ሕዝቅኤል 23 – NASV & HCV

New Amharic Standard Version

ሕዝቅኤል 23:1-49

ሁለቱ ዘማውያት እኅትማማቾች

1የእግዚአብሔር ቃል እንዲህ ሲል ወደ እኔ መጣ፤ 2“የሰው ልጅ ሆይ፤ ከአንድ እናት የተወለዱ ሁለት ሴቶች ልጆች ነበሩ፤ 3ገና በወጣትነታቸው ዘማውያት በመሆን በግብፅ ሳሉ አመነዘሩ፤ በዚያችም ምድር አጐጠጐጤአቸው ተዳበሰ፤ የድንግልናቸውም ጕያ በእጅ ተሻሸ። 4የታላቂቱ ስም ኦሖላ፣ የእኅቷም ኦሖሊባ ነበር፤ ሁለቱም የእኔ ሆኑ፤ ወንዶችና ሴቶች ልጆችም ወለዱ። ስማቸውም፣ ኦሖላ ሰማርያ ናት፤ ኦሖሊባም ኢየሩሳሌም።

5“ኦሖላ የእኔ ሆና ሳለ በእኔ ላይ አመነዘረች፤ ጦረኞች ከሆኑት ጎረቤቶቿ ከአሦራውያን ውሽሞቿ ጋር ሴሰነች፤ 6እነርሱም ሐምራዊ የለበሱ፣ ገዦችና አዛዦች፣ ሁሉም መልከ ቀና ጐበዛዝትና ፈጣን ፈረሰኞች ነበሩ። 7እርሷ በዝሙት ራሷን ምርጥ ለሆኑት አሦራውያን ሁሉ አሳልፋ ሰጠች፤ አብረዋት ባመነዘሩት ሰዎች ጣዖት ሁሉ ረከሰች። 8በግብፅ የጀመረችውን አመንዝራነቷን አልተወችም፤ በዚያ ወንዶች በወጣትነቷ ከእርሷ ጋር ተኙ፤ የድንግልናዋን ጡት አሻሹ፤ ፍትወታቸውን አፈሰሱባት።

9“ስለዚህ አብራቸው ላመነዘረች ለአሦራውያን ውሽሞቿ አሳልፌ ሰጠኋት። 10እነርሱም ዕርቃን አስቀሯት፤ ወንዶችና ሴቶች ልጆቿን ነጠቋት፤ እርሷንም በሰይፍ ገደሏት፤ በሴቶችም ዘንድ መተረቻ ሆና ቀረች፤ ፍርድም ተፈጸመባት።

11“እኅቷ ኦሖሊባ ይህን አይታ ነበር፤ ሆኖም በፍትወቷና በዘማዊነቷ ከእኅቷ የባሰች ብልሹ ሆነች። 12ደግሞም ገዦችና አዛዦች፣ ጌጠኛ ልብስ የለበሱ ጦረኞች፣ ፈጣን ፈረሰኞችና፣ ሁሉም መልከ ቀና ከሆኑት አሦራውያን ጐበዛዝት ጋር አመነዘረች። 13ይህችም እንደ ረከሰች አየሁ፤ ሁለቱም በአንድ መንገድ ሄዱ።

14“በአመንዝራነቷ እየባሰች ሄደች፤ በደማቅ ቀይ ቀለም በግድግዳ ላይ የተቀረጹ የከለዳውያንን23፥14 ወይም የባቢሎናውያን ወንዶች ምስል አየች፤ 15እነርሱም ወገባቸውን በቀበቶ የታጠቁና በራሳቸው ላይ ተንጠልጣይ ያለው ጥምጥም የጠመጠሙ ነበሩ፤ ሁሉም የከለዳውያን23፥15 ወይም የባቢሎናውያን፤ እንዲሁም በ16 ተወላጆችና የባቢሎን ሠረገላ አዛዦች ይመስሉ ነበር። 16ባየቻቸውም ጊዜ በፍትወት ተቃጠለች፤ ወደ ከላውዴዎን መልእክተኞች ላከችባቸው። 17ባቢሎናውያንም መጥተው ወደ ፍቅር መኝታዋ ገቡ፤ በፍትወታቸውም አረከሷት፤ እርሷም በእነርሱ ከረከሰች በኋላ ጠልታቸው ከእነርሱ ዘወር አለች። 18ግልሙትናዋን በአደባባይ በፈጸመችና ዕርቃን በገለጠች ጊዜ ከእኅቷ ዘወር እንዳልሁ፣ ጠልቻት ከእርሷም ዘወር አልሁ። 19እርሷ ግን በግብፅ ያመነዘረችበት የወጣትነት ዘመኗ ትዝ እያላት የባሰ ዘማዊት ሆነች። 20በዚያም አባለዘራቸው እንደ አህያ፣ የዘር ፍሰታቸውም እንደ ድንጕላ ፈረስ ዘር ፍሰት ከሆነ ውሽሞቿ ጋር አመነዘረች፤ 21በግብፅ ምድር ጕያሽን የታሸሽበትንና የወጣትነት ጡቶችሽን የተዳበስሽበትን23፥21 ከሱርስቱ ጋር (በተጨማሪ 3 ይመ) ተመሳሳይ ሲሆን ዕብራይስጡ ግን በወጣትነት ጡቶችሽ ምክንያት የተዳበስሽበትን ይላል የኰረዳነትሽን ብልግና ተመኘሽ።

22“ስለዚህ፣ ኦሖሊባ ሆይ፤ ጌታ እግዚአብሔር እንዲህ ይላል፤ ጠልተሻቸው ከእነርሱ ዘወር ያልሽውን ውሽሞችሽን በአንቺ ላይ አስነሣለሁ፤ እነርሱንም ከየአቅጣጫው አመጣብሻለሁ፤ 23እነርሱም ባቢሎናውያንና ከለዳውያን ሁሉ፣ የፋቁድ፣ የሱሔና የቆዓ ሰዎች፣ ከእነርሱም ጋር አሦራውያን ሁሉ ናቸው። እነዚህም መልከ ቀና ጐበዛዝት ሲሆኑ፣ ሁላቸውም በፈረስ ላይ የተቀመጡ ገዦችና አዛዦች፣ የሠረገላ አዛዦችና ከፍተኛ ባለ ሥልጣኖች ነበሩ። 24እነርሱም የጦር መሣሪያ23፥24 በዕብራይስጥ የዚህ ቃል ትርጕም አይታወቅም፣ ሠረገላና ጋሪ በመያዝ ብዙ ሕዝብ ሆነው ይመጡብሻል፤ ትላልቅና መለስተኛ ጋሻ በማንገብና የራስ ቍር በመድፋት በየአቅጣጫው ይሰለፉብሻል፤ እኔም ለፍርድ በእጃቸው አሳልፌ እሰጥሻለሁ፤ በሕጋቸውም መሠረት ይቀጡሻል። 25የቅናት ቍጣዬን በአንቺ ላይ አመጣለሁ፤ እነርሱም በአንቺ ላይ በቍጣ ይወጣሉ፤ አፍንጫሽንና ጆሮሽን ይቈርጣሉ፤ ከአንቺ ወገን የተረፉትም በሰይፍ ይወድቃሉ። ወንዶችና ሴቶች ልጆችሽን ይወስዱብሻል፤ የተረፉትንም እሳት ይበላቸዋል። 26ልብስሽን ይገፉሻል፤ ምርጥ ጌጣጌጥሽንም ይወስዱብሻል። 27በግብፅ የጀመርሽውን ብልግናና ሴሰኝነት ከአንቺ አስወግዳለሁ፤ አንቺም ዐይንሽን ወደ እነዚህ አታነሺም፤ ከእንግዲህ ግብፅን አታስቢም።

28“ጌታ እግዚአብሔር እንዲህ ይላልና፤ እነሆ ተጸይፈሻቸው ከእነርሱ ዘወር ላልሽው ለጠላሻቸው አሳልፌ እሰጥሻለሁ። 29እነርሱም በጥላቻ ይቀርቡሻል፤ የለፋሽበትንም ሁሉ ይቀሙሻል፤ ከማሕፀን እንደ ወጣሽ ዕርቃንሽን ያስቀሩሻል፤ የሴሰኝነትሽ ኀፍረት ይገለጣል። ብልግናሽና ገደብ የለሽ ርኩሰትሽ፣ 30ይህን አምጥተውብሻል፤ ከአሕዛብ ጋር በማመንዘር በጣዖቶቻቸው ረክሰሻልና። 31በእኅትሽ መንገድ ስለ ሄድሽ የእርሷን ጽዋ በእጅሽ አስጨብጥሻለሁ።

32“ጌታ እግዚአብሔር እንዲህ ይላል፤

“ሰፊና ጥልቅ የሆነውን ጽዋ፣

የእኅትሽን ጽዋ ትጠጪአለሽ፤

ብዙም ስለሚይዝ ስድብና ነቀፌታ

ትጠግቢአለሽ።

33በእኅትሽ በሰማርያ ጽዋ፣

በመፍረስና በጥፋት ጽዋ፣

በስካርና በሐዘን ትሞዪአለሽ።

34ትጠጪዋለሽ፤ ትጨልጪዋለሽም፤

ከዚያም ጽዋውን ትሰባብሪዋለሽ፤

ጡትሽንም ትቈራርጪአለሽ፤

እኔ ተናግሬአለሁ፤ ይላል ጌታ እግዚአብሔር

35“ስለዚህ ጌታ እግዚአብሔር እንዲህ ይላል፤ ረስተሽኛል፤ ወደ ኋላም ገሸሽ አድርገሽኛልና የብልግናሽንና የሴሰኝነትሽን ውጤት ትሸከሚአለሽ።”

36እግዚአብሔር እንዲህ አለኝ፤ “የሰው ልጅ ሆይ፤ በኦሖላና በኦሖሊባ ትፈርዳለህን? እንግዲያውስ ጸያፍ ተግባራቸውን ንገራቸው። 37አመንዝረዋል፤ እጃቸውም በደም ተበክሏልና። ከጣዖቶቻቸው ጋር አመነዘሩ፤ የወለዱልኝን ልጆቻቸውን እንኳ ለእነርሱ መብል ይሆኑ ዘንድ በእሳት ሠውተውላቸዋል።23፥37 ወይም የወለዱልኝን ልጆች እንኳ በእሳት ውስጥ አሳለፏቸው 38ደግሞም ይህን አደረጉብኝ፤ በዚያኑ ቀን ቤተ መቅደሴን አረከሱ፤ ሰንበታቴንም አቃለሉ። 39ልጆቻቸውን ለጣዖቶቻቸው በሠዉባት ዕለት ወደ መቅደሴ ገብተው አረከሷት፤ እንግዲህ በቤቴ ውስጥ ያደረጉት እንዲህ ያለውን ነው።

40“ከዚህም በላይ ወንዶች ከሩቅ እንዲመጡላቸው መልእክተኛ ላኩ፤ እነርሱም መጡ። አንቺም ገላሽን ታጥበሽ፣ ዐይንሽን ተኵለሽና በጌጣጌጥ ተውበሽ ጠበቅሻቸው። 41በተዋበ ዐልጋ ላይ ተቀመጥሽ፤ ዕጣኔንና ዘይቴን ያኖርሽበትንም ጠረጴዛ ከዐልጋው ፊት ለፊት አደረግሽ።

42“የሚፈነጥዙ ሰዎች ድምፅ በዙሪያዋ ነበር፤ ከሚያውኩ ሰዎች ጋር ከበረሓ የመጡ ሰካራሞች ነበሩ፤ በሴትየዋና በእኅቷም ላይ አንባር፣ በራሳቸውም ላይ የተዋበ አክሊል አደረጉላቸው። 43እኔም በአመንዝራነት ሰውነቷ ስላለቀው፣ ‘እርሷ ሕይወቷ ይኸው ስለሆነ እንደ ዝሙት ዐዳሪ ይጠቀሙባት’ አልሁ። 44እነርሱም ከእርሷ ጋር ተኙ፤ ሰው ከአመንዝራ ሴት ጋር እንደሚተኛ ከእነዚያ ባለጌ ሴቶች፣ ከኦሖላና ከኦሖሊባ ጋር ተኙ። 45ጻድቃን ግን ለአመንዝራና ለነፍሰ ገዳይ ሴቶች የሚገባቸውን ፍርድ ይፈርዱባቸዋል። አመንዝሮች ናቸውና፤ እጃቸውም በደም ተበክሏል።

46“ጌታ እግዚአብሔር እንዲህ ይላል፤ ሕዝብን ቀስቅሰህ አምጣባቸው፤ ለሽብርና ለዝርፊያም አሳልፈህ ስጣቸው። 47ሕዝቡ በድንጋይ ይወግራቸዋል፤ በገዛ ሰይፋቸው ይቈራርጣቸዋል፤ ወንድና ሴት ልጆቻቸውን ይገድላል፤ ቤቶቻቸውንም ያቃጥላል።

48“ስለዚህ ሴቶች ሁሉ እንዲጠነቀቁና መጥፎ ፈለጋችሁን እንዳይከተሉ፣ ሴሰኝነትን ከምድሪቱ አጠፋለሁ። 49የሴሰኝነታችሁን ዋጋ ታገኛላችሁ፤ ጣዖት በማምለክ ለፈጸማችሁት ኀጢአት ቅጣት ትሸከማላችሁ፤ በዚያን ጊዜ እኔ ጌታ እግዚአብሔር እንደ ሆንሁ ታውቃላችሁ።”

Hindi Contemporary Version

यहेजकेल 23:1-49

दो व्यभिचारी बहनें

1याहवेह का वचन मेरे पास आया: 2“हे मनुष्य के पुत्र, दो स्त्रियां थी, जो एक ही मां की बेटियां थी. 3वे मिस्र देश में वेश्या बन गईं और वे अपनी जवानी के दिनों से वेश्यावृत्ति करती थी. उसी देश में उनके स्तनों से दुलार किया गया और उनके कुंवारी छाती से लाड़ किया गया. 4बड़ी बहन का नाम ओहोलाह, और छोटी का नाम ओहोलीबाह था. वे मेरी थी और उन्होंने बेटे-बेटियों को जन्म दिया. ओहोलाह शमरिया है, और ओहोलीबाह येरूशलेम है.

5“जब ओहोलाह मेरी ही थी, तभी वह वेश्यावृत्ति करने लगी; वह अपने प्रेमियों के लिये लालायित रहती थी—जो नीले कपड़े पहने अश्शूरी योद्धा थे, 6राज्यपाल और सेनापति थे, ये सबके सब सुंदर और जवान थे, और उसके प्रेमियों में घुड़सवार भी थे. 7उसने अपने आपको वेश्या के रूप में सबसे अच्छे अश्शूरियों को दे दिया और उन हर एक के मूर्तियों से अपने आपको अशुद्ध किया जिनके लिये वह लालायित रहती थी. 8जो वेश्यावृत्ति उसने मिस्र देश में शुरू की थी, उसे उसने नहीं छोड़ा, जब उसकी जवानी के समय पुरुष उसके साथ सोते थे, उसकी कुंवारी छाती को दुलारते थे और अपनी काम-वासना उस पर लुटाते थे.

9“इसलिये मैंने उसे उसके प्रेमी अश्शूरियों के हाथ में सौंप दिया, जिनके लिये वह लालायित रहती थी. 10उन्होंने उसे नंगी कर दिया, उसके बेटे और बेटियों को ले लिया और उसे तलवार से मार डाला. वह स्त्रियों के बीच एक कहावत बन गई और उसे दंड दिया गया.

11“उसकी बहन ओहोलीबाह यह सब देखी, फिर भी वह काम-वासना और वेश्यावृत्ति में अपनी बहन से कहीं अधिक भ्रष्‍ट थी. 12वह भी अश्शूरियों के पीछे काम-वासना से आसक्त थी—जिसमें राज्यपाल और सेनापति, पोशाक पहने योद्धा, घुड़सवार और सब सुंदर पुरुष आते थे. 13मैंने देखा कि उसने भी अपने आपको अशुद्ध कर लिया था; दोनों बहनों का चालचलन एक जैसा था.

14“पर ओहोलीबाह अपनी वेश्यावृत्ति में आगे थी. उसने एक दीवार पर आदमियों के चित्र को देखा, जिसमें बाबेलियों को लाल रंग में चित्रित किया गया था; 15चित्र में आदमियों के कमर में पट्टा बंधा था और उनके सिरों पर लहराती पगड़ी थी; वे सबके सब बाबेल के निवासी, बाबेली रथ के अधिकारी जैसे लगते थे. 16वह उन्हें देखते ही, उनके प्रति काम-वासना से आसक्त हो गई और कसदिया में उनके दूत भेजी. 17तब बाबेली प्यार में हमबिस्तर होने के लिये उसके पास आये, और अपने काम-वासना में उसे अशुद्ध किया. उनके द्वारा अशुद्ध होने के बाद, वह घृणा में उनसे अलग हो गई. 18जब उसने खुलेआम वेश्यावृत्ति किया और अपने नंगी देह को दिखाया, तो मैं घृणा में उससे दूर हो गया, जैसा कि मैं उसकी बहन से दूर हो गया था. 19फिर भी वह अपने दुराचार वृत्ति में और भी बढ़ती गई, अपने जवानी के दिनों को याद करते हुए जब वह मिस्र देश में एक वेश्या थी. 20वहां वह अपने यारों के पीछे काम-वासना के लिये लगी रहती थी, जिनके जननांग गधों के जननांग जैसे और उनका वीर्य-उत्सर्जन घोड़ों के समान होता था. 21इस प्रकार तुम अपनी जवानी की कामुकता की लालसा करती थी, जब मिस्र में तुम्हारे छाती को दुलारा जाता था और तुम्हारे स्तन से लाड़ किया जाता था.

22“इसलिये हे ओहोलीबाह, परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं तुम्हारे प्रेमियों को तुम्हारे विरुद्ध भड़काऊंगा, जिनसे तुम घृणा करते हुए दूर हो गई थी, और मैं उन्हें चारों ओर से तुम्हारे विरुद्ध लाऊंगा. 23बाबेलियों और सब कसदी, पेकोद, शोआ और कोआ के पुरुष, और उनके साथ सब अश्शूरी, सुंदर जवान, उनमें सबके सब राज्यपाल और सेनापति, रथ अधिकारी और उच्च पदस्थ व्यक्ति, सबके सब घोड़े पर सवार हैं. 24वे तुम्हारे विरुद्ध हथियार, रथ और चार पहिया गाड़ी लेकर लोगों की भीड़ के साथ आएंगे; वे चारों तरफ से छोटी और बड़ी ढाल के साथ सिर में टोप लगाकर तुम्हारे विरुद्ध मोर्चा बांधेंगे. मैं तुम्हें दंड के लिये उनके हाथ में सौंप दूंगा, और वे अपने स्तर के अनुसार उन्हें दंड देंगे. 25मैं तुम पर अपना जलन भरा क्रोध दिखाऊंगा, और तुम्हारे प्रति उनका व्यवहार बहुत क्रोधपूर्ण होगा. वे तुम्हारी नाक और कान काट डालेंगे, और तुममें से जो बच जाएंगे, वे तलवार से मारे जाएंगे. वे तुम्हारे बेटे और बेटियों को ले लेंगे, और तुममें से जो बच जाएंगे, वे आग से जलकर नष्ट हो जाएंगे. 26वे तुमसे तुम्हारे कपड़े भी उतार लेंगे और तुम्हारे सुंदर गहने छीन लेंगे. 27इस प्रकार मैं उस काम-वासना और वेश्यावृत्ति को बंद कर दूंगा, जिसे तुमने मिस्र देश में शुरू किया था. तुम इन चीज़ों की कामना नहीं करोगी या मिस्र देश को फिर याद नहीं करोगी.”

28क्योंकि परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “मैं तुम्हें उन लोगों के हाथ में सौंपने ही वाला हूं, जिनसे तुम घृणा करती हो, उनके हाथ, जिनसे घृणा के कारण तुम दूर हो गई थी. 29वे तुम्हारे साथ घृणित व्यवहार करेंगे और तुम्हारी कमाई हुई सारी चीज़ें ले लेंगे. वे तुम्हें एकदम नंगी छोड़ देंगे, और तुम्हारी वेश्यावृत्ति की निर्लज्जता प्रगट हो जाएगी. तुम्हारी अश्लीलता और दुराचार वृत्ति के कारण 30यह सब तुम पर हुआ है, क्योंकि तुम जाति-जाति के लोगों के पीछे काम-वासना के लिये भागी और उनकी मूर्तियों से तुमने अपने आपको अशुद्ध किया. 31तुम अपनी बहन के रास्ते पर चली हो; इसलिये मैं उसका कटोरा तुम्हारे हाथ में दूंगा.”

32परम प्रधान याहवेह का यह कहना है:

“तुम अपनी बहन के कटोरे को पीओगी,

जो बड़ा और गहरा है;

इसके कारण तुम तिरस्कार और हंसी का पात्र होंगी,

क्योंकि इसमें बहुत कुछ समाता है.

33तुम मतवालापन और दुःख से भर जाओगी,

यह विनाश और निर्जनता का कटोरा है,

यह तुम्हारी बहन शमरिया का कटोरा है.

34तुम इसे पीकर खाली कर दोगी

और इसके टुकड़ों को चबाओगी

और अपने छातियों को घायल करोगी.

यह मैंने कहा है, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.

35“इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जब तुमने मुझे भूला दिया है और मुझसे अपना मुंह फेर लिया है, तो ज़रूरी है कि तुम अपने अश्लीलता और वेश्यावृत्ति का फल भोगो.”

36याहवेह ने मुझसे कहा: “हे मनुष्य के पुत्र, क्या तुम ओहोलाह और ओहोलीबाह का न्याय करोगे? तो फिर उनके घृणित काम उन्हें बताओ, 37क्योंकि उन्होंने व्यभिचार किया है और उनके हाथ खून से रंगे हैं. उन्होंने मूर्तियों के साथ व्यभिचार किया है; और तो और उन्होंने उन अपने बच्चों को उनके भोजन के रूप में बलिदान किया है, जो मेरे द्वारा ही पैदा हुए थे. 38उन्होंने मेरे साथ यह भी किया है: उसी समय उन्होंने मेरे पवित्र स्थान को अशुद्ध किया है और मेरे विश्राम दिनों को अपवित्र किया है. 39जिस दिन उन्होंने अपने बच्चों को अपनी मूर्तियों के लिये बलिदान किया, उसी दिन उन्होंने मेरे पवित्र स्थान में प्रवेश किया और उसे अपवित्र किया. उन्होंने मेरे भवन के भीतर यही किया है.

40“और तो और उन्होंने दूत भेजकर बहुत दूर से लोगों को बुलवाया, और जब वे आ गये, तो तुम उनके लिये नहाई-धोई, अपने आंखों का श्रृंगार किया और अपने गहनों को पहना. 41तब तुम एक सुंदर सोफा में बैठ गईं, जिसके सामने एक टेबल रखा था, जिस पर तुमने धूप और जैतून का तेल रखा था, जो कि मेरा था.

42“उसके चारों तरफ लापरवाह भीड़ का कोलाहल सुनाई दे रहा था; पियक्कड़ों को निर्जन प्रदेश से उपद्रवी लोगों के साथ लाया गया था, जो उस स्त्री और उसकी बहन के हाथों में कंगन और उनके सिर में सुंदर मुकुट पहना दिये थे. 43तब मैंने उस स्त्री के बारे में कहा, जो व्यभिचार करते-करते बेहाल हो चुकी थी, ‘अब वे उसका उपयोग एक वेश्या के रूप में करें, क्योंकि वह वेश्या ही तो है.’ 44और वे उसके साथ सोए. जैसे पुरुष एक वेश्या के साथ सोते हैं, वैसे ही वे उन कामुक स्त्रियों, ओहोलाह एवं ओहोलीबाह के साथ सोए. 45परंतु धर्मी न्यायाधीश उनको उन स्त्रियों का दंड देंगे, जो व्यभिचार करती और खून बहाती हैं, क्योंकि वे व्यभिचारिणी हैं और उनके हाथ खून से रंगे हैं.

46“परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: उनके विरुद्ध एक बड़ी भीड़ ले आओ और उन्हें आतंकित होने और लूटे जाने के किए सौंप दो. 47उस भीड़ के लोग उन पर पत्थरवाह करेंगे और उन्हें अपने तलवार से काट डालेंगे; वे उनके बेटे-बेटियों को मार डालेंगे और उनके घरों को जला देंगे.

48“इस प्रकार मैं इस देश से काम-वासना का अंत कर दूंगा, ताकि सब स्त्रियों के लिये यह एक चेतावनी हो और वे तुम्हारे समान काम न करें. 49तुम्हें अपने कामुकता का दंड भोगना पड़ेगा और तुम्हें अपने मूर्तियों के पाप का फल भी भोगना पड़ेगा. तब तुम जानोगे कि मैं परम प्रधान याहवेह हूं.”