መዝሙር 96 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

መዝሙር 96:1-13

መዝሙር 96

እግዚአብሔር፤ ንጉሥም ዳኛም

96፥1-13 ተጓ ምብ – 1ዜና 16፥23-33

1ለእግዚአብሔር አዲስ ዝማሬ ዘምሩ፤

ምድር ሁሉ፤ ለእግዚአብሔር ዘምሩ።

2ለእግዚአብሔር ዘምሩ፤ ስሙንም ባርኩ፤

ማዳኑንም ነጋ ጠባ አውሩ።

3ክብሩን በሕዝቦች መካከል፣

ድንቅ ሥራውንም በሰዎች ሁሉ ፊት ተናገሩ።

4እግዚአብሔር ታላቅ ነውና፤ ውዳሴም የሚገባው ነው፤

ከአማልክትም ሁሉ በላይ ሊፈራ ይገባዋል።

5የሕዝብ አማልክት ሁሉ ጣዖታት ናቸው፤

እግዚአብሔር ግን ሰማያትን ሠራ።

6ክብርና ግርማ በፊቱ ናቸው፤

ብርታትና ውበትም በመቅደሱ ውስጥ አሉ።

7የሕዝቦች ወገኖች ሆይ፤ ለእግዚአብሔር ስጡ፤

ክብርንና ብርታትን ለእግዚአብሔር ስጡ።

8ለስሙ የሚገባ ክብርን ለእግዚአብሔር ስጡ፤

ቍርባንን ይዛችሁ ወደ አደባባዩ ግቡ።

9በተቀደሰ ውበት ለእግዚአብሔር ስገዱ፤

ምድር ሁሉ፤ በፊቱ ተንቀጥቀጡ።

10በሕዝቦች መካከል፣ “እግዚአብሔር ነገሠ” በሉ፤

ዓለም በጽኑ ተመሥርታለች፤ አትናወጥም፤

እርሱ ለሕዝቦች በእኩልነት ይፈርዳል።

11ሰማያት ደስ ይበላቸው፤ ምድርም ሐሤት ታድርግ፤

ባሕርና በውስጧ ያለው ሁሉ ያስተጋባ፤

12መስኩና በላዩ ያለው ሁሉ ይፈንጥዝ፤

ያን ጊዜ የዱር ዛፎች ሁሉ በደስታ ይዘምራሉ፤

13እርሱ ይመጣልና በእግዚአብሔር ፊት ይዘምራሉ፤

በምድር ላይ ሊፈርድ ይመጣል፤

በዓለም ላይ በጽድቅ፣

በሕዝቦችም ላይ በእውነት ይበይናል።

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 96:1-13

स्तोत्र 96

1सारी पृथ्वी याहवेह की स्तुति में नया गीत गाए;

हर रोज़ उनके द्वारा दी गई छुड़ौती की घोषणा की जाए.

2याहवेह के लिये गाओ. उनके नाम की प्रशंसा करो;

प्रत्येक दिन उनका सुसमाचार सुनाओ कि याहवेह बचाने वाला है.

3देशों में उनके प्रताप की चर्चा की जाए,

और उनके अद्भुत कामों की घोषणा हर जगह.

4क्योंकि महान हैं याहवेह और सर्वाधिक योग्य हैं स्तुति के;

अनिवार्य है कि उनके ही प्रति सभी देवताओं से अधिक श्रद्धा रखी जाए.

5क्योंकि अन्य जनताओं के समस्त देवता मात्र प्रतिमाएं ही हैं,

किंतु स्वर्ग मंडल के बनानेवाले याहवेह हैं.

6वैभव और ऐश्वर्य उनके चारों ओर हैं;

सामर्थ्य और महिमा उनके पवित्र स्थान में बसे हुए हैं.

7राष्ट्रों के समस्त गोत्रो, याहवेह को पहचानो,

याहवेह को पहचानकर उनके तेज और सामर्थ्य को देखो.

8याहवेह के नाम की सुयोग्य महिमा करो;

उनकी उपस्थिति में भेंट लेकर जाओ;

9उनकी वंदना पवित्रता के ऐश्वर्य में की जाए.

उनकी उपस्थिति में सारी पृथ्वी में कंपकंपी दौड़ जाए.

10राष्ट्रों के सामने यह घोषणा की जाए, “याहवेह ही शासक हैं.”

यह एक सत्य है कि संसार दृढ़ रूप में स्थिर हो गया है, यह हिल ही नहीं सकता;

वह खराई से राष्ट्रों का न्याय करेंगे.

11स्वर्ग आनंदित हो और पृथ्वी मगन;

समुद्र और उसमें मगन सब कुछ इसी हर्षोल्लास को प्रतिध्वनित करें.

12समस्त मैदान और उनमें चलते फिरते रहे सभी प्राणी उल्‍लसित हों;

तब वन के समस्त वृक्ष आनंद में गुणगान करने लगेंगे.

13वे सभी याहवेह की उपस्थिति में गाएं, क्योंकि याहवेह आनेवाला हैं

और पृथ्वी पर उनके आने का उद्देश्य है पृथ्वी का न्याय करना.

उनका न्याय धार्मिकतापूर्ण होगा;

वह मनुष्यों का न्याय अपनी ही सच्चाई के अनुरूप करेंगे.