ኤርምያስ 21 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ኤርምያስ 21:1-14

ለንጉሥ ሴዴቅያስ የተሰጠ ምላሽ

1የይሁዳ ንጉሥ ሴዴቅያስ፣ የመልክያን ልጅ ጳስኮርን እንዲሁም የመዕሤያን ልጅ ካህኑን ሶፎንያስን ወደ እርሱ በላከ ጊዜ፣ ቃል ከእግዚአብሔር ወደ ኤርምያስ መጣ፤ የተላኩትም እንዲህ ብለውት ነበር፤ 2“የባቢሎን ንጉሥ ናቡከደነፆር21፥2 ናቡከደነፆር አቻ የሆነው የዕብራይስጡ ናቡከደነፆር በዚህ ክፍልና ብዙ ጊዜ በኤርምያስና ሕዝቅኤል መጽሐፍ ይገኛል። ሊወጋን ስለሆነ፣ እባክህን ፈጥነህ፣ እግዚአብሔርን ጠይቅልን፤ ምናልባት ንጉሡ ከእኛ ይመለስ ዘንድ እግዚአብሔር እንደ ቀድሞው ታምራት ያደርግልን ይሆናል” ብለው ነበር።

3ኤርምያስ ግን እንዲህ አላቸው፤ “ለሴዴቅያስ እንዲህ ብላችሁ ንገሩት፤ 4‘የእስራኤል አምላክ እግዚአብሔር እንዲህ ይላል፤ ከቅጥሩ ውጭ የከበቧችሁን የባቢሎንን ንጉሥና ባቢሎናውያንን21፥4 ወይም ከለዳውያን፤ 9 ላይ ይመ። ለመውጋት በእጃችሁ የያዛችሁትን የጦር መሣሪያ በእናንተው ላይ አዞራለሁ፤ ወደዚህችም ከተማ ሰብስቤ አስገባቸዋለሁ። 5እኔ ራሴ ለቅጣት በተዘረጋ እጅና በብርቱ ክንድ፣ በቍጣና በመዓት፣ በታላቅም መቅሠፍት እወጋችኋለሁ። 6በዚህች ከተማ የሚኖሩትን፣ ሰዎችንም ሆኑ እንስሳትን እመታለሁ፤ እነርሱም በታላቅ መቅሠፍት ይሞታሉ። 7ከዚያ በኋላ፣ ይላል እግዚአብሔር፤ የይሁዳን ንጉሥ ሴዴቅያስንና መኳንንቱን፣ ከመቅሠፍት፣ ከሰይፍና ከራብ የተረፈውንም ሕዝብ ለባቢሎን ንጉሥ ለናቡከደነፆርና ሕይወታቸውን ለማጥፋት ለሚሹ ጠላቶቻቸው አሳልፌ እሰጣለሁ፤ እርሱም በሰይፍ ይመታቸዋል፤ አያዝንላቸውም፤ አይራራላቸውም፤ አይምራቸውምም።’

8“በተጨማሪም ለዚህ ሕዝብ እንዲህ በል፤ ‘እግዚአብሔር እንዲህ ይላል፤ “እነሆ፤ የሕይወትን መንገድና የሞትን መንገድ በፊታችሁ አድርጌአለሁ፤ 9በዚህች ከተማ የሚቈይ ሁሉ በሰይፍ፣ በራብና በመቅሠፍት ይሞታል፤ ወጥቶ ለከበቧችሁ ባቢሎናውያን እጁን የሚሰጥ ግን ነፍሱን ያተርፋል፤ በሕይወትም ይኖራል። 10በዚህች ከተማ ላይ በጎ ሳይሆን ክፉ ለማድረግ ወስኛለሁ፤” ይላል እግዚአብሔር፤ ለባቢሎን ንጉሥ ትሰጣለች፤ እርሱም በእሳት ያጠፋታል።’

11“ለይሁዳ ንጉሥ ቤትም እንዲህ በል፤ ‘የእግዚአብሔርን ቃል ስሙ፤ 12የዳዊት ቤት ሆይ፤ እግዚአብሔር እንዲህ ይላል፤

“ ‘ካደረጋችሁት ክፋት የተነሣ፣

ቍጣዬ እንዳይቀጣጠል፣

ማንም ሊያጠፋው እስከማይችል እንዳይነድድ፣

በየማለዳው ፍትሕን አድርጉ፤

የተበዘበዘውን ሰው፣

ከጨቋኙ እጅ አድኑት።

13ከሸለቆው በላይ፣

በድንጋያማው ዐምባ ላይ የምትኖሪ ሆይ፤

እኔ በአንቺ ላይ ወጥቻለሁ፤ ይላል እግዚአብሔር

“ማን በእኛ ላይ ይወጣል?

ማንስ ወደ መኖሪያችን ደፍሮ ይገባል?” የምትሉ ሆይ፤

14እንደ ሥራችሁ መጠን እቀጣችኋለሁ፤

ይላል እግዚአብሔር

በዱሯም እሳት እለኵሳለሁ፤

በዙሪያዋ ያለውንም ሁሉ ይበላል።’ ”

Hindi Contemporary Version

येरेमियाह 21:1-14

सीदकियाहू की प्रार्थना को परमेश्वर अस्वीकार करते हैं

1जब राजा सीदकियाहू ने येरेमियाह के पास मालखियाह के पुत्र पशहूर तथा मआसेइयाह के पुत्र पुरोहित ज़ेफनियाह को भेजा था, येरेमियाह को यह संदेश याहवेह की ओर से भेजा गया: 2“कृपया हमारी ओर से याहवेह से पूछताछ कर दीजिए क्योंकि बाबेल का राजा नबूकदनेज्ज़र हमारे विरुद्ध युद्ध के लिए तैयार है. संभव है याहवेह अपने सामर्थ्य में अलौकिक कार्य के प्रदर्शन के द्वारा नबूकदनेज्ज़र को पीछे हटने के लिए विवश कर दें.”

3यह सुन येरेमियाह ने उन्हें उत्तर दिया, “सीदकियाहू से तुम्हें यह कहना होगा, 4‘याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: यह देखना कि मैं उन शस्त्रों को जो इस समय तुम्हारे हाथों में हैं, जिनसे तुम बाबेल तथा कसदियों के राजा पर प्रहार करने पर हो, जिन्होंने तुम्हारी शहरपनाह के बाहर घेरा डाल रखा है, तुम्हारे ही विरुद्ध अधीन करने पर हूं. अंततः मैं नगर के मध्य में इन शस्त्रों का ढेर लगा दूंगा. 5मैं स्वयं अपने क्रोध, कोप एवं उग्र आक्रोश में विस्तीर्ण शक्तिशाली भुजा के द्वारा तुमसे युद्धरत हो जाऊंगा. 6मैं इस नगर के निवासियों का संहार करूंगा, चाहे वे मनुष्य हों अथवा पशु वे सभी अत्यंत विकट महामारी में नष्ट हो जाएंगे. 7तत्पश्चात, यह याहवेह की वाणी है, मैं यहूदिया के राजा सीदकियाहू को, उसके सेवकों को, उसकी प्रजा को, यहां तक कि, जो इस नगर में महामारी, तलवार तथा अकाल से जीवित बच जाएंगे, उन्हें भी बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र के, उनके शत्रुओं के तथा उनके अधीन कर दूंगा, जो उनके प्राण लेने को तैयार हैं. वह उन्हें अपनी तलवार की धार के प्रहार से वध कर देगा; न तो वह किसी को जीवित छोड़ेगा, न किसी पर कृपा करेगा और न किसी पर सहानुभूति ही प्रदर्शित करेगा.’

8“तुम्हें इन लोगों को यह भी सूचित करना होगा, ‘याहवेह का कहना यह है: यह समझ लो, मैंने तुम्हारे समक्ष जीवन की नीति भी प्रस्तुत कर दी है तथा मृत्यु की नीति भी. 9वह जो इस नगर में निवास कर रहा है उसकी मृत्यु तलवार, अकाल अथवा महामारी से हो जाएगी. किंतु वह जो नगर के बाहर निकलेगा तथा कसदियों के हाथों में जा पड़ेगा जिन्होंने नगर को घेर रखा है; वह जीवित रहेगा, उसका जीवन ही उसकी लूट सामग्री सदृश उपहार प्रमाणित होगा. 10कारण यह है कि मैंने इस नगर पर संकट लाने का निश्चय कर लिया है, कल्याण का नहीं, यह याहवेह की वाणी है. यह नगर बाबेल के राजा को सौंप दिया जाएगा, जो इसे भस्म कर डालेगा.’

11“तत्पश्चात यहूदिया के राजा के परिवार से यह कहना, ‘याहवेह का संदेश सुनो. 12दावीद वंशजों, यह याहवेह का आदेश है:

“ ‘प्रति प्रातःकाल यह ध्यान रखना कि लोगों को निरसहायक न्याय प्राप्‍त हो;

उस व्यक्ति को विमुक्त कर दो

जिसे अत्याचारियों के दमन के कारण लूट लिया गया है,

कि उनके दुष्कर्मों के कारण मेरा कोप अग्नि-सदृश प्रसार करता न जाए,

वह ऐसा प्रज्वलित न हो जाए

कि इसे अलग करना असंभव हो जाए.

13सुनो, घाटी के निवासियो, सुनो,

चट्टानी पठार के निवासियो,

अब मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं, यह याहवेह की वाणी है—

तुम लोग भी सुनो जो इस आश्वासन में संतुष्ट हो, “हम पर कौन आक्रमण कर सकता है?

अथवा कौन हमारे आवास में प्रवेश कर सकता है?”

14किंतु मैं तुम्हारे कार्यों के परिणामों के अनुरूप ही तुम्हें दंड दूंगा,

यह याहवेह की वाणी है.

मैं तुम्हारे वनों में अग्नि प्रज्वलित कर दूंगा

कि इसके सारे मंडल ही नष्ट हो जाएं.’ ”