ማቴዎስ 28 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ማቴዎስ 28:1-20

የኢየሱስ ከሙታን መነሣት

28፥1-8 ተጓ ምብ – ማር 16፥1-8ሉቃ 24፥1-10

1ሰንበት ካለፈ በኋላ፣ በሳምንቱ መጀመሪያ ቀን ጎሕ ሲቀድድ፣ ማርያም መግደላዊትና ሌላዋ ማርያም መቃብሩን ሊያዩ ሄዱ።

2በድንገት ታላቅ የምድር መናወጥ ሆነ፤ የጌታም መልአክ ከሰማይ ወርዶ ወደ መቃብሩ በመሄድ ድንጋዩን አንከባልሎ በላዩ ላይ ተቀመጠበት፤ 3መልኩ እንደ መብረቅ ብሩህ፣ ልብሱም እንደ በረዶ ነጭ ነበር። 4ጠባቂዎቹ መልአኩን ከመፍራት የተነሣ ተንቀጠቀጡ፤ እንደ በድንም ሆኑ።

5መልአኩም ሴቶቹን እንዲህ አላቸው፤ “አትፍሩ፤ የተሰቀለውን ኢየሱስን እንደምትፈልጉ ዐውቃለሁና፤ 6እርሱ በዚህ የለም፤ እንደ ተናገረው ተነሥቷል፤ ኑና ተኝቶበት የነበረውን ቦታ እዩ። 7አሁንም ፈጥናችሁ ሂዱና ለደቀ መዛሙርቱ፣ ‘ከሙታን ተነሥቷል፤ ቀድሟችሁ ወደ ገሊላ ይሄዳል፤ በዚያ ታዩታላችሁ’ ብላችሁ ንገሯቸው። እንግዲህ ነግሬአችኋለሁ!”

8ሴቶቹም በፍርሀትና በደስታ ተሞልተው ለደቀ መዛሙርቱ ለመንገር በፍጥነት እየሮጡ የመቃብሩን ስፍራ ትተው ሄዱ። 9ወዲያው ኢየሱስ አገኛቸውና፣ “ሰላም ለእናንተ ይሁን!” አላቸው። እነርሱም ወደ ኢየሱስ ቀርበው እግሩን ይዘው ሰገዱለት። 10ኢየሱስም፣ “አትፍሩ፤ ሂዱና ወደ ገሊላ እንዲሄዱ ለወንድሞቼ ንገሯቸው፤ በዚያ ያዩኛል” አላቸው።

የጠባቂዎች ምስክርነት

11ሴቶቹ በመንገድ ላይ ሳሉ፣ ከጠባቂዎቹ ጥቂቶቹ ወደ ከተማ በመሄድ የሆነውን ሁሉ ለካህናት አለቆች አወሩላቸው። 12የካህናት አለቆችም ከሽማግሌዎች ጋር ተሰብስበው ተማከሩ፤ ለወታደሮቹ በቂ ገንዘብ በመስጠት 13እንዲህ አሏቸው፤ “ ‘ተኝተን ሳለን ደቀ መዛሙርቱ በሌሊት መጥተው ሰረቁት’ በሉ፤ 14ይህ ወሬ በገዥው ዘንድ ቢሰማ እንኳ፣ እኛ እናስረዳዋለን፤ ምንም ክፉ ነገር እንዳይደርስባችሁ እናደርጋለን።” 15ወታደሮቹም ገንዘቡን ተቀብለው እንደ ታዘዙት አደረጉ። ይህም ታሪክ እስከ ዛሬ ድረስ በአይሁዶች ዘንድ በሰፊው እንደ ተሠራጨ ነው።

ታላቁ ተልእኮ

16ከዚያም ዐሥራ አንዱ ደቀ መዛሙርት በገሊላ ወዳለው ኢየሱስ ወዳመለከታቸው ተራራ ሄዱ። 17ባዩትም ጊዜ ሰገዱለት፤ ጥቂቶች ግን ተጠራጠሩ። 18ኢየሱስም ደቀ መዛሙርቱ ወዳሉበት ቀርቦ እንዲህ አላቸው፤ “ሥልጣን ሁሉ በሰማይና በምድር ተሰጥቶኛል፤ 19ስለዚህ ሂዱና ሕዝቦችን ሁሉ በአብ፣ በወልድና በመንፈስ ቅዱስ ስም እያጠመቃችኋቸው ደቀ መዛሙርት አድርጓቸው፤ 20ያዘዝኋችሁንም ሁሉ እንዲጠብቁ አስተምሯቸው፤ እኔም እስከ ዓለም ፍጻሜ ድረስ ሁልጊዜ ከእናንተ ጋር ነኝ።”

Hindi Contemporary Version

मत्तियाह 28:1-20

येशु का पुनरुत्थान

1शब्बाथ के बाद, सप्‍ताह के पहले दिन, जब भोर हो ही रही थी, मगदालावासी मरियम तथा वह अन्य मरियम, येशु की कंदरा-क़ब्र पर आईं.

2उसी समय एक बड़ा भूकंप आया क्योंकि प्रभु का एक दूत स्वर्ग से प्रकट हुआ था. उसने कब्र के प्रवेश से पत्थर लुढ़काया और उस पर बैठ गया. 3उसका रूप बिजली-सा तथा उसके कपड़े बर्फ के समान सफ़ेद थे. 4पहरुए उससे भयभीत हो मृतक के समान हो गए.

5स्वर्गदूत ने उन स्त्रियों को संबोधित किया, “मत डरो! मुझे मालूम है कि तुम क्रूस पर चढ़ाए गए येशु को खोज रही हो. 6वह यहां नहीं हैं क्योंकि वह मरे हुओं में से जीवित हो गए हैं—ठीक जैसा उन्होंने कहा था. स्वयं आकर उस स्थान को देख लो, जहां उन्हें रखा गया था. 7अब शीघ्र जाकर उनके शिष्यों को यह सूचना दो कि वह मरे हुओं में से जीवित हो गए हैं. और हां, वह तुम लोगों से पूर्व गलील प्रदेश जा रहे हैं. तुम उन्हें वहीं देखोगी. याद रखना कि मैंने तुमसे क्या-क्या कहा है.”

8वे वहां से भय और अत्यंत आनंद के साथ जल्दी से शिष्यों को इसकी सूचना देने दौड़ गईं. 9मार्ग में ही सहसा येशु उनसे मिले और उनका अभिनंदन किया. उन्होंने उनके चरणों पर गिरकर उनकी वंदना की. 10येशु ने उनसे कहा, “डरो मत! मेरे भाइयों तक यह समाचार पहुंचा दो कि वे गलील प्रदेश को प्रस्थान करें, मुझसे उनकी भेंट वहीं होगी.”

यहूदी अगुओं का प्रहरियों को घूस देना

11वे जब मार्ग में ही थी, कुछ प्रहरियों ने नगर में जाकर प्रधान पुरोहितों को इस घटना की सूचना दी. 12उन्होंने पुरनियों को इकट्ठा कर उनसे विचार-विमर्श किया और पहरुओं को बड़ी धनराशि देते हुए उन्हें यह आज्ञा दी, 13“तुम्हें यह कहना होगा, ‘रात में जब हम सो रहे थे, उसके शिष्य उसे चुरा ले गए.’ 14यदि राज्यपाल को इसके विषय में कुछ मालूम हो जाए, हम उन्हें समझा लेंगे और तुम पर कोई आंच न आने देंगे.” 15धनराशि लेकर पहरुओं ने वही किया जो उनसे कहा गया था. यहूदियों में यही धारणा आज तक प्रचलित है.

महान आयोग

16ग्यारह शिष्यों ने गलील को प्रस्थान किया. वे येशु द्वारा पहले से बताए हुए पर्वत पर पहुंचे. 17उन्होंने वहां येशु को देखा और उनकी वंदना की परंतु कुछ को अभी भी संदेह था. 18येशु ने पास आकर उनसे कहा, “सारा अधिकार—स्वर्ग में तथा पृथ्वी पर—मुझे दिया गया है. 19इसलिये यहां से जाते हुए तुम सारे राष्ट्रों को मेरा शिष्य बनाओ और उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम में बपतिस्मा दो. 20उन्हें इन सभी आदेशों का पालन करने की शिक्षा दो, जो मैंने तुम्हें दिए हैं. याद रखो: जगत के अंत तक मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं.”