역대상 13 – KLB & HCV

Korean Living Bible

역대상 13:1-14

법궤 운반과 웃사의 죽음

1다윗왕은 그의 모든 군 지휘관들과 의논한 후에

2이스라엘 군중에게 이렇게 말하였다. “만일 여러분이 좋게 여기고 또 우리 하나님 여호와의 뜻이라면 우리가 이스라엘 땅에 남아 있는 우리 형제들과 제사장들과 레위인들에게 전갈을 보내고 그들을 초대하여 한자리에 모이게 합시다.

3그러고서 우리 하나님의 궤를 옮겨 오도록 합시다. 사울이 왕이 된 이후로 우리는 그 궤를 너무 소홀히 해 왔습니다.”

4그러자 백성들은 다윗의 제안을 기쁘게 받아들여 모두 그렇게 하기로 일제히 동의하였다.

5-6그래서 다윗은 남쪽으로는 이집트 국경 에서부터 북쪽으로는 하맛 고개에 이르기까지 전국의 이스라엘 백성을 다 불러모아 두 그룹 천사 사이에 모셔 둔 여호와 하나님의 궤를 가져오기 위해서 그들과 함께 유다의 기럇 – 여아림으로 올라갔다.

7그들은 아비나답의 집에서 그 궤를 가지고 나와 새 수레에 실었으며 웃사와 아효가 그 수레를 몰았다.

8그러자 다윗과 모든 백성들은 여호와 앞에서 마음껏 뛰놀며 수금과 비파와 소고와 제금과 나팔을 가지고 연주하고 노래하였다.

9그러나 그들이 기돈의 타작 마당에 이르렀을 때 소들이 비틀거리므로 웃사가 손을 내밀어 그 궤를 붙들었다.

10이 일로 여호와께서 웃사에게 노하셔서 그를 치시자 그가 하나님 앞에서 즉사하고 말았다.

11다윗은 여호와께서 웃사에게 행하신 것을 보고 화가 나서 그 곳 이름을 13:11 ‘웃사를벌하심’ 이라는뜻.‘베레스 – 웃사’ 라고 불렀는데 오늘날도 그 이름이 그대로 남아 있다.

12다윗은 그 날 하나님을 두려워하여 “내가 어떻게 하나님의 궤를 내 집으로 가져갈 수 있겠는가!” 하고 외쳤다.

13그러고서 그는 그 궤를 다윗성으로 메어 오지 않고 가드 사람인 오벧 – 에돔의 집으로 가져갔다.

14그래서 그 궤는 거기서 오벧 – 에돔의 가족과 함께 석 달을 머물러 있었고 여호와께서는 13:14 또는 ‘오벧-에돔의집과그모든소유에’오벧 – 에돔과 그의 모든 가족에게 복을 주셨다.

Hindi Contemporary Version

1 इतिहास 13:1-14

संदूक परिवहन का संकट

1दावीद ने सहस्र पतियों, शतपतियों और हर एक शासक से विचार-विमर्श किया. 2दावीद ने सारी इस्राएली सभा को कहा, “यदि यह आपको सही लगे, यदि यह याहवेह, हमारे परमेश्वर की ओर से है, हम हमेशा अपने देशवासियों के लिए, जो सारे इस्राएल में बचे रह गए हैं, उन पुरोहितों और लेवियों को, जो उनके साथ ऐसे नगरों में हैं, जिनमें चरागाह हैं यह संदेश भेजें, कि वे आकर हमसे मिलें. 3तब हम अपने परमेश्वर के संदूक को यहां ले आएं, क्योंकि शाऊल के शासनकाल में हम परमेश्वर के संदूक से दूर रहे हैं.” 4सारी सभा ऐसा करने के लिए राज़ी हो गई, क्योंकि यह बात सभी की नज़रों में सही थी.

5इस प्रकार दावीद ने मिस्र देश की शीख़ोर नदी से लेकर लबो-हामाथ तक के सभी इस्राएलियों को इकट्ठा किया, कि परमेश्वर के संदूक को किरयथ-यआरीम से लाया जाए. 6सो दावीद और सारा इस्राएल परमेश्वर के संदूक को, जो याहवेह की प्रतिष्ठा है, जिस पर याहवेह करूबों से ऊपर आसीन हैं, यहूदिया प्रदेश के बालाह यानी किरयथ-यआरीम से लाने को गए.

7अबीनादाब के घर से एक नई गाड़ी पर परमेश्वर का संदूक ले जाया गया. इस गाड़ी को चलानेवाले थे उज्जा और आहियो. 8दावीद और सारा इस्राएल तरह-तरह के बाजों और गीतों के सुरों पर परमेश्वर के सामने पूरे तन-मन से आनंदित हो रहे थे.

9जब वे कीदोन के खलिहान पर पहुंचे, बैल लड़खड़ा गए, और उज्जा ने संदूक को थामने के लिए हाथ बढ़ाया. 10तब उज्जा पर याहवेह का क्रोध भड़क उठा. याहवेह ने उस पर वार किया, क्योंकि उसने संदूक की ओर अपना हाथ बढ़ाया था. परमेश्वर के सामने उसकी मृत्यु हो गई.

11उज्जा पर याहवेह के इस क्रोध पर दावीद गुस्सा हो गए. वह स्थान आज तक पेरेज़-उज्जा13:11 पेरेज़-उज्जा अर्थ उज्जा का विरोध में भड़कना कहा जाता है.

12दावीद उस दिन परमेश्वर से बहुत ही डर गए. वह विचार कर रहे थे, “मैं परमेश्वर के संदूक को अपने इधर कैसे ला सकता हूं?” 13इसलिये दावीद संदूक को दावीद-नगर में नहीं ले गए, बल्कि वे संदूक को गाथ ओबेद-एदोम के घर पर ले गए. 14तब परमेश्वर का संदूक ओबेद-एदोम के घर पर, उसके परिवार के साथ तीन महीने रहा. ओबोद-एदोम के परिवार और उसकी संपत्ति पर याहवेह की कृपादृष्टि बनी रही.