ራእይ 2 – NASV & NCA

New Amharic Standard Version

ራእይ 2:1-29

በኤፌሶን ላለው ቤተ ክርስቲያን

1“በኤፌሶን ላለው ቤተ ክርስቲያን መልአክ2፥1 ወይም መልእክተኛ፤ እንዲሁም 8፣ 12 እና 18 እንዲህ ብለህ ጻፍ፤

ሰባቱን ከዋክብት በቀኝ እጁ የያዘው፣ በሰባቱም የወርቅ መቅረዞች መካከል የሚመላለሰው እንዲህ ይላል፤

2ሥራህን፣ ጥረትህንና ትዕግሥትህን ዐውቃለሁ። ክፉዎችንም ችላ ብለህ እንዳላለፍሃቸው፣ ሐዋርያት ሳይሆኑ ሐዋርያት ነን የሚሉትንም መርምረህ ሐሰተኞች ሆነው እንዳገኘሃቸው ዐውቃለሁ። 3ደግሞም በትዕግሥት መጽናትህንና ስለ ስሜም መከራ መቀበልህን ዐውቃለሁ፤ በዚህ ሁሉ አልታከትህም።

4ይሁን እንጂ የምነቅፍብህ ነገር አለኝ፤ ይኸውም የቀድሞውን ፍቅርህን ትተሃል። 5እንግዲህ ከየት እንደ ወደቅህ ዐስብ፤ ንስሓ ገብተህ ቀድሞ ታደርገው የነበረውን ነገር አድርግ፤ ንስሓ ካልገባህ፣ መጥቼ መቅረዝህን ከቦታው እወስድብሃለሁ። 6ነገር ግን ይህ በጎ ነገር አለህ፤ እኔ የምጠላውን የኒቆላውያንን ሥራ አንተም ጠልተሃል።

7መንፈስ ለአብያተ ክርስቲያናት የሚናገረውን፣ ጆሮ ያለው ይስማ፤ ድል ለሚነሣ በእግዚአብሔር ገነት ካለው ከሕይወት ዛፍ እንዲበላ አደርገዋለሁ።

በሰምርኔስ ላለው ቤተ ክርስቲያን

8“በሰምርኔስ ላለው ቤተ ክርስቲያን መልአክ እንዲህ ብለህ ጻፍ፤

የመጀመሪያውና የመጨረሻው፣ ሞቶም የነበረውና ሕያው የሆነው እንዲህ ይላል፤

9መከራህንና ድኽነትህን ዐውቃለሁ፤ ይሁን እንጂ ሀብታም ነህ፤ አይሁድ ሳይሆኑ አይሁድ ነን እያሉ ስምህን የሚያጠፉትን ዐውቃለሁ፤ እነርሱ ግን የሰይጣን ማኅበር ናቸው። 10ሊደርስብህ ያለውን መከራ አትፍራ። እነሆ፤ ዲያብሎስ ሊፈትናችሁ አንዳንዶቻችሁን ወደ እስር ቤት ይጥላል፤ ዐሥር ቀንም መከራ ትቀበላላችሁ። እስከ ሞት ድረስ ታማኝ ሁን፤ እኔም የሕይወትን አክሊል እሰጥሃለሁ።

11መንፈስ ለአብያተ ክርስቲያናት የሚናገረውን ጆሮ ያለው ይስማ፤ ድል የሚነሣም በሁለተኛው ሞት ከቶ አይጐዳም።

በጴርጋሞን ላለው ቤተ ክርስቲያን

12“በጴርጋሞን ላለው ቤተ ክርስቲያን መልአክ እንዲህ ብለህ ጻፍ፤

በሁለት በኩል የተሳለ ስለታም ሰይፍ ያለው እንዲህ ይላል፤

13የሰይጣን ዙፋን ባለበት እንደምትኖር ዐውቃለሁ፤ ሆኖም ስሜን አጥብቀህ ይዘሃል። ሰይጣን በሚኖርበት በእናንተ ከተማ የተገደለው ታማኙ ምስክሬ አንቲጳስ በነበረበት ዘመን እንኳ በእኔ ያለህን እምነት አልካድህም።

14ይሁን እንጂ የምነቅፍብህ ጥቂት ነገር አለኝ፤ የእስራኤል ልጆች ለጣዖት የተሠዋ ምግብ እንዲበሉና እንዲሴስኑ በፊታቸው መሰናከያ ያስቀምጥ ዘንድ ባላቅን ያስተማረውን የበለዓምን ትምህርት የሚከተሉ አንዳንድ ሰዎች በመካከልህ አሉ፤ 15የኒቆላውያንን ትምህርት የሚከተሉ ሰዎችም በአንተ ዘንድ አሉ። 16ስለዚህ ንስሓ ግባ፤ አለዚያ ቶሎ እመጣብሃለሁ፤ በአፌም ሰይፍ እዋጋቸዋለሁ።

17መንፈስ ለአብያተ ክርስቲያናት የሚናገረውን ጆሮ ያለው ይስማ። ድል ለሚነሣ ከተሰወረው መና እሰጠዋለሁ፤ ደግሞም ከሚቀበለው ሰው በስተቀር ማንም የማያውቀው አዲስ ስም የተጻፈበትን ነጭ ድንጋይ እሰጠዋለሁ።

በትያጥሮን ላለው ቤተ ክርስቲያን

18“በትያጥሮን ላለው ቤተ ክርስቲያን መልአክ እንዲህ ብለህ ጻፍ፤

እንደ እሳት ነበልባል የሆኑ ዐይኖችና በእሳት ቀልጦ የነጠረ ናስ የሚመስሉ እግሮች ያሉት የእግዚአብሔር ልጅ እንዲህ ይላል፤

19ሥራህን፣ ፍቅርህን፣ እምነትህን፣ አገልግሎትህንና ትዕግሥትህን ዐውቃለሁ፤ ደግሞም ከመጀመሪያው ሥራህ ይልቅ የአሁኑ እንደሚበልጥ ዐውቃለሁ።

20ይሁን እንጂ የምነቅፍብህ ነገር አለኝ፤ ነቢይ ነኝ የምትለዋን ሴት ኤልዛቤልን ችላ ብለሃታል፤ እርሷ አገልጋዮቼ እንዲሴስኑና ለጣዖት የተሠዋ ምግብ እንዲበሉ በትምህርቷ ታስታቸዋለች። 21ከዝሙቷ ንስሓ እንድትገባ ጊዜ ሰጥቻት ነበር፤ እርሷ ግን ፈቃደኛ አልሆነችም። 22ስለዚህ በመከራ ዐልጋ ላይ እጥላታለሁ፤ ከእርሷም ጋር የሚያመነዝሩትን፣ ከመንገዷ ንስሓ ካልገቡ፣ ብርቱ ሥቃይ አመጣባቸዋለሁ፤ 23ልጆቿንም በሞት እቀጣቸዋለሁ። ከዚያም አብያተ ክርስቲያናት ሁሉ እኔ ልብንና ሐሳብን የምመረምር መሆኔን ይረዳሉ፤ ለእያንዳንዳችሁም እንደ ሥራችሁ እከፍላችኋለሁ።

24ትምህርቷን ላልተከተላችሁና የሰይጣንም ጥልቅ ምስጢር ነው የሚባለውን ላልተቀበላችሁ፣ በትያጥሮን ለቀራችሁት ለእናንተ ግን ይህን እላለሁ፤ በእናንተ ላይ ተጨማሪ ሸክም አልጭንባችሁም፤ 25ብቻ እኔ እስክመጣ ድረስ ያላችሁን አጥብቃችሁ ያዙ።

26ድል ለሚነሣና ሥራዬንም እስከ መጨረሻው ለሚፈጽም በአሕዛብ ላይ ሥልጣን እሰጠዋለሁ፤ እርሱም፦ 27‘በብረት በትር ይገዛቸዋል፤ እንደ ሸክላ ዕቃም ይፈጫቸዋል፤’ ይህም ልክ እኔ ከአባቴ ዘንድ ሥልጣንን እንደ ተቀበልሁ ነው፤ 28እኔም የንጋትን ኮከብ እሰጠዋለሁ። 29መንፈስ ለአብያተ ክርስቲያናት የሚናገረውን ጆሮ ያለው ይስማ።

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

दरसन 2:1-29

इफिसुस के कलीसिया ला संदेस

1“इफिसुस के कलीसिया के दूत ला ए लिख:

जऊन ह जेवनी हांथ म सात ठन तारा धरे हवय अऊ सोन के सात ठन दीवट के बीच म चलते-फिरथे, ओकर ए बचन अय: 2मेंह तुम्‍हर काम, तुम्‍हर कठोर मिहनत अऊ तुम्‍हर धीरज ला जानत हंव। मेंह जानत हंव कि तुमन दुस्‍ट मनखेमन ला सहे नइं सकव। जऊन मन अपन-आप ला प्रेरित कहिथें, पर हवंय नइं, तुमन ओमन ला परखे हवव अऊ ओमन ला लबरा पाय हवव। 3तुमन धीरज धरे हवव; मोर खातिर तुमन दुःख सहे हवव अऊ हिम्मत नइं हारे हवव।

4तभो ले मेंह तुम्‍हर बिरोध म, ए कहत हंव: तुमन अब मोला वइसने मया नइं करव, जइसने पहिली करत रहेव। 5सोचव कि तुमन कतेक गिर गे हवव। पछताप करव अऊ ओ काम करव, जऊन ला तुमन पहिली करत रहेव। यदि तुमन पछताप नइं करहू, त मेंह तुम्‍हर करा आके तुम्‍हर दीवट ला ओकर जगह ले टार दूहूं। 6पर तुमन म एक बने बात ए हवय कि मोर सहीं, तुमन घलो नीकुलईमन के काम ले घिन करथव2:6 नीकुलईमन ए कहंय कि मनखे के जीव अऊ जिनगी ला कोनो नुकसान नइं होवय, यदि ओह कोनो घलो कुकरम करथे तभो ले।

7जेकर कान हवय, ओह सुन ले कि पबितर आतमा ह कलीसियामन ला का कहिथे। जऊन ह बिजयी होही, ओला मेंह जिनगी के रूख के फर खाय बर अधिकार दूहूं, जऊन ह परमेसर के स्‍वरग-लोक के बगीचा म हवय।”

स्‍मुरना के कलीसिया ला संदेस

8“स्‍मुरना के कलीसिया के दूत ला ए लिख:

जऊन ह पहिली अऊ आखिरी ए, जऊन ह मर गे रिहिस अऊ फेर जी उठिस, ओकर ए बचन अय: 9मेंह तुम्‍हर दुःख-तकलीफ अऊ तुम्‍हर गरीबी ला जानथंव – तभो ले तुमन धनवान अव! मेंह जानथंव कि ओमन तुम्‍हर बदनामी करथें, जऊन मन अपन-आप ला यहूदी कहिथें, पर हवंय नइं। ओमन सैतान के सभा-घर अंय। 10तुम्‍हर ऊपर जऊन दुःख-तकलीफ अवइया हवय, ओकर ले झन डर्रावव। मेंह तुमन ला बतावत हंव, सैतान ह तुमन ला परखे बर, तुमन ले कतको झन ला जेल म डारही, अऊ तुमन दस दिन तक दुःख भोगहू। मरते दम तक मोर बिसवासी रहव अऊ मेंह तुमन ला जिनगी के मुकुट दूहूं। 11जेकर कान हवय, ओह सुन ले कि पबितर आतमा ह कलीसियामन ला का कहिथे। जऊन ह बिजयी होही, ओला दूसरा मिरतू ले कोनो नुकसान नइं होवय2:11 “दूसर मिरतू” के मतलब आगी के झील म सदाकाल के दंड अय। देखव 20:6, 14-15 अऊ 21:8।”

पिरगमुन के कलीसिया ला संदेस

12“पिरगमुन के कलीसिया के दूत ला ए लिख:

जेकर करा तेज दूधारी तलवार हवय, ओकर ए बचन अय: 13मेंह जानथंव कि तेंह कहां रहिथस; तेंह उहां रहिथस, जिहां सैतान के सिंघासन हवय! तभो ले तेंह मोर ऊपर अपन बिसवास म स्थिर हवस। तेंह ओ दिन म घलो मोर ऊपर अपन बिसवास ला नइं तियागे, जब मोर बिसवास लइक गवाह अन्‍तिपास ह तुम्‍हर सहर म मारे गीस – जिहां सैतान रहिथे।

14तभो ले, मोर करा तुम्‍हर बिरोध म कहे बर कुछू हवय: तुम्‍हर बीच म कुछू मनखेमन हवंय, जऊन मन बिलाम के सिकछा ला मानथें। बिलाम ह बालाक ला सिखोय रिहिस कि ओह इसरायलीमन ला ठोकर के रसता म ले जावय, ताकि ओमन मूरती ऊपर चघाय चीज ला खावंय अऊ छिनारी करंय। 15तुम्‍हर बीच म कुछू अइसने मनखेमन घलो हवंय, जऊन मन नीकुलईमन के सिकछा ला मानथें। 16एकरसेति, पछताप करव; नइं त मेंह तुम्‍हर करा जल्दी आहूं अऊ अपन मुहूं के तलवार ले ओमन के बिरोध म लड़हूं।

17जेकर कान हवय, ओह सुन ले कि पबितर आतमा ह कलीसियामन ला का कहिथे। जऊन ह बिजयी होही, ओला मेंह लुकाय मन्ना म ले कुछू दूहूं। मेंह ओला एक ठन सफेद पथरा घलो दूहूं, जऊन म एक नवां नांव लिखाय होही, जेला सिरिप ओहीच जानही, जऊन ह ओला पाही।”

थुआतीरा के कलीसिया ला संदेस

18“थुआतीरा के कलीसिया के दूत ला एक लिख:

एह परमेसर के बेटा के बचन ए, जेकर आंखी ह धधकत आगी सहीं हवय अऊ जेकर गोड़मन पालीस करे पीतल सहीं चमकत हवंय। 19मेंह तुम्‍हर काम, तुम्‍हर मया, तुम्‍हर बिसवास, तुम्‍हर सेवा अऊ तुम्‍हर धीरज ला जानत हंव। मेंह ए घलो जानत हंव कि तुम्‍हर अभी के काम ह पहिली के काम ले बढ़ के हवय।

20तभो ले मोला तुम्‍हर बिरोध म ए कहना हवय: तुमन ओ माईलोगन – इजेबेल ला कुछू नइं कहव, जऊन ह अपन-आप ला अगमजानी कहिथे अऊ अपन सिकछा के दुवारा मोर सेवकमन ला छिनारी करे बर अऊ मूरती ऊपर चघाय चीजमन ला खाय बर बहकाथे। 21मेंह ओला अपन पाप ले पछताप करे के मऊका देय हवंव, पर ओह पछताप नइं करे चाहथे। 22एकरसेति, मेंह ओला तकलीफ म डालहूं अऊ जऊन मन ओकर संग छिनारी करथें, कहूं ओमन अपन पाप ला छोंड़के पछताप नइं करहीं, त मेंह ओमन ऊपर घोर दुःख-तकलीफ डालहूं। 23मेंह ओ माईलोगन के लइकामन ला मार डालहूं। तब जम्मो कलीसियामन जान लिहीं कि मेंह ओ अंव, जऊन ह मनखे के हिरदय अऊ मन ला जांचथे, अऊ मेंह तुमन ले हर एक ला तुम्‍हर काम के मुताबिक परतिफल दूहूं।

24अब थुआतीरा के ओ बांचे मनखेमन, जऊन मन ओ माईलोगन के सिकछा ला नइं मानव अऊ ओ बात ला नइं सिखेव, जऊन ला कुछू मनखेमन सैतान के गहिरा भेद कहिथें, मेंह तुमन ला कहत हंव कि मेंह तुम्‍हर ऊपर अऊ कोनो आने बोझ नइं डालंव। 25पर जऊन सिकछा तुम्‍हर करा हवय, मोर आवत तक सिरिप ओहीच म चलव।

26जऊन ह बिजयी होही, अऊ मोर ईछा मुताबिक आखिरी तक चलते रहिही, मेंह ओला जम्मो जाति के मनखे ऊपर अधिकार दूहूं। 27‘ओह ओमन ऊपर लोहा के राजदंड ले राज करही, अऊ ओह ओमन ला माटी के बरतन सहीं टोर-फोर दिही’2:27 भजन-संहिता 2:9 – जइसने कि मोर ददा ह ओमन ऊपर राज करे बर मोला अधिकार दे हवय। 28मेंह ओला बिहनियां के तारा घलो दूहूं। 29जेकर कान हवय, ओह सुन ले कि पबितर आतमा ह कलीसियामन ला का कहिथे।”