詩篇 43 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

詩篇 43:1-5

43

1ああ神よ、情け容赦なくだまし取ろうとする

者どもの言いがかりから、守ってください。

2あなたは、かけがえのない隠れ家なのです。

どうして、私のことなど知らないかのように

突き放されるのですか。

どうして、私が敵に痛めつけられて

嘆かなければならないのですか。

3どうか、あなたの光と真実を送って、

きよいシオンの山にある神の宮へと

私を導くようにしてください。

4この上ない喜びにあふれて祭壇の前に立ち、

竪琴をかきならしながら賛美したいのです。

ああ神よ。

5私のたましいよ、

どうしてそんなに気落ちしてふさぎ込むのか。

神に何もかも任せなさい。

きっとすばらしい助けの手が差し伸べられ、

感謝の思いに満たされる。

神は再び、私をほほえませてくださる。

このお方こそ、私の神。

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 43:1-5

स्तोत्र 43

1परमेश्वर, मुझे निर्दोष प्रमाणित कीजिए,

श्रद्धाहीन पीढ़ी के विरुद्ध

मेरे पक्ष में निर्णय दीजिए.

मुझे झूठ बोलने वालों से एवं दुष्ट लोगों

से मुक्त कीजिए.

2क्योंकि आप वह परमेश्वर हैं, जिनमें मेरा बल है.

आप मुझे भूल क्यों गए?

मेरे शत्रुओं द्वारा दी जा रही यातनाओं के कारण,

मुझे शोकित क्यों होना पड़ रहा है?

3अपनी ज्योति तथा अपना सत्य भेज दीजिए,

उन्हें ही मेरी अगुवाई करने दीजिए;

कि मैं आपके पवित्र पर्वत तक पहुंच सकूं,

जो आपका आवास है.

4तब मैं परमेश्वर की वेदी के निकट जा सकूंगा,

वही परमेश्वर, जो मेरे परमानंद हैं.

तब परमेश्वर, मेरे परमेश्वर,

मैं किन्‍नोर की संगत पर आपकी वंदना करूंगा.

5मेरे प्राण, तुम ऐसे खिन्‍न क्यों हो?

क्यों मेरे हृदय में तुम ऐसे व्याकुल हो गए हो?

परमेश्वर पर भरोसा रखो,

क्योंकि यह सब होते हुए भी

मैं याहवेह का स्तवन करूंगा.