዌ) ሙሴን እንዳዘዘው አደረጉ።

Hindi Contemporary Version

लेवी 24:1-23

पवित्र स्थान की रोटी और दीपक

1फिर याहवेह ने मोशेह को यह आज्ञा दी, 2“इस्राएलियों को कहना कि वे दीये के लिए जैतून का निकाला हुआ शुद्ध तेल लायें, जिससे दिया हमेशा जलता रहे, 3अहरोन इसे शाम से सुबह तक नियमित रूप से मिलनवाले तंबू में साक्षी पर्दे के बाहर याहवेह के सामने सजाकर रखा करे; यह तुम्हारी सारी पीढ़ियों के लिए हमेशा के लिए एक विधि है. 4अहरोन दीपकों को याहवेह के सामने कुन्दन के दीपदान पर सजाकर नियमित रूप से रखे.

5“इसके बाद तुम मैदा लेकर इससे बारह बाटियां बनाना; हर एक बाटी दो किलो24:5 दो किलो मूल में 2 ओमेर, जो एफा का 2/10 है मैदे से बनाई जाए. 6तुम इन्हें याहवेह के सामने कुन्दन की मेज़ पर क्रमानुसार दो पंक्तियों में रखना; हर एक पंक्ति में छः-छः. 7हर एक पंक्ति पर शुद्ध लोबान रखना कि यह बाटी के लिए स्मरण दिलाने वाली याहवेह के लिए अग्निबलि हो जाए. 8वह हर एक शब्बाथ इसे याहवेह के सामने सुव्यवस्थित रीति से नियमित रूप से रखे; इस्राएल के घराने के लिए यह एक हमेशा की विधि है. 9यह भोजन अहरोन तथा उनके पुत्रों के लिए होगा, और वे इसको पवित्र स्थान में ही खाएंगे क्योंकि यह याहवेह की अग्निबलियों में से उनके लिए परम पवित्र है, उनका सदैव का भाग है.”

परमेश्वर-निंदा की योग्य सजा

10तभी अचानक यह हुआ कि एक इस्राएली स्त्री का पुत्र, जिसका पिता एक मिस्री था, इस्राएल के घराने के बीच जा पहुंचा और छावनी में ही उस इस्राएली स्त्री के पुत्र और एक इस्राएली पुरुष के बीच मार-पीट हो गई. 11उस इस्राएली स्त्री के पुत्र ने परमेश्वर की निंदा करके परमेश्वर को शाप दिया. तब उसे मोशेह के सामने लाया गया. उस युवक की माता का नाम शेलोमीथ था, जो दान के गोत्र के दिबरी की पुत्री थी. 12उन्होंने उसे हवालात में रख लिया कि उसके सामने याहवेह की आज्ञा स्पष्ट की जा सके.

13इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, 14“जिसने परमेश्वर को शाप दिया है, उसे छावनी से बाहर लाया जाए, और जिन्होंने उसे ऐसा कहते हुए सुना है, वे उसके सिर पर अपने हाथ रखें; इसके बाद सारी सभा उसका पथराव करे. 15इस्राएल के घराने को यह आज्ञा दी जाए, ‘जो अपने परमेश्वर को शाप देता है, वह स्वयं अपने पाप का बोझ उठाएगा. 16उसे, जो याहवेह के नाम की निंदा करता है; निश्चित ही मृत्यु दंड दिया जाए; निःसंदेह सारी सभा उसका पथराव करे. चाहे कोई परदेशी हो या देशी, इस प्रकार जब कोई याहवेह के नाम की निंदा करता है, तो उसे मृत्यु दंड दिया ही जाएगा.

17“ ‘यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे मनुष्य की हत्या कर देता है, तो निश्चित ही उसे मृत्यु दंड दिया जाए. 18यदि कोई व्यक्ति किसी पशु की हत्या कर देता है, तो वह इसके नुकसान की भरपाई करे, प्राण के बदले प्राण. 19यदि कोई व्यक्ति अपने पड़ोसी को चोट पहुंचाता है, तो जैसा उसने किया है, उसके साथ ठीक वैसा ही किया जाए: 20अंग-भंग के बदले अंग-भंग; आंख के बदले आंख, दांत के बदले दांत; जैसे उसने एक व्यक्ति को चोट पहुंचाई है, उसे भी ठीक वैसे ही चोट पहुंचाई जाए. 21इसी प्रकार वह व्यक्ति जिसने किसी पशु की हत्या की थी, वह इसके नुकसान की भरपाई करेगा, किंतु उसे, जो किसी मनुष्य की हत्या कर देता है, मृत्यु दंड दिया जाए. 22तुम्हारे बीच एक ही नियम हो, परदेशी तथा देशी, दोनों के लिए एक, क्योंकि मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं.’ ”

23इसके बाद मोशेह ने इस्राएल के घराने को आदेश दिया और वे उस व्यक्ति को छावनी के बाहर ले आए, जिसने परमेश्वर को शाप दिया था, उसका पथराव किया. इस प्रकार इस्राएल के घराने ने वैसा ही किया, ठीक जैसी आज्ञा याहवेह ने मोशेह को दी थी.