詩篇 91 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

詩篇 91:1-16

91

1私たちは、

どんなものにもまさる神によってかくまわれ、

この全能のお方のふところに住んでいます。

2私は宣言します。

「神こそ私の避難所、また安全地帯です。

この神への信頼を失うことはありません。」

3主はどのような罠からもあなたを救い出し、

いのちを損なう病からも守ってくださいます。

4主の翼の下に、あなたはかくまわれるのです。

また、主の変わることのない約束が、

あなたのよろいとなるのです。

5ですから、もう暗闇を恐れることはありません。

真昼の襲撃にもおののくことはありません。

6暗闇に乗じてはびこる疫病も、

明け方を襲う災害も恐れるに足りません。

7たとえ千人がそばに倒れ、

一万人の死体があたりを埋め尽くそうと、

悪い者が私に触れることはありません。

8私はただ、悪者が罰せられるのを

眺めていればよいのです。

9私には、主という避難所があります。

私はこのお方を、

すべての神々にまさる神として選びました。

10ですから、災難に見舞われたり、

病にかかったりするはずがありません。

11神が御使いたちに言いつけて、

行く先々で守ってくださるからです。

12山道でも、石につまずかないように、

手で支えてくださいます。

13ライオンに出くわそうと、毒蛇を踏もうと、

恐れずに踏みにじることができるのです。

14主はこう言っておられます。

「わたしを愛する者を、救い出そう。

わたしを信頼する者を偉大な人物にしよう。

15その者が呼べば答えてやり、

苦しんでいる時にはそばにいる。

その者を救い出し、誉れを与えよう。

16わたしは彼を救って、充実した人生を送らせよう。」

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 91:1-16

स्तोत्र 91

1वह, जिसका निवास सर्वोच्च परमेश्वर के आश्रय में है,

सर्वशक्तिमान के छाया कुंज में सुरक्षित निवास करेगा.

2याहवेह के विषय में मेरी घोषणा है, “वह मेरे आश्रय, मेरे गढ़ हैं,

मेरे शरणस्थान परमेश्वर हैं, जिनमें मेरा भरोसा है.”

3वह तुम्हें सभी फंदे से बचाएंगे,

वही घातक महामारी

से तुम्हारी रक्षा करेंगे.

4वह तुम्हें अपने परों में छिपा लेंगे,

उनके पंखों के नीचे तुम्हारा आश्रय होगा;

उनकी सच्चाई ढाल और गढ़ हैं.

5तुम न तो रात्रि के आतंक से भयभीत होगे,

न ही दिन में छोड़े गए बाण से,

6वैसे ही न उस महामारी से, जो अंधकार में छिपी रहती है,

अथवा उस विनाश से, जो दिन-दोपहरी में प्रहार करता है.

7संभव है कि तुम्हारे निकट हजार

तथा तुम्हारी दायीं ओर दस हजार आ गिरें,

किंतु वह तुम तक नहीं पहुंचेगा.

8तुम स्वयं अपनी आंखों से देखते रहोगे

और देखोगे कि कैसा होता है कुकर्मियों का दंड.

9याहवेह, आप, जिन्होंने सर्वोच्च स्थान को अपना निवास बनाया है,

“मेरे आश्रय हैं.”

10कोई भी विपत्ति तुम पर आने न पाएगी

और न कोई विपत्ति ही तुम्हारे मंडप के निकट आएगी.

11क्योंकि वह अपने स्वर्गदूतों को तुम्हारी हर एक

गतिविधि में तुम्हारी सुरक्षा का आदेश देंगे;

12वे तुम्हें अपने हाथों में उठा लेंगे,

कि कहीं तुम्हारे पांव को पत्थर से ठोकर न लग जाए.

13तुम सिंह और नाग को कुचल दोगे;

तुम पुष्ट सिंह और सर्प को रौंद डालोगे.

14यह याहवेह का आश्वासन है, “मैं उसे छुड़ाऊंगा, क्योंकि वह मुझसे प्रेम करता है;

मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, क्योंकि उसने मेरी महिमा पहचानी है.

15जब वह मुझे पुकारेगा, मैं उसे उत्तर दूंगा;

संकट की स्थिति में मैं उसके साथ रहूंगा,

उसे छुड़ाकर मैं उसका सम्मान बढ़ाऊंगा.

16मैं उसे दीर्घायु से तृप्‍त करूंगा

और मैं उसे अपने उद्धार का अनुभव कराऊंगा.”