雅歌 6 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

雅歌 6:1-13

6

エルサレムの娘たち

1だれよりも美しい人よ。

あなたの愛する人はどこへ行ったのですか。

その方を捜してあげましょう。」

おとめ

2あの方は、ご自分の庭園、香料の花壇へ行きました。

羊の群れを飼い、ゆりの花を集めるためです。

3私は愛する方のもの、愛する方は私のもの。

あの方は、ゆりの花の間で羊の群れを飼っています。」

ソロモン王

4愛する人よ。

あなたは眺めのよいティルツァ(サマリヤの東にある町)のように美しく、

エルサレムのように愛らしい。

あなたは私をとりこにした。

5そんなに見つめないでくれ。

あなたの目に、吸い込まれてしまいそうだ。

あなたの顔にゆれる髪は、

ギルアデの山腹を跳びはねて降りて来る

やぎの群れのようだ。

6歯は、体を洗い流したばかりの雌羊のように、

真っ白で、きれいな歯ならびだ。

7髪の毛のかかる頬はなんともかわいらしい。

8私には、王妃が六十人、そばめは八十人、

おとめたちは数知れずいる。

9だが、あなたのような完全な女性は、

ただの一人もいない。

エルサレムの女たちは、あなたを見て歓声を上げた。

王妃やそばめたちでさえ、あなたをほめそやした。

10『夜明けのように上ってきて、

月のようにおしとやかな、太陽のように明るい、

私たちを魅了してしまうこの方は、

いったいだれですか』と。」

おとめ

11私はくるみ林と谷へ行ってみました。

春の訪れを知りたかったからです。

ぶどうの木が芽を吹いたか、

もう、ざくろの花が咲いたかを見に。

12でも、いつしか生まれ故郷がたまらなく恋しくなり、

帰りたくなりました。」

エルサレムの娘たち

13シュラムの娘さん、帰って来てください。

私たちのところへ戻って来てください。

もう一度、あなたの顔を見たいのです。」

おとめ

「どうして、ただのシュラムの女を、

そんなに見たいのですか。」

ソロモン王

「それは、あなたが見事な舞を見せるからだ。」

Hindi Contemporary Version

सर्वश्रेष्ठ गीत 6:1-13

मित्रगण

1स्त्रियों में परम सुंदरी,

कहां चला गया है तुम्हारा प्रेमी?

किस मोड़ पर बढ़ गया है वह,

हमें बताओ कि हम भी तुम्हारे साथ उसे खोजें?

नायिका

2मेरा प्रेमी अपनी वाटिका में है,

जहां बलसान की क्यारियां हैं.

कि वह वहां अपनी भेड़-बकरियों को चराए,

कि वहां वह सोसन के फूल इकट्ठा करे.

3मैं अपने प्रेमी की हो चुकी हूं तथा वह मेरा;

वही, जो अपनी भेड़-बकरियों को सोसन के फूलों के बीच में चरा रहा है.

नायक

4मेरी प्रियतमा, तुम तो वैसी ही सुंदर हो, जैसी तिरज़ाह6:4 तिरज़ाह उत्तरी इस्राएल की एक प्राचीन राजधानी थी,

वैसी ही रूपवान, जैसी येरूशलेम,

वैसी ही प्रभावशाली, जैसी झंडा फहराती हुई सेना.

5हटा लो मुझसे अपनी आंखें;

क्योंकि उन्होंने मुझे व्याकुल कर दिया है.

तुम्हारे बाल वैसे ही हैं, जैसे बकरियों का झुण्ड़,

जो गिलआद से उतरा हुआ है.

6तुम्हारे दांत अभी-अभी ऊन कतरे हुए

भेड़ों के समान हैं,

उन सभी के जुड़वां बच्‍चे होते हैं,

तथा जिनमें से एक भी अकेला नहीं है. 7तुम्हारे गाल ओढ़नी से ढंके हुए

अनार की दो फांक के समान हैं.

8वहां रानियों की संख्या साठ है

तथा उपपत्नियों की अस्सी,

दासियां अनगिनत हैं,

9किंतु मेरी कबूतरी, मेरी निर्मल सुंदरी, अनोखी है,

अपनी माता की एकलौती संतान,

अपनी जननी की दुलारी.

जैसे ही दासियों ने उसे देखा, उसे धन्य कहा;

रानियों तथा उपपत्नियों ने उसकी प्रशंसा की, उन्होंने कहा:

मित्रगण

10कौन है यह, जो भोर के समान उद्भूत हो रही है,

पूरे चांद के समान सुंदर, सूर्य के समान निर्मल,

वैसी ही प्रभावशाली, जैसे झंडा फहराती हुई सेना?

नायिका

11मैं अखरोट के बगीचे में गयी

कि घाटी में खिले फूलों को देखूं,

कि यह पता करूं कि दाखलता में कलियां लगी हैं या नहीं.

अनार के पेड़ों में फूल आए हैं या नहीं.

12इसके पहले कि मैं कुछ समझ पाती,

मेरी इच्छाओं ने मुझे मेरे राजकुमार के रथों पर पहुंचा दिया.

मित्रगण

13लौट आओ, शुलामी, लौट आओ;

लौट आओ, लौट आओ, कि हम तुम्हें देख सकें!

नायक

तुम लोग शुलामी को क्यों देखोगे,

मानो यह कोई दो समूहों6:13 दो समूहों मूल में माहानाईम उत्प 32:2 देखें का नृत्य है?