신명기 2 – KLB & HCV

Korean Living Bible

신명기 2:1-37

광야에서의 방황

1“결국 우리는 여호와께서 명령하신 대로 발길을 돌려 홍해로 가는 길을 따라 광야로 들어가게 되었고 거기서 우리는 오랫동안 세일산 주변을 맴돌았습니다.

2-3그때 여호와께서 ‘너희는 여기서 오랫 동안 머물러 있었으니 이제 북쪽으로 가거라’ 하고 나에게 말씀하시며

4여러분에게 이렇게 전하라고 하셨습니다. ‘너희는 너희 먼 친척인 에서의 후손들이 살고 있는 세일의 산간 지대를 통과하게 될 것이다. 그들이 너희를 두려워하여도 너희는 조심하고

5그들과 싸우지 말아라. 나는 이미 세일산 일대를 에서의 소유로 주었다. 그래서 그들의 땅을 한 치도 너희에게 주지 않겠다.

6음식이나 물은 그들에게 사먹어라.

7너희 하나님 나 여호와는 너희가 이 넓은 광야에서 40년을 방황하는 동안 너희를 지키고 너희에게 복을 주었다. 그러므로 너희에게는 아무것도 부족한 것이 없었다.’

8“그래서 우리는 우리 친척인 에서의 후손들이 사는 세일을 통과하여 엘랏과 에시온 – 게벨에서 올라가는 아라바 길을 지나서 모압의 광야 길을 따라 북쪽으로 올라갔습니다.

9그때 여호와께서는 우리에게 ‘롯의 후손인 모압 사람을 괴롭히거나 그들에게 싸움을 걸지 말아라. 나는 그들의 땅을 너희에게 한 치도 주지 않겠다. 내가 아르성을 이미 그들에게 주었다’ 하고 말씀하셨습니다.”

10(옛날에 아낙 자손처럼 키가 크고 강한 수많은 엠 사람이 아르에 살고 있었다.

11그들도 아낙 자손들처럼 르바 사람으로 알려졌으나 모압 사람들은 그들을 엠 사람이라고 불렀다.

12호리 사람들도 세일에 살았는데 이스라엘 백성이 여호와께서 주신 땅에서 가나안 사람들을 쫓아낸 것처럼 에서의 후손들이 그들을 쫓아내고 멸망시켰다.)

13“다음으로 우리는 여호와의 명령에 따라 세렛 시내를 건넜습니다.

14우리가 가데스 – 바네아를 떠난 후 이 곳 세렛 시내를 건너오기까지 38년이란 세월이 지났습니다. 이 기간에 그 세대의 군인들은 여호와께서 말씀하신 대로 다 죽고 말았습니다.

15여호와께서는 그들이 한 사람도 남지 않고 다 죽을 때까지 그들을 치셨습니다.

16이 군인들이 다 죽은 후에

17여호와께서 나에게 말씀하셨습니다.

18‘오늘 너희는 모압의 국경 지대에 있는 아르를 지나게 될 것이다.

19너희가 롯의 후손들인 암몬 사람의 땅에 가까이 가거든 그들을 괴롭히거나 싸움을 걸지 말아라. 나는 그들의 땅을 너희에게 한 치도 주지 않겠다. 내가 그 땅을 이미 그들에게 주었다.’ ”

20(이 땅도 르바 사람이 살았던 곳이므로 르바 사람의 땅으로 알려졌다. 그러나 암몬 사람은 그들을 삼숨 사람이라고 불렀다.

21그들은 아낙 자손처럼 키가 크고 수도 많은 강한 민족이었다. 그러나 여호와께서 그들을 멸망시키자 암몬 사람들이 그 곳에 들어와 살았다.

22이것은 여호와께서 세일에 살고 있는 에서의 후손들을 위해 행하신 일과 똑같은 것이었다. 여호와께서 호리 사람들을 멸망시키셨으므로 에서의 후손들이 그들을 쫓아내고 오늘날까지 그 곳에 살고 있다.

23그리고 갑돌 사람들도 가사에 살고 있던 아위 사람들을 멸망시키고 그 땅에 살았다.)

24“그때 여호와께서 우리에게 이렇게 말씀하셨습니다. ‘이제 너희는 여기를 떠나 아르논강을 건너가거라. 내가 헤스본의 왕 아모리 사람 시혼과 그의 땅을 너희에게 넘겨 주겠다. 그러므로 너희는 그를 치고 그 땅을 점령하여라.

25오늘부터 내가 온 세상 사람들이 너희를 두려워하고 무서워하도록 하겠다. 그들이 너희 소식을 듣고 떨며 불안해 할 것이다.’ ”

시혼왕의 패배

26“그래서 나는 그데못 광야에서 헤스본 왕 시혼에게 사람을 보내 다음과 같은 평화적인 제의를 전달하게 하였습니다.

27‘우리가 당신의 땅을 통과할 수 있게 해 주십시오. 우리가 큰 길을 벗어나지 않고 곧장 가겠습니다.

28음식과 물은 당신들에게서 사서 먹겠습니다. 다만 우리가 원하는 것은 당신의 땅을 잠시 지나가려는 것뿐입니다.

29세일에 사는 에서의 후손들과 아르에 사는 모압 사람들이 우리를 그들의 땅으로 지나가도록 허락해 준 것처럼 우리가 통과하는 것을 허락해 주십시오. 그러면 우리가 요단강을 건너 우리 하나님 여호와께서 우리에게 주신 땅으로 가겠습니다.’

30“그러나 헤스본 왕 시혼은 우리가 그의 땅으로 통과하는 것을 허락하지 않았습니다. 그것은 여러분의 하나님 여호와께서 오늘날처럼 우리가 그를 쳐부수고 그 땅을 점령하게 하려고 그를 완고하게 하고 반항하게 하셨기 때문입니다.

31그때 여호와께서는 나에게 ‘내가 이제 시혼과 그의 땅을 너희에게 넘겨 주었다. 너희는 그 땅을 점령하여 소유하여라’ 하고 말씀하셨습니다.

32시혼이 우리와 싸우려고 군대를 이끌고 야하스로 나왔으나

33우리 하나님 여호와께서 그를 우리에게 넘기셨으므로 우리는 그와 그의 아들들과 그의 모든 군대를 쳐서 죽였으며

34그의 모든 성을 점령하고 남자 여자 어른 아이 가릴 것 없이 모조리 죽였습니다.

35그러나 빼앗은 가축과 전리품만은 우리가 소유하였습니다.

36우리 하나님 여호와께서 그 모든 땅을 우리에게 주셨으므로 우리는 아르논 계곡 변두리의 아로엘과 그 계곡 중앙에 있는 성에서부터 길르앗에 이르는 모든 성을 점령하였으며 성벽이 튼튼해서 점령하지 못한 성은 하나도 없었습니다.

37그러나 우리는 암몬 사람의 땅과 얍복 강변 일대와 산간 지대의 성들과 그 밖에 우리 하나님 여호와께서 금지하신 곳에는 가까이 가지 않았습니다.”

Hindi Contemporary Version

व्यवस्था 2:1-37

जंगल में भटकना

1याहवेह के आदेश के अनुसार तब हमने लाल सागर की दिशा में कूच किया, जो निर्जन प्रदेश की ओर गया है. हम लंबे समय तक सेईर पर्वत के चारों ओर घूमते रहे.

2फिर याहवेह ने मुझसे कहा, 3“बहुत हो चुका तुम्हारा इस पर्वत के चारों ओर घूमना; अब उत्तर दिशा की ओर घूम जाओ. 4तब तुम इन लोगों को आदेश दो: ‘तुम अपने भाइयों सेईरवासियों, एसाव वंशजों के क्षेत्र से होकर निकल जाओ; उन पर तुम्हारा भय होगा, तब तुम बहुत सावधान रहना. 5उन्हें उकसाना मत, क्योंकि मैं तुम्हें उनकी भूमि से ज़रा भी नहीं दूंगा, इतनी भी नहीं कि तुम उस पर पैर रख सको; क्योंकि एसाव को मैं सेईर पर्वत मीरास के रूप में दे चुका हूं. 6तुम रुपया देकर उनसे भोजन ख़रीदोगे, कि तुम अपनी भूख मिटा सको; तुम जल भी रुपया देकर ख़रीदोगे, कि तुम जल पीकर अपनी प्यास बुझा सको.’ ”

7क्योंकि याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हारे हर एक काम में आशीष प्रदान की है. इस विशाल निर्जन प्रदेश में तुम्हारा भटकना वह जानता है. याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर इन चालीस सालों में तुम्हारे साथ साथ रहे हैं; तुम्हें किसी भी रूप में कुछ भी कम नहीं हुआ है.

8फिर हम सेईरवासी अपने भाइयों से दूर ही दूर, अराबाह मार्ग से दूर, एलाथ और एज़िओन-गेबेर से दूर ही दूर रहते हुए वहां से निकल गए.

9फिर याहवेह ने मुझे आदेश दिया, “मोआब को उत्पीड़ित न करना, न ही उन्हें युद्ध के लिए उकसाना, क्योंकि मैं तुम्हें रहने के लिए वहां ज़रा सी भूमि भी न दूंगा, क्योंकि मैं लोत की संतानों को आर निज भाग के रूप में दे चुका हूं.”

10(यहां के मूल निवासी एमिम थे, जो डीलडौल में अनाकियों के समान लंबे और अनगिनत थे. 11अनाकियों के समान उन्हें रेफाइम2:11 रेफाइम अर्थ कदाचित राक्षस हो सकता हे भी माना जाता है, मगर मोआबी उन्हें एमिम ही कहकर पुकारते हैं. 12इसके पहले सेईर में होरी लोग ही बसे थे, मगर एसाव के वंशजों ने आकर देखते ही देखते उनसे यह देश छीनकर उन्हें नाश कर दिया और उनके स्थान पर वहां रहने लगे, ठीक उसी प्रकार, जिस प्रकार इस्राएलियों ने याहवेह के दिए हुए उस देश के साथ किया था.)

13याहवेह ने कहा, “अब ज़ेरेद नदी को पार करने के लिए तैयार हो जाओ.” तब हम ज़ेरेद नदी के पार चले गए.

14कादेश-बरनेअ से यात्रा शुरू कर ज़ेरेद नदी के पार उतरने के बीच का समय था अड़तीस साल, जब तक इस पीढ़ी के सारे योद्धा इस्राएली समुदाय से नाश न हो गए, जैसा याहवेह द्वारा ली गई शपथ में कहा गया था. 15इसके अलावा याहवेह का हाथ उनके विरुद्ध हो चुका था, कि उन्हें छावनी से नाश कर दिया जाए, कि वे सभी मिट जाएं.

16फिर जब इस्राएली समुदाय से अंत में सभी योद्धा मिट गए, 17तब याहवेह ने मुझसे कहा, 18“आज तुम आर अर्थात् मोआब की सीमा के पार निकल जाओगे. 19जब तुम वहां अम्मोनियों के सामने पहुंच जाओगे, तब न तो तुम उन्हें सताना और न उन्हें उकसाना, क्योंकि मैं तुम्हें अम्मोनियों की भूमि में से निज भूमि के लिए कुछ भी न दूंगा; क्योंकि यह मैं लोत के वंशजों को मीरास के रूप में दे चुका हूं.”

20(इसे रेफाइम का देश भी माना जाता है, क्योंकि इसके पूर्व यहां उन्हीं का निवास था; मगर अम्मोनी उन्हें ज़मज़ुम्मिम पुकारते हैं. 21ये लोग वह प्रजाति हैं, जो बलवान, अनगिनत और डीलडौल में लंबे हैं, अनाकियों के समान, मगर याहवेह ने इन रेफ़ाइयों को अम्मोनियों के सामने से नाश कर दिया. फलस्वरूप वे इन्हें हटाकर उनके देश में बस गए. 22ठीक जैसा उन्होंने एसाव के वंशजों के लिए किया था, जो सेईर में रहते थे. याहवेह ने उनके सामने से होरियों को नाश कर दिया था. वे इन्हें वहां से निकालकर उनके स्थान पर बस गए और आज तक वे उसी स्थान पर रह रहे हैं. 23वैसे ही अव्वी भी अज्जाह2:23 या गाज़ा तक विभिन्‍न ग्रामों में बस गए हैं, काफ़तोरवासी2:23 अर्थात् क्रेतेवासी आए और उन्हें नाश कर उनके नगरों में बस गए.)

हेशबोन के सीहोन राजा की हार

24“अब कूच करो और आरनोन घाटी में से होकर आगे बढ़ो. देखो, मैंने अमोरी सीहोन, जो हेशबोन का राजा है, उसे और उसके देश को तुम्हारे अधीन कर दिया है. उससे युद्ध करना शुरू करके उसके देश पर अधिकार करना शुरू कर दो. 25आज से मैंने सारी पृथ्वी के जनताओं पर, तुम्हारा भय और थरथराहट पैदा कर दी है, कि वे जैसे ही तुम्हारा नाम सुनेंगे, वे तुम्हारे कारण डर और शिथिल होने की स्थिति में जा पड़ेंगे.”

26फिर मैंने केदेमोथ के निर्जन प्रदेश से हेशबोन के राजा सीहोन के दूतों के द्वारा संधि का संदेश भेजा, 27“मुझे अपने देश की भूमि पर से होकर आगे बढ़ने की आज्ञा दे दीजिए. मैं सिर्फ राजमार्ग पर ही यात्रा करूंगा; मैं इस मार्ग से न तो बाएं मुड़ुंगा न दाएं. 28आप मुझे खाने के लिए भोजन और पीने के लिए जल बेचेंगे. सिर्फ कृपा कर आप हमें यहां से पैदल निकल जाने की अनुमति दे दीजिए, 29ठीक जिस प्रकार सेईरवासी एसाव और आर के निवासी मोआबियों ने हमें यह सुविधा प्रदान की थी, कि हम यरदन को पार कर उस देश में पहुंच सकें, जो याहवेह, हमारे परमेश्वर हमें दे रहे हैं.” 30मगर हेशबोन का राजा सीहोन हमें अपने देश में से होकर निकल जाने देने के बारे में राज़ी न हुआ; क्योंकि याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने उसकी आत्मा को कठोर बनाकर उसके हृदय को इस उद्देश्य से हठीला बना दिया था, कि उसे तुम्हारे अधीन कर दें; जैसा वह आज भी है.

31याहवेह ने मुझे संकेत दिया, “अब देखो, मैंने सीहोन और उसके देश को तुम्हारे अधीन करने का काम शुरू कर दिया है. भूमि अपने अधिकार में लेना शुरू कर दो, कि उसका देश तुम्हारे अधिकार में आ जाए.”

32तब सीहोन अपनी सारी सेना को लेकर हमसे युद्ध करने के उद्देश्य से याहज़ नामक स्थान पर आ गया, 33याहवेह, हमारे परमेश्वर ने उसे हमारे अधीन कर दिया, हमने उसे और उसके पुत्रों को सारी सेना के साथ हरा दिया. 34तब हमने उसी समय उसके हर एक नगर को अपने अधीन कर नगर के सारे स्त्री-पुरुषों और बालकों को पूरी तरह से नाश कर दिया. हमने एक भी उत्तरजीवी शेष न रहने दिया. 35हमने सिर्फ पशु और नगरों से प्राप्‍त सामग्री को अपने लिए रख लिया. 36आरनोन घाटी की सीमा के अरोअर से और घाटों में स्थित नगर से गिलआद तक कोई भी नगर ऐसा न था, जिसकी दीवार हमारे सामने छोटी साबित हुई हो. याहवेह, हमारे परमेश्वर ने सभी को हमारे अधीन कर दिया. 37तुम सिर्फ अम्मोन के वंशजों के देश के निकट नहीं गए और न ही यब्बोक नदी के तट तक और न पर्वतीय क्षेत्रों तक, जहां कहीं याहवेह, हमारे परमेश्वर ने हमें न जाने का आदेश दिया था.