골로새서 3 – KLB & NCA

Korean Living Bible

골로새서 3:1-25

하늘 나라 일만 생각하라

1그러므로 여러분이 그리스도와 함께 다시 살리심을 받았으면 위에 있는 것을 찾으십시오. 거기는 그리스도께서 하나님의 오른편에 앉아 계시는 곳입니다.

2여러분은 하늘에 있는 것을 생각하고 땅에 있는 것을 생각하지 마십시오.

3이것은 여러분이 죽었고 여러분의 생명이 그리스도와 함께 하나님 안에 감추어져 있기 때문입니다.

4우리의 생명이신 그리스도께서 나타나실 때에는 여러분도 그분과 함께 영광 가운데 나타나게 될 것입니다.

5그러므로 여러분은 땅에 있는 육체의 욕망을 죽이십시오. 음란과 더러운 짓과 정욕과 악한 욕망과 지나친 욕심은 버려야 합니다. 지나친 욕심은 우상 숭배입니다.

6이런 것 때문에 하나님의 노여우심을 사게 됩니다.

7여러분도 전에 이런 욕망으로 살 때에는 그런 짓을 하였으나

8이제는 분한 생각과 화내는 것과 악의와 비방과 입에서 나오는 더러운 말을 버리십시오.

9여러분은 서로 거짓말을 하지 마십시오. 옛날의 여러분은 이미 죽었고

10이제는 새사람이 되었습니다. 이 새사람은 여러분 안에 새 생명을 창조하신 하나님의 모습을 따라 참된 지식에 이르도록 새롭게 되어가고 있습니다.

11여기에는 그리스 사람이나 유대인이나 할례를 받은 사람이나 할례를 받지 않은 사람이나 야만인이나 3:11 헬 ‘스구디아인’미개인이나 종이나 자유인이나 차별이 없습니다. 그리스도는 모든 것 그 자체이며 모든 것 안에 계십니다.

12여러분은 하나님이 택하신 사랑받는 거룩한 사람들입니다. 그러므로 불쌍히 여기는 마음과 친절과 겸손과 부드러움과 인내로

13서로 참으며 언짢은 일이 있더라도 주님께서 여러분을 용서하신 것같이 서로 용서하십시오.

14그리고 이 모든 것 위에 사랑을 더하십시오. 사랑은 그 모든 것을 완전히 하나로 묶어 주는 띠와 같은 것입니다.

15그리스도의 평안이 여러분의 마음을 다스리게 하십시오. 평안을 위해 여러분은 한몸으로 부르심을 받았습니다. 그리고 여러분은 감사하는 사람이 되십시오.

16그리스도의 말씀이 여러분 가운데 풍성하게 하여 모든 지혜로 서로 가르치고 권면하며 시와 찬미와 영적인 노래를 부르며 감사하는 마음으로 하나님을 찬양하십시오.

17그리고 무엇을 하든지 말과 행동에 주 예수님의 이름으로 하고 그분을 통해 하나님 아버지께 감사하십시오.

아름다운 가정 생활

18아내들은 남편에게 복종하십시오. 이것은 주님을 믿는 사람으로서 마땅히 해야 할 일입니다.

19남편들은 아내를 사랑하고 괴롭히지 마십시오.

20자녀들은 모든 일에 부모에게 순종하십시오. 이것이 주님을 기쁘시게 하는 일입니다.

21부모들은 자녀들의 감정을 건드려 화나게 하지 마십시오. 그렇게 하면 그들이 낙심하게 될 것입니다.

22종들은 모든 일에 자기 주인에게 순종하십시오. 단순히 사람을 기쁘게 하는 사람들처럼 눈가림만 하지 말고 주님을 두려워하며 성실한 마음으로 주인을 섬기십시오.

23무슨 일을 하든지 사람에게 하듯 하지 말고 주님께 하듯 성실하게 하십시오.

24여러분은 주님에게 3:24 또는 ‘유업의 상’하늘의 축복을 상으로 받게 될 것을 기억하십시오. 여러분은 주님이신 그리스도를 섬기는 사람들입니다.

25그리고 나쁜 짓을 하는 사람은 반드시 그 대가를 받을 것입니다. 하나님은 외형적인 것을 보고 사람을 차별하지 않으십니다.

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

कुलुस्सी 3:1-25

पबितर जिनगी जीये बर नियम

1जब तुमन मसीह के संग जीयाय गे हवव, त अपन मन ला ऊपर, स्वरगीय बातमन म लगावव, जिहां मसीह ह परमेसर के जेवनी हांथ कोति बईठे हवय। 2अपन मन ला ऊपर, स्वरगीय बातमन म लगावव, धरती के बात म नइं। 3काबरकि तुमन मर गे हवव, अऊ तुम्‍हर जिनगी ह अब मसीह के संग परमेसर म लुकाय हवय। 4जब मसीह, जऊन ह तुम्‍हर जिनगी ए, परगट होही, तब तुमन घलो ओकर संग महिमा म परगट होहू।

5एकरसेति, अपन ओ सुभावमन ला मार डारव, जऊन मन संसारिक अंय – जइसने कि बेभिचार, असुधता, काम-वासना, खराप-लालसा अऊ लोभ जऊन ह मूरती-पूजा सहीं अय। 6एकरे कारन परमेसर के परकोप ओमन ऊपर आथे, जऊन मन ओकर हुकूम नइं मानय। 7एक समय रिहिस, जब तुमन घलो अइसने जिनगी जीयत रहेव, अऊ ए किसम के बात म चले के तुम्‍हर आदत रिहिस। 8पर अब ए जरूरी अय कि तुमन अइसने जम्मो बात ला छोंड़ दव, याने कोरोध, रोस, बईरता, निन्दा, खराप गोठ करई। 9एक-दूसर के संग लबारी झन मारव, काबरकि तुमन अपन जुन्ना सुभाव ला ओकर आदत सहित निकार दे हवव, 10अऊ नवां सुभाव ला पहिर ले हवव, जऊन ह गियान म नवां बनत जावत हवय अऊ एह अपन सिरजनहार के सरूप म होवथे। 11ए नवां जिनगी म, न तो कोनो यूनानी ए अऊ न यहूदी, न खतना वाला अऊ न खतनारहित, न जंगली, न असभ्य, न गुलाम अऊ न सुतंतर। पर मसीह ह जम्मो कुछू ए, अऊ ओह जम्मो म हवय।

12तुमन पबितर अऊ बहुंते मयारू अव। एकरसेति, परमेसर के चुने मनखेमन सहीं, अपन-आप ला तरस, दया, दीनता, नमरता अऊ धीरज ले भर लेवव। 13एक-दूसर के सहन करव अऊ एक-दूसर ला छेमा करव, चाहे एक-दूसर के बिरोध म कोनो घलो किसम के सिकायत होवय। छेमा करव, जइसने परभू ह तुमन ला छेमा करिस। 14अऊ ए जम्मो बात के ऊपर मया ला बनाय रखव, जऊन ह तुमन ला सही एकता म एक संग बांधके रखथे।

15मसीह के सांति तुम्‍हर हिरदय म बने रहय, जइसने कि तुमन एक देहें के अंग के रूप म बलाय गे हवव। अऊ धनबाद देवइया बने रहव। 16मसीह के बचन ह तुमन म बहुंतायत से बने रहय, जइसने कि तुमन बड़ समझदारी के संग एक-दूसर ला सीखोथव अऊ सलाह देथव, अऊ जइसने कि अपन हिरदय म धनबाद सहित परमेसर बर भजन, इस्तुति अऊ आतमिक गीत गाथव। 17अऊ जऊन कुछू घलो तुमन कहिथव अऊ करथव, ए जम्मो बात परभू यीसू के नांव म करव अऊ परभू यीसू के जरिये परमेसर ददा ला धनबाद देवव।

मसीही परिवार बर नियम

18हे घरवाली हो, अपन-अपन घरवाला के अधीन रहव, जइसने कि एह परभू म उचित अय।

19हे घरवाला हो, अपन-अपन घरवाली ला मया करव अऊ ओमन के संग कठोर बरताव झन करव।

20हे लइकामन हो, हर एक बात म अपन-अपन दाई-ददा के बात मानव, काबरकि परभू ह एकर ले खुस होथे।

21हे ददामन हो, अपन लइकामन ला तंग झन करव, नइं तो ओमन हतास हो जाहीं।

22हे गुलाममन हो, हर एक बात म अपन-अपन मालिक के हुकूम मानव। सिरिप जब ओमन तुमन ला देखत रहिथें या सिरिप ओमन के दिल जीते बर ही, ए काम झन करव, पर निस्कपट हिरदय ले परभू के आदर खातिर ए काम करव। 23जऊन कुछू घलो तुमन करथव, अपन पूरा मन लगाके करव। ए समझके कि तुमन परभू खातिर करथव, मनखेमन खातिर नइं। 24तुमन जानथव कि इनाम के रूप म, तुमन ला परभू ले एक बिरासत मिलही। काबरकि ओह परभू मसीह ए, जेकर सेवा तुमन करत हव। 25जऊन ह खराप काम करथे, ओह अपन खराप काम के परतिफल पाही, काबरकि परमेसर ह काकरो संग पखियपात नइं करय।