ራእይ 1 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ራእይ 1:1-20

1ቶሎ መሆን የሚገባውን ነገር ለአገልጋዮቹ እንዲያሳይ፣ እግዚአብሔር ለእርሱ የሰጠው የኢየሱስ ክርስቶስ ራእይ ይህ ነው፤ ኢየሱስም መልአኩን ልኮ ለአገልጋዩ ለዮሐንስ ገለጠለት፤ 2እርሱም ስለ እግዚአብሔር ቃልና ስለ ኢየሱስ ክርስቶስ ምስክርነት ያየውን ሁሉ መሰከረ። 3ዘመኑ ቀርቧል፤ እንግዲህ ይህን የትንቢት ቃል የሚያነብብ ብፁዕ ነው፤ የሚሰሙትና የተጻፈውንም የሚጠብቁ ብፁዓን ናቸው።

ሰላምታና ውዳሴ

4ከዮሐንስ፤

በእስያ አውራጃ ለሚገኙ ለሰባቱ አብያተ ክርስቲያናት፤

ካለው፣ ከነበረውና ከሚመጣው፣ በዙፋኑም ፊት ካሉት ከሰባቱ መናፍስት፣1፥4 ወይም ሰባት ዕጥፍ መንፈስ 5እንዲሁም ታማኝ ምስክር፣ ከሙታን በኵርና የምድር ነገሥታት ገዥ ከሆነው ከኢየሱስ ክርስቶስም ጸጋና ሰላም ለእናንተ ይሁን።

ለወደደንና ከኀጢአታችንም በደሙ ነጻ ላወጣን፣ 6አምላኩንና አባቱን እንድናገለግልም መንግሥትና ካህናት ላደረገን፣ ለእርሱ ክብርና ኀይል ከዘላለም እስከ ዘላለም ይሁን! አሜን።

7እነሆ፤ በደመና ይመጣል፤

የወጉት እንኳ ሳይቀሩ፣

ዐይን ሁሉ ያየዋል፤

የምድርም ሕዝቦች ሁሉ ከእርሱ የተነሣ ዋይ ዋይ ይላሉ።

አዎ! ይህ ሁሉ ይሆናል፤ አሜን።

8“ያለውና የነበረው፣ የሚመጣውም፣ ሁሉን ቻይ ጌታ አምላክ፣ አልፋና ዖሜጋ እኔ ነኝ” ይላል።

የሰውን ልጅ የሚመስለው

9እኔ ወንድማችሁ ዮሐንስ፣ ከእናንተ ጋር አብሬ በኢየሱስ መከራውንና መንግሥቱን፣ ትዕግሥቱንም ተካፋይ የሆንሁ፣ ስለ እግዚአብሔር ቃልና ስለ ኢየሱስ ምስክርነት ፍጥሞ በምትባል ደሴት ነበርሁ። 10በጌታ ቀን በመንፈስ ነበርሁ፤ የመለከትን ድምፅ የሚመስል ታላቅ ድምፅ ከበስተ ኋላዬ ሰማሁ፤ 11ድምፁም፣ “የምታየውን በጥቅልል መጽሐፍ ጽፈህ በኤፌሶን፣ በሰምርኔስ፣ በጴርጋሞን፣ በትያጥሮን፣ በሰርዴስ፣ በፊላድልፍያና በሎዶቅያ ወደሚገኙት ወደ ሰባቱ የእስያ አብያተ ክርስቲያናት ላክ” አለ።

12እኔም የሚናገረኝን ድምፅ ለማየት ዞር አልሁ፤ ዞር ባልሁም ጊዜ ሰባት የወርቅ መቅረዞችን አየሁ፤ 13በመቅረዞቹም መካከል “የሰው ልጅ የሚመስል” አየሁ፤ እርሱም እስከ እግሩ የሚደርስ መጐናጸፊያ የለበሰ፣ ደረቱንም በወርቅ መታጠቂያ የታጠቀ ነበር። 14ራሱና ጠጕሩም እንደ ነጭ የበግ ጠጕር፣ እንደ በረዶም ነጭ ነበሩ፤ ዐይኖቹም የእሳት ነበልባል ይመስሉ ነበር። 15እግሮቹ በእቶን እሳት የጋለ ናስ ይመስሉ ነበር፤ ድምፁም እንደ ብዙ ወራጅ ውሃ ድምፅ ነበረ። 16በቀኝ እጁ ሰባት ከዋክብት ይዞ ነበር፤ ከአፉም በሁለት በኩል የተሳለ ሰይፍ ይወጣ ነበር፤ ፊቱም በሙሉ ድምቀቱ እንደሚያበራ ፀሓይ ነበረ።

17ባየሁት ጊዜ እንደ ሞተ ሰው ሆኜ በእግሩ ሥር ወደቅሁ። እርሱም ቀኝ እጁን በላዬ ጭኖ እንዲህ አለኝ፤ “አትፍራ፤ የመጀመሪያውም የመጨረሻውም እኔ ነኝ፤ 18እኔ ሕያው ነኝ፤ ሞቼ ነበር፤ እነሆ፤ አሁን ከዘላለም እስከ ዘላለም ድረስ ሕያው ነኝ፤ የሞትና የሲኦል መክፈቻም በእጄ ነው።

19“ስለዚህ ያየኸውን፣ አሁን ያለውንና በኋላም የሚሆነውን ጻፍ። 20በቀኝ እጄ ያየሃቸው የሰባቱ ከዋክብትና የሰባቱ የወርቅ መቅረዞች ምስጢር ይህ ነው፤ ሰባቱ ከዋክብት የሰባቱ አብያተ ክርስቲያናት መላእክት1፥20 ወይም መልእክተኞች ናቸው፤ ሰባቱ መቅረዞች ደግሞ ሰባቱ አብያተ ክርስቲያናት ናቸው።

Hindi Contemporary Version

प्रकाशन 1:1-20

प्रस्तावना

1मसीह येशु का प्रकाशन, जिसे परमेश्वर ने उन पर इसलिये प्रकट किया कि वह अपने दासों पर उन घटनाओं का प्रकाशन करें जिनका जल्द ही घटित होना तय है. इसे परमेश्वर ने अपने स्वर्गदूत के माध्यम से अपने दास योहन को पहुंचाया. 2योहन प्रमाणित करते हैं कि वह सब, जो उन्होंने देखा है, परमेश्वर की ओर से दिया गया संदेश तथा मसीह येशु के साक्षी है. 3धन्य है वह, जो इस भविष्यवाणी को पढ़ता है तथा वे सब, जो इस भविष्यवाणी को सुनते हैं तथा इसमें लिखी हुई बातों का पालन करते हैं क्योंकि इसके पूरा होने का समय निकट है.

संबोधन, नमस्कार तथा स्तुति

4योहन की ओर से,

उन सात कलीसियाओं को, जो आसिया प्रदेश में हैं,

तुम्हें उनकी ओर से अनुग्रह और शांति मिले, जो हैं, जो सर्वदा थे और जो आनेवाले हैं और सात आत्माओं की ओर से, जो उनके सिंहासन के सामने हैं, 5तथा मसीह येशु की ओर से, जो विश्वासयोग्य गवाह, मरे हुओं से जी उठनेवालों में पहलौठे तथा पृथ्वी के राजाओं के हाकिम हैं.

जो हमसे प्रेम करते हैं तथा जिन्होंने अपने लहू द्वारा हमें हमारे पापों से छुड़ाया 6और हमें अपनी प्रजा, अपने परमेश्वर और पिता के सामने पुरोहित होने के लिए चुना, गौरव तथा अधिकार सदा-सर्वदा होती रहे, आमेन!

7“याद रहे, वह बादलों में आ रहे हैं.

हर एक आंख उन्हें देखेगी—जिन्हें उन्होंने बेधा है.”1:7 दानि 7:13; ज़कर 12:10

पृथ्वी के सभी मनुष्य “उनके लिए विलाप करेंगे.”

सच यही है! आमेन.

8“सर्वशक्तिमान, जो है, जो हमेशा से था तथा जो आनेवाला है,” प्रभु परमेश्वर का वचन है, “अल्फ़ा और ओमेगा मैं ही हूं.”

ईश्वरीय दर्शन का प्रारंभ

9मैं योहन, मसीह में तुम्हारा भाई तथा मसीह येशु के लिए दुःख सहने, परमेश्वर के राज्य की नागरिकता तथा लगातार कोशिश करने में तुम्हारा सहभागी हूं, परमेश्वर के संदेश के प्रचार के कारण मसीह येशु के गवाह के रूप में मैं पतमॉस नामक द्वीप में भेज दिया गया था. 10प्रभु के दिन आत्मा में ध्यानमग्न की अवस्था में मुझे अपने पीछे तुरही के ऊंचे शब्द के समान यह कहता सुनाई दिया, 11“जो कुछ तुम देख रहे हो, उसे लिखकर इन सात कलीसियाओं को भेज दो: इफ़ेसॉस, स्मुरना, पेरगामॉस, थुआतेइरा, सारदेइस, फ़िलादेलफ़िया और लाओदीकेइया.”

12यह देखने के लिए कि कौन मुझसे बातें कर रहा है, मैं पीछे मुड़ा. पीछे मुड़ने पर मुझे सात सोने के दीवट दिखाई दिए 13और मैंने दीपदानों के बीच “मनुष्य के पुत्र,” के समान एक पुरुष को पैरों तक लंबा वस्त्र तथा छाती पर सोने का पटुका बांधे हुए देखा. 14उनका सिर और बाल ऊन के समान सफ़ेद हिम जैसे उजले, आंख आग की ज्वाला से, 15पैर भट्टी में तपा कर चमकाए हुए कांसे की तरह तथा उनका शब्द प्रचंड लहरों की गर्जन-सा था. 16वह अपने दाएं हाथ में सात तारे लिए हुए थे. उनके मुंह से तेज दोधारी तलवार निकली हुई थी. उनका चेहरा दोपहर के सूर्य जैसे चमक रहा था.

17उन्हें देख मैं उनके चरणों पर मरा हुआ सा गिर पड़ा. उन्होंने अपना दायां हाथ मुझ पर रखकर कहा: “डरो मत. पहला और अंतिम मैं ही हूं. 18और जीवित मैं ही हूं; मैं मृत था किंतु देखो, अब मैं हमेशा के लिए जीवित हूं. मृत्यु और अधोलोक की कुंजियां मेरे अधिकार में हैं.

19“इसलिये तुमने जो देखा है, जो इस समय घट रहा है और जो इसके बाद घटने पर है, उसे लिख लेना. 20इन सात तारों का, जो तुम मेरे दाएं हाथ में देख रहे हो तथा सात सोने के दीवटों का गहरा अर्थ यह है: ये सात तारे सात कलीसियाओं को भेजे हुए दूत तथा सात दीपदान सात कलीसियाएं हैं.