ሮሜ 2 – NASV & NCA

New Amharic Standard Version

ሮሜ 2:1-29

የእግዚአብሔር ጻድቅ ፍርድ

1ስለዚህ አንተ በሌላው ላይ የምትፈርድ፣ የምታመካኝበት የለህም፤ በሌላው ላይ በምትፈርድበት ነገር ሁሉ፣ ራስህን ትኰንናለህ፤ ፈራጅ የሆንኸው አንተ ያንኑ ታደርጋለህና። 2እንደዚህ በሚያደርጉትም ላይ የእግዚአብሔር ፍርድ ትክክለኛ መሆኑን እናውቃለን። 3እንግዲህ አንተ ሰው በሌሎች ላይ እየፈረድህ ያንኑ የምታደርግ ከሆነ፣ ከእግዚአብሔር ፍርድ የምታመልጥ ይመስልሃል? 4ወይስ የእግዚአብሔር ቸርነት ወደ ንስሓ የሚመራህ መሆኑን ሳትገነዘብ፣ የቸርነቱን፣ የቻይነቱንና የትዕግሥቱን ባለጠግነት ትንቃለህ?

5ነገር ግን በድንዳኔህና ንስሓ በማይገባ ልብህ ምክንያት ትክክለኛ ፍርዱ ሲገለጥ በእግዚአብሔር የቍጣ ቀን በራስህ ላይ ቍጣን ታከማቻለህ። 6እግዚአብሔር “ለእያንዳንዱ እንደ ሥራው ይሰጠዋል”። 7በጎ የሆነውን ጸንቶ በማድረግ ክብርን፣ ሞገስንና ዘላለማዊነትን ለሚሹ የዘላለም ሕይወት ይሰጣቸዋል። 8ነገር ግን በራስ ወዳዶች፣ እውነትን ትተው ክፋትን በሚከተሉ ፍርድና ቍጣ ይደርስባቸዋል። 9ክፉ በሚያደርግ በማንኛውም ሰው፣ አስቀድሞ በአይሁድ ከዚያም በአሕዛብ ላይ መከራና ጭንቀት ይሆናል፤ 10ነገር ግን በጎ ለሚሠራ ለማንኛውም፣ አስቀድሞ ለአይሁድ ከዚያም ለአሕዛብ ክብር፣ ሞገስና ሰላም ይሆንለታል፤ 11እግዚአብሔር ለማንም አያደላምና።

12ሕግ ሳይኖራቸው ኀጢአት የሠሩ ሁሉ ያለ ሕግ ይጠፋሉ፤ ሕግ እያላቸው ኀጢአት የሠሩ በሕግ ይፈረድባቸዋል፤ 13ምክንያቱም በእግዚአብሔር ፊት ጻድቃን የሚባሉት ለሕጉ የሚታዘዙ እንጂ፣ ሕጉን የሚሰሙ አይደሉም። 14ሕግ የሌላቸው አሕዛብ ሕግ የሚያዝዘውን ነገር በተፈጥሮ ሲያደርጉ፣ ሕግ ባይኖራቸውም እነርሱ ለራሳቸው ሕግ ናቸው። 15ኅሊናቸው ስለሚመሰክር፣ ሐሳባቸው ስለሚከስሳቸው፣ ደግሞም ስለሚከላከልላቸው የሕግ ትእዛዝ በልባቸው የተጻፈ መሆኑን ያሳያሉ። 16ይህም በወንጌል እንደማስተምረው እግዚአብሔር በሰው ልብ የተሰወረውን በክርስቶስ በኩል በሚፈርድበት ዕለት ግልጽ ይሆናል።

ሕግና አይሁድ

17አንተ ይሁዲ ነኝ ካልህ፣ በሕግ የምትተማመንና ከእግዚአብሔር ጋር ባለህ ግንኙነት የምትኵራራ፣ 18በሕግ በመመራትህም ፈቃዱን ዐውቀህ ፍጹም የሆነውን ለይተህ ከያዝህ፣ 19ለዕውሮች መሪ፣ በጨለማ ላሉትም ብርሃን መሆንህን ርግጠኛ ከሆንህ፣ 20በሕጉም ካገኘኸው ዕውቀትና እውነት የተነሣ አላዋቂ ለሆኑት መካሪ፣ ለሕፃናት አስተማሪ ከሆንህ፣ 21እንግዲህ አንተ ሌሎችን የምታስተምር፣ ራስህን አታስተምርምን? አትስረቅ ብለህ የምትሰብክ፣ ትሰርቃለህን? 22አንተ ሰዎች ማመንዘር የለባቸውም የምትል፣ ታመነዝራለህን? አንተ ጣዖትን የምትጸየፍ፣ ቤተ መቅደስን ትመዘብራለህን? 23አንተ በሕግ የምትመካ፣ ሕግን በመተላለፍ እግዚአብሔርን ታዋርዳለህን? 24ይህም “በእናንተ ምክንያት የእግዚአብሔር ስም በአሕዛብ ዘንድ ይሰደባል” ተብሎ እንደ ተጻፈው መሆኑ ነው።

25ሕግን የምትፈጽም ከሆነ ግዝረት ዋጋ አለው፤ ሕግን የምትተላለፍ ከሆነ ግን እንዳልተገረዝህ ትሆናለህ። 26ያልተገረዙት ሕጉ የሚያዝዘውን የሚፈጽሙ ከሆነ፣ እንደ ተገረዙ አይቈጠሩምን? 27አንተ የተጻፈ ሕግ፣ ግዝረትም ቢኖርህ፣ ሕግ ተላላፊ በመሆንህ፣ በሥጋ ያልተገረዘው ለሕግ በመታዘዙ ይፈርድብሃል።

28አንድ ሰው ለይምሰል በውጫዊው ብቻ ይሁዲ ልሁን ቢል ይሁዲ አይሆንም፤ እውነተኛ ግዝረትም ውጫዊና ሥጋዊ ሥርዐት አይደለም። 29ዳሩ ግን አንድ ሰው ይሁዲ የሚሆነው በውስጣዊ ማንነቱ ይሁዲ ሆኖ ሲገኝ ነው። ግዝረትም ግዝረት የሚሆነው በተጻፈው ሕግ ሳይሆን፣ በመንፈስ የልብ ግዝረት ሲኖር ነው። እንዲህ ያለው ሰው ምስጋናው ከሰው ሳይሆን ከእግዚአብሔር ዘንድ ነው።

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

रोमीमन 2:1-29

परमेसर के नियाय

1एकरसेति, हे आने ऊपर दोस लगइया मनखे, तेंह चाहे कोनो होवस, तोर करा कोनो बहाना नइं ए। आने ऊपर दोस लगाय के दुवारा, तेंह अपनआप ला दोसी ठहिराथस, काबरकि तेंह आने ऊपर दोस लगाथस अऊ ओहीच गलती तेंह खुदे करथस। 2हमन जानथन कि जऊन मन अइसने काम करथें, ओमन के बिरोध म परमेसर के नियाय ह सच्‍चई के आधार म होथे। 3जब तेंह एक मनखे होके, ओमन के ऊपर दोस लगाथस अऊ ओहीच काम खुदे करथस, त का तेंह परमेसर के नियाय ले बच जाबे? 4का तेंह परमेसर के दया, सहनसीलता अऊ धीरज ला तुछ समझथस? का तेंह ए नइं जानस कि परमेसर के दया ह तोला पछताप करे बर सिखोथे?

5पर तेंह ढीठ अऊ कठोर हो गे हवस अऊ एकर कारन ले परमेसर के कोरोध के दिन बर, जब ओकर सही नियाय ह परगट होही, तेंह अपन बिरोध म कोरोध बटोरत हवस। 6परमेसर ह हर एक मनखे ला ओकर काम के मुताबिक फर दिही। 7जऊन मन धीरज धरके बने काम करथें अऊ महिमा, आदर अऊ अमरता के खोज म रहिथें, ओमन ला ओह सदाकाल के जिनगी दिही। 8पर जऊन मन सुवारथी अंय अऊ सच्‍चई ला नइं मानंय, पर बुरई के पाछू चलथें, ओमन ऊपर परमेसर के कोप अऊ कोरोध ह भड़कही। 9हर एक मनखे जऊन ह खराप काम करथे, ओकर ऊपर दुःख अऊ बिपत्ती आही: पहिली यहूदी तब फेर आनजात ऊपर। 10पर जऊन ह भलई करथे, ओला महिमा, आदर अऊ सांति मिलही: पहिली यहूदी ला, तब फेर आनजात ला। 11काबरकि परमेसर ह काकरो पखियपात नइं करय।

12ओ जम्मो झन जऊन मन मूसा के कानून ला बिगर जाने पाप करिन, ओमन बिगर कानून के नास होहीं, अऊ ओ जम्मो झन जऊन मन मूसा के कानून ला जानके पाप करिन, ओमन के नियाय, कानून के मुताबिक होही2:12 “नास होहीं” के मतलब अय – ओमन परमेसर के दुवारा सदाकाल बर दंड पाहीं।13काबरकि परमेसर के आघू म, मूसा के कानून के सुनइयामन धरमी नइं ठहिरंय, पर मूसा के कानून म चल‍इयामन धरमी ठहिराय जाहीं। 14आनजातमन, जेमन करा मूसा के कानून नइं ए, जब ओमन सुभाव ले मूसा के कानून के मुताबिक चलथें, त ओमन करा कानून नइं होवत घलो, ओमन खुदे अपन बर एक कानून अंय। 15ओमन मूसा के कानून ला अपन चाल-चलन के दुवारा परगट करथें; ओमन के बिवेक ह घलो गवाही देथे, अऊ ओमन के सोच-बिचार ह कभू ओमन ला दोसी ठहिराथे, त कभू ओमन के बचाव करथे। 16मोर सुघर संदेस के मुताबिक ए बात ह ओ दिन परगट होही, जब परमेसर ह मनखेमन के गुपत बात के नियाय यीसू मसीह के जरिये करही।

यहूदी अऊ मूसा के कानून

17यदि तेंह अपन-आप ला यहूदी कहिथस अऊ मूसा के कानून ऊपर भरोसा रखथस अऊ तेंह परमेसर के बारे म घमंड करथस, 18यदि तेंह परमेसर के ईछा ला जानथस अऊ सही बात के पहिचान रखथस, काबरकि तोला मूसा के कानून के सिकछा मिले हवय; 19यदि तोला भरोसा हवय कि तेंह अंधरामन बर डहार दिखइया, अंधियार म परे मनखेमन बर अंजोर, 20मुरुखमन के सिखोइया अऊ लइकामन के गुरू अस, काबरकि तोला मूसा के कानून के पूरा गियान अऊ सत मिले हवय – 21तब, जब तेंह आने मन ला सिखोथस, त का अपन-आप ला नइं सीखोवस? तेंह उपदेस देथस कि चोरी झन करव, त का तेंह खुदे चोरी करथस? 22तेंह कहिथस कि छिनारी झन करव अऊ का तेंह खुदे छिनारी करथस? तेंह मूरतीमन ले घिन करथस अऊ का तेंह खुदे मंदिरमन ला लूटथस? 23तेंह मूसा के कानून के बारे म घमंड करथस अऊ का तेंहीच ह कानून ला टोरके परमेसर के अनादर करथस? 24जइसने परमेसर के बचन म लिखे हवय: “तुम्‍हर कारन आनजात म परमेसर के निन्दा होवत हवय।”2:24 यसायाह 52:5

25यदि तेंह मूसा के कानून के पालन करथस, त तोर खतना के मतलब हवय, पर यदि तेंह कानून के पालन नइं करस, त तोर खतना ह बिगर खतना के सहीं हो जाथे। 26ओ मनखे जऊन मन खतना नइं करवाय हवंय, यदि ओमन कानून के मुताबिक चलथें, त का ओमन खतना करवाय मनखे सहीं नइं माने जाहीं? 27तब जऊन मन सारीरिक रूप ले खतना नइं करवाय हवंय, ओमन तुमन ला दोसी ठहराहीं, काबरकि ओमन कानून ला मानथें, पर तुमन कानून ला नइं मानव, हालाकि तुम्‍हर करा लिखित कानून हवय अऊ तुमन खतना करवाय हवव।

28ओ मनखे ह सही यहूदी नो हय, जऊन ह सिरिप बाहिरी रूप ले यहूदी अय, अऊ ओ खतना ह सही खतना नो हय जऊन ह सिरिप बाहिरी अऊ सारीरिक अय। 29पर सही यहूदी ओ मनखे अय, जऊन ह भीतरी रूप ले यहूदी अय अऊ सही खतना ओह अय, जऊन ह हिरदय म पबितर आतमा के दुवारा होथे, सरीर म नइं होवय। अइसने मनखे के बड़ई मनखेमन के दुवारा नइं, पर परमेसर के दुवारा होथे।